10वीं पास मिस्त्री का कारनामा, कबाड़ के जुगाड़ से बनाई ईको-फ्रेंडली कार, एक बार चार्ज करने पर चलती है 30 किमी
10 वीं पास मिस्त्री ने कबाड़ से जुगाड़ कर ईको-फ्रेंडली कार बनाने में सफलता हासिल की है। यह कार 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती है। यह एक बार बैटरी चार्ज करने के बाद 30 किलोमीटर तक का सफर पूरा कर लेती है।
मदनगंज-किशनगढ़ : किशनगढ़ के एक 10 वीं पास मिस्त्री ने कबाड़ से जुगाड़ कर ईको-फ्रेंडली कार बनाने में सफलता हासिल की है। यह कार 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती है। यह एक बार बैटरी चार्ज करने के बाद 30 किलोमीटर तक का सफर पूरा कर लेती है। 30 किलोमीटर वाहन चलाने पर जहां पेट्रोल और डीजल खर्च औसतन 200 रुपए आता है, वहीं करीब एक से डेढ घंटा बैटरी चार्ज पर मात्र 18 से 20 रुपए खर्च आता है।
मीरा बावड़ी रोड शास्त्री नगर निवासी दिनेश सैन की यज्ञ भवन दुर्गा माता मंदिर के पास वैल्डिंग शॉप है। वे लोहे के दरवाजे आदि बनाने का काम करते हैं। उन्होंने कुछ समय पहले पुरानी गाडिय़ों के स्पेयर पार्ट्स एकत्र किए और एक कार बना दी।
इसके लिए उन्होंने मोटर, गाड़ियों की बैटरी, बाइक के टायर, कार की स्टेयरिंग इत्यादि सामान उपयोग में लिए। बाजार में अन्य वाहनों से अलग दिखने के लिए इस पर पीला व काला रंग किया। दिनेश ने बताया कि उन्होंने शौकिया तौर पर खुद के उपयोग के लिए कार बनाई, लेकिन अब इसे शादी समारोह आदि इवेंट में किराए पर देने से आमदनी शुरू हो गई है।
ताकि वजन रहे हल्का
कार हल्की रहे इसके लिए 20 गेज की चद्दर का इस्तेमाल किया गया है। पहिए मोटरसाइकिल के लिए गए हैं। बॉडी का कुछ हिस्सा पुराने टैम्पो और कुछ कार का इस्तेमाल किया गया है। हाईड्रोलिक सिस्टम के ब्रेक की बजाए मैनुअल ब्रेक लगाए हैं। हैडलाइट और बैक लाइट दो-दो हैं। दिनेश ने मात्र एक महीने में कार तैयार की है। इसकी वायरिंग में भूपेंद्र सैन और अर्जुनलाल ने मदद की है।
1 लाख 75 हजार रुपए का आया खर्च
दिनेश ने बताया कि कार में 6 बैट्रियां हैं जो कि 12-12 वोल्ट की हैं। इन्हें चार्ज करने में मात्र 18 से 20 रुपए बिजली खर्च आता है। एक बार बैट्रियां चार्ज करने पर यह औसतन 30 किमी चलती है। यह सड़क पर 25 किलोमीटर की स्पीड से चलती है। जहां दो लीटर पेट्रोल या डीजल में 30 किमी सफर के लिए करीब 200 रुपए खर्च होता है, वहीं इस कार में इस दूरी के सफर पर मात्र 18 से 20 रुपए ही बैटरी पर बिजली खर्च आता है। कार में चालक समेत 4 जने बैठ सकते हैं। इसके लिए आगे और पीछे दो-दो सीटें लगी हैं। कार बनाने में मात्र 1 लाख 75 हजार रुपए खर्चा आया।
रास नहीं आया चालक बनना
दिनेश महज 10वीं कक्षा तक पढ़े हैं। घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोडऩे के बाद टैक्सी चालक के रूप में काम किया। यह काम उन्हें ज्यादा समय तक रास नहीं आया और खुद को प्रेरित कर वर्ष 2012 में अपना वैल्डिंग का काम शुरू किया।