Who is Jogeshwar Garg in Hindi, Chief Whip in Rajasthan Assembly: राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही अब मुख्य सचेतक की भी नियुक्ति हो गई है। मंगलवार को जोगेश्वर गर्ग को राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक बनाया गया। वह सदन में फ्लोर मैनेजमेंट का काम संभालेंगे। जोगेश्वर गर्ग को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। आइए जानते हैं जोगेश्वर गर्ग कौन हैं…
जालोर से बीजेपी विधायक हैं जोगेश्वर गर्ग
जोगेश्वर गर्ग जालोर से बीजेपी विधायक हैं। उन्हें संघ का करीबी माना जाता है। जोगेश्वर 1968 से आरएसएस से जुड़े हैं। वह हिंदी और राजस्थानी के कवि भी हैं। वह पांच बार विधायक और एक बार मंत्री भी रह चुके हैं। इंटरनेट पर उनका खुद का ब्लॉग भी है। वह प्रॉपर्टी का कारोबार करते हैं।
इससे पहले जोगेश्वर गर्ग विपक्ष में रहते हुए बीजेपी विधायक दल के सचेतक थे। उन्हें पहले भजनलाल कैबिनेट में प्रमुख दावेदार बताया जा रहा था। हालांकि अब उन्हें मुख्य सचेतक की कमान सौंपी गई है। 1990 में पहली बार विधायक बनने के बाद सक्रिय राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जोगेश्वर गर्ग 1993 में भी MLA बने। हालांकि पांच साल बाद 1998 में हुए चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
शुभकामनाएं प्रदान करने हेतु आभार।। https://t.co/ZhsmH2qHAs
— जोगेश्वर गर्ग (@jogeshwarg) January 9, 2024
भैरोंसिंह शेखावत की सरकार में मंत्री
वे एक बार फिर 2003 में राजस्थान विधानसभा पहुंचे। हालांकि अगले 10 साल तक चुनाव नहीं जीत सके। उन्होंने इसके बाद 2018 और अब 2023 का लगातार चुनाव जीता। अब पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है। जोगेश्वर गर्ग भैरोंसिंह शेखावत की सरकार (1990) में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री रह चुके हैं। वह बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। बीमा और बैंकिंग सेक्टर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जोगेश्वर गर्ग ने पहला चुनाव 1990 में लड़ा था। गर्ग ने इस नियुक्ति पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके विपक्ष के विधायकों से भी मधुर संबंध हैं।
जालोर विधानसभा क्षेत्र विधायक श्री जोगेश्वर गर्ग जी को मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं ।@jogeshwarg pic.twitter.com/VzEW2ljcOu
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) January 9, 2024
क्या होता है मुख्य सचेतक?
मुख्य सचेतक को सरकार और विधायकों के बीच की कड़ी माना जाता है। वह फ्लोर मैनेजमेंट का काम देखते हैं। उन्हें पार्टी के नेता की आंख और कान भी कहा जाता है। वह नेताओं की इच्छाओं को पार्टी और मुख्यमंत्री तक पहुंचाते हैं। वह सदन में एक सलाहकार के रूप में भी काम करते हैं। मुख्य सचेतक दल में अनुशासन बनाए रखने के लिए भी उत्तरदायी होता है।