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बेटियों को पढ़ाने की सजा सुनकर ब्रेन हेमरेज हुआ:जातीय पंचायत ने बीच सड़क सुनाया फैसला; सदमे में सुसाइड करने पहुंचा


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बेटियों को पढ़ाने की सजा सुनकर ब्रेन हेमरेज हुआ:जातीय पंचायत ने बीच सड़क सुनाया फैसला; सदमे में सुसाइड करने पहुंचा

बेटियों को पढ़ाने की सजा सुनकर ब्रेन हेमरेज हुआ:जातीय पंचायत ने बीच सड़क सुनाया फैसला; सदमे में सुसाइड करने पहुंचा

जोधपुर शहर की पॉश कॉलोनी। 6 दिन पहले 9 जनवरी को यहां जातीय पंचायत लगती है। थाने से 500 मीटर दूर बीच सड़क पर हुई इस पंचायत में फैसला सुनाया जाता है समाज के ही समाजसेवी को लेकर। आरोप लगाया कि वह समाज की बेटियों को पढ़ने के लिए जागरूक कर रहा है।

जातीय पंचायत ने सजा का ऐलान किया तो पीड़ित डिप्रेशन में आकर सुसाइड करने रेलवे ट्रैक पर चला जाएगा। हालांकि यह कदम नहीं उठाया, लेकिन जब घर लौटा तो चिल्लाने लगा। आखिर डिप्रेशन में आकर ब्रेन हेमरेज हो गया। अब पिछले 6 दिन से हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

ये पूनाराम हैं, जो अभी महात्मा गांधी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। अभी हालत गंभीर बताई जा रही है।
ये पूनाराम हैं, जो अभी महात्मा गांधी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। अभी हालत गंभीर बताई जा रही है।

समाज की पंचायत ने ये भी आरोप लगाए…

  • समाज की बच्चियों को स्पोट्‌र्स में बढ़ावा दे रहा है
  • समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर रहा है

इधर, समाज सेवी पूनाराम और उनका परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। पंचायत के फैसले पर पूनाराम के पिता ने जुर्माना भी भर दिया। लेकिन, पूनाराम अब हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं।

15 साल से कर रहे समाजसेवा
40 वर्षीय पूनाराम सांसी रातानाड़ा की इसी बस्ती में रहते हैं। यह बस्ती शहर के रातानाड़ा थाना क्षेत्र से महज 500 मीटर की दूरी पर है। 15 से 20 हजार घर यहां सांसी समाज के हैं। यहां पर जातीय (खाप) पंचायत चलती है। इसी पंचायत के नियम चलते हैं। नियम है कि समाज की पंचायत का फैसला नहीं माना तो हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है और समाज से बाहर निकाल दिया जाता है।

पूनाराम 15 साल से जातीय पंचायत के खिलाफ जाकर अपने समाज की बेटियों और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

इसी को लेकर 9 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे पंचायत बुलाई गई और समाज की पंचायत ने 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

इधर, पिता समाज से बहिष्कृत होने के डर से पंचों के पास पहुंचे और जुर्माना अदा कर दिया। यह बात पूनाराम सहन नहीं कर पाए। उसी दिन रेलवे ट्रैक पर सुसाइड करने पहुंच गए। यहां उन्होंने एक वीडियो भी बनाया। गनीमत रही कि उन्होंने सुसाइड जैसा कदम नहीं उठाया।

यह वीडियो पूनाराम ने 9 जनवरी को बनाया था। इसमें उन्होंने कहा कि मैं पंचों के फैसले से परेशान हो चुका हूं।
यह वीडियो पूनाराम ने 9 जनवरी को बनाया था। इसमें उन्होंने कहा कि मैं पंचों के फैसले से परेशान हो चुका हूं।

वीडियो में बोले- पुलिस की नाक के नीचे चल रही है यह पंचायत
कई साल से सांसी समाज की पंचायत जुर्माना और बहिष्कृत के नाम पर वसूली कर रही है। जब भी कोई सामाजिक कार्यकर्ता उनके सिस्टम के खिलाफ लड़ता है तो उस पर सामाजिक रूप से कई आरोप लगाए जाते हैं। उन्हें प्रताड़ित कर बहिष्कृत कर दिया जाता है। मैं ऐसी व्यवस्थाओं के खिलाफ लड़ता आ रहा हूं। जब मेरे द्वारा ऐसी व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई गई और सोशल मीडिया पर जागरूक किया तो मुझ पर जुर्माना लगा कर बहिष्कृत किया गया। मैं इस घटनाक्रम से बहुत आहत हूं और भविष्य में किसी प्रकार का आत्मदाह करता हूं तो इसके जिम्मेदार समाज की पंचायत के पुखराज उर्फ पुखाराम दासावत, श्यामलाल लाखावत, भूराराम देवड़ा, गोपाल देवड़ा व उनके अन्य साथी होंगे।

केशाराम देवड़ा जिन्होंने मुझे फोन कॉल किया और नत्थूराम रायचंद व अन्य पंच हैं जो कि अनैतिक गतिविधियों को संचालित कर समाज का शोषण कर रहे हैं। इन घटनाओं के बाद मुझ पर भी जुर्माना लगाया गया। मेरे परिवार से 11 हजार का जुर्माना वसूल लिया। इसकी जानकारी मिलने पर मैं आहत हुआ हूं। पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे ऐसी पंचायत ढर्रे से चल रही है, जो समाज का शोषण कर रहे हैं। भविष्य में मुझे कुछ हो जाता है तो ये लोग जिम्मेदार होंगे। मैं वर्तमान में रेलवे ट्रैक पर हूं। मैरे जैसे सैकड़ों लोग हैं जो इनकी गलत गतिविधियों से आहत हैं।

इसी जगह पर 9 जनवरी को पंचायत लगी थी। यह शहर का रातानाड़ा एरिया है और यहां से थाना 500 मीटर की दूरी पर है।
इसी जगह पर 9 जनवरी को पंचायत लगी थी। यह शहर का रातानाड़ा एरिया है और यहां से थाना 500 मीटर की दूरी पर है।

परिजन ढूंढते रहे, घर आकर बेहोश हो गए
पूनाराम ने रेलवे ट्रैक से अपना यह वीडियो लाइव किया था। पंचायत के बाद वह दोपहर ढाई बजे रेलवे ट्रैक पर पहुंचे थे। जैसे ही समाज के लोगों को इसके बारे में पता चला, उन्होंने पूनाराम के भाई धर्मेंद्र को कॉल किया। धर्मेंद्र दोपहर 3:06 बजे रेलवे ट्रैक पर पहुंचा, लेकिन वहां पूनाराम नहीं थे। घबराए हुए परिजन शिकारगढ़ स्थित आईडीबीआई बैंक में पहुंचे, जहां पूनाराम जॉब करते हैं। वहां पूनाराम को देखा तो शाम 6 बजे उन्हें घर ले आए।

लेकिन, पंचायत के फैसले से आहत पूनाराम घर आते ही जोर-जोर से चिल्ला कर रोने लगे। शाम करीब 7 बजे तबीयत बिगड़ गई और बेहोश होकर नीचे गिर गए। इस पर परिजन उन्हें रात करीब 8 ​बजे महात्मा गांधी हॉस्पिटल ले आए, जहां पता चला कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। अभी पूनाराम आईसीयू में ए​डमिट हैं।

पूनाराम 15 साल से समाज को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। लेकिन, जब पंचों ने फरमान सुनाया तो वह डिप्रेशन में आ गए।
पूनाराम 15 साल से समाज को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। लेकिन, जब पंचों ने फरमान सुनाया तो वह डिप्रेशन में आ गए।

भाई बोला- पंचायत जबरन वसूली कर रही है
पूनाराम के भाई धर्मेंद्र ने बताया- मेरे भाई सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ रहे हैं। वह समाज की कुरीतियों और समाज की पंचायत में जबरन वसूली के खिलाफ लड़ रहे थे। इसी पंचायत ने पूनाराम पर 11 हजार का जुर्माना लगाया। फरमान सुनाया कि 11 हजार नहीं देने पर 21 लाख जुर्माना लगाया जाएगा और समाज से बहिष्कृत किया जाएगा। परिवार के किसी भी सदस्य से समाज बोलचाल नहीं रखेगा।

भाई का आरोप- रसूखदार है पंचायत का मुखिया
पूनाराम के भाई धर्मेंद्र ने बताया कि यह पंचायत जोधपुर शहर में संचालित हो रही है। इस जातीय पंचायत का मुखिया चतराराम देशबंधु है। पार्षद इलेक्शन में इसके बेटे के चार संतान होने पर भी उसे कांग्रेस से टिकट दिया गया। भाजपा के पार्षद प्रत्याशी ने इसकी शिकायत की तो उस पर दंड लगाकर समाज से बहिष्कृत किया। धर्मेंद्र ने बताया कि पंचायत में कुल 42 लोग हैं। वह जैसा चाहते हैं, समाज में वैसा ही होता है।

पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत ने सीएम भजनलाल शर्मा को यह लेटर लिख कर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत ने सीएम भजनलाल शर्मा को यह लेटर लिख कर कार्रवाई की मांग की है।

इधर, पूर्व मंत्री गोपाल केसावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख कर इस मामले के बारे में जानकारी दी। इस पर पुलिस थाना एयरपोर्ट ने संज्ञान लेकर पंचायत के लोगों को पाबंद किया है। पुलिस पूनाराम के भी होश में आने का इंतजार कर रही है ताकि बयान लिए जा सकें।

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