‘पर्ची बड़ी खतरनाक है, लोगों के होश उड़ जाते हैं’:घनश्याम तिवाड़ी बोले-विधायकों की डिजायर विशेषाधिकार का हनन, मैंने कभी नहीं की
'पर्ची बड़ी खतरनाक है, लोगों के होश उड़ जाते हैं':घनश्याम तिवाड़ी बोले-विधायकों की डिजायर विशेषाधिकार का हनन, मैंने कभी नहीं की

जयपुर : राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने मंगलवार को कहा कि डिजायर करना सदन के विशेषाधिकारों का हनन है। इसका ट्रांसफर यहां कर दो, वहां कर दो, यह डिजायर सिस्टम बन गया है। यह विशेषाधिकार का हनन है। उन्होंने राजस्थान विधानसभा में विधायकों की ट्रेनिंग वर्कशॉप में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मैं खुद की तारीफ नहीं करता, लेकिन मैंने 40 साल के संसदीय जीवन में कभी डिजायर नहीं की और मंत्री था तो कोई गवर्नमेंट ऑर्डर नहीं किया। काम इसके बिना भी हो सकता है। इस दौरान एक विधायक ने कहा कि काम पर्ची से कर सकते हैं। इस पर राज्यसभा सांसद ने कहा- यह पर्ची बड़ी खतरनाक है। जब यह निकलती है, तो होश उड़ जाते हैं लोगों के। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे पर्ची आ गई है, समय कम बचा है।
सवाल पूछकर सदन से गायब होना भी विशेषाधिकार का हनन
तिवाड़ी ने कहा- विशेषाधिकार हनन को लेकर समय- समय पर संसद और विधानसभाओं में खूब बहस हुई हैं। विधायक के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन हो सकता है। पंडित नेहरु के समय तुलमोहनकांड हुआ था। उस वक्त 23 सांसदों ने लाइसेंस की सिफारिश की, नेहरू ने मान लिया था कि यह विशेषाधिकारों का हनन है। उन 23 सांसदों की मेंबरशिप खत्म होने वाली थी। हालांकि स्पीकर उदार होते हैं, उन्होंने चेतावनी देकर छोड़ दिया। कोई सांसद, विधायक सवाल पूछे और पूछकर सदन से गायब हो जाए तो यह भी विशेषाधिकार हनन की कैटेगरी में आता है। आप सवाल लगा दें, बाहर समझौता कर लें यह गलत है।
बोलना है तो अध्यक्ष से आंख मिलाना सीखें विधायक
राज्यसभा सांसद तिवाड़ी ने कहा कि नए विधायक विधानसभा स्पीकर से आंख मिलाना सीख लें। बिल पारित होते वक्त जैसे ही मंत्री पारण का प्रस्ताव रखें, उसी समय विधायक खड़े होकर अध्यक्ष से आंख मिलाएं और अध्यक्ष महोदय कहकर बोलना शुरू कर दें, ऐसे में बोलने की अनुमति देनी होगी। यदि अध्यक्ष से आंख मिलाना सीख लेंगे तो बोलने का मौका मिल जाएगा।
तब वाजेपयी ने कहा था- ऊंटों के भाव बिक गए विधायक
तिवाड़ी ने विशेषाधिकार हनन प्रस्तावों पर कहा- इस सदन में अनेक बार विशेषाधिकार हनन पर चर्चा हुई है। अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा चुका हैं। कांग्रेस राज की बात है, उस समय पूनम चंद विश्नोई विधानसभा स्पीकर थे। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई, तब वाजपेयी ने कहा था- विधायक ऊंटों की तरह बिक गए। इस बयान पर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया।
विधानसभा में सासंद के खिलाफ नहीं ला सकते हनन प्रस्ताव
तिवाड़ी ने कहा कि वाजपेयी के विशेषधिकार हनन मामले में बहुत लंबी चर्चा हुई। उस समय के स्पीकर पूनम चंद बिश्नोई ने जो फैसला दिया, उसे आज भी देशभर की विधानसभाओं में नजीर की तरह पेश किया जाता है। उन्होंने निर्णय दिया कि यह सदन किसी दूसरे सदन के सदस्य के विशेषाधिकार पर चर्चा नहीं कर सकता। वाजपेयी सांसद थे, इसलिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन खारिज हो गया। हालांकि वर्कशॉप में तिवाड़ी ने चुटकी लेते हुए कहा-अध्यक्षजी किसी पर वारंट जारी कर सकते हैं, लेकिन घनश्याम तिवाड़ी के खिलाफ नहीं। क्योंकि मैं राज्यसभा का मेंबर हूं।
वसुंधरा ने पर्ची देखकर की थी भजनलाल को सीएम बनाने की घोषणा
बीजेपी विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा को सीएम बनाने की घोषणा वसुंधरा राजे ने पर्ची देखकर की थी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को पर्ची दी थी, उस पर्ची को देखकर वसुंधरा राजे कुछ समय के लिए अवाक रह गई थीं, फिर उन्होंने भजनलाल के नाम की घोषणा की। उनके हावभाव सियासी चर्चाओं में रहे थे।