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जाट हुंकार सभा में ऐलान-10 दिन बाद रेलवे-ट्रैक पर महापड़ाव:विश्वेंद्र बोले- आरक्षण नहीं तो लोकसभा चुनाव में BJP को वोट नहीं


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जाट हुंकार सभा में ऐलान-10 दिन बाद रेलवे-ट्रैक पर महापड़ाव:विश्वेंद्र बोले- आरक्षण नहीं तो लोकसभा चुनाव में BJP को वोट नहीं

जाट हुंकार सभा में ऐलान-10 दिन बाद रेलवे-ट्रैक पर महापड़ाव:विश्वेंद्र बोले- आरक्षण नहीं तो लोकसभा चुनाव में BJP को वोट नहीं

भरतपुर : भरतपुर-धौलपुर के जाटों के लिए एक बार फिर आरक्षण की मांग उठी है। रविवार सुबह 10 बजे से आरक्षण की मांग को लेकर डीग शहर से 17 किलोमीटर दूर जनूथर कस्बे के भूतेश्वर मंदिर मैदान में जाट समाज की हुंकार सभा शुरू हुई।

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने सभा में घोषणा करते हुए केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया। कहा- भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण नहीं दिया तो 17 जनवरी को जयचोली (भरतपुर) गांव के पास दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर महापड़ाव डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि पहला पड़ाव 17 जनवरी को जयचोली से शुरू होगा। अगर सरकार नहीं मानी तो दूसरा पड़ाव बेडम गांव और तीसरा रारह में होगा। दूसरे और तीसरे पड़ाव की तारीख अभी तय नहीं है। पहले रेल रोकेंगे। इसके बाद रोड जाम करेंगे। हुंकार सभा के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने गांव-गांव जाकर पीले चावल बांटे थे। सभा दोपहर साढ़े तीन बजे समाप्त हुई।

पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा- लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, आरक्षण नहीं तो जाट समाज बीजेपी को वोट नहीं देगा।
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा- लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, आरक्षण नहीं तो जाट समाज बीजेपी को वोट नहीं देगा।

पूर्व कैबिनेट मंत्री बोले- आरक्षण नहीं तो वोट नहीं

आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक और पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की हुंकार सभा में पहुंचे। उन्होंने कहा- इस आंदोलन के लिए लड़ेंगे। महाराजा सूरजमल और महाराजा जवाहर सिंह ने दिल्ली आगरा को फतेह किया था। उन्होंने सभी जातियों को जाग्रत किया था। जाट सभी को साथ लेकर चलते हैं। जाट आरक्षण का भी सभी समर्थन कर रहे हैं। बयाना विधायक ऋतु बनावत ने समर्थन दिया, उनका धन्यवाद। क्या बीजेपी को आरक्षण नहीं चाहिए। इलाके से दो जाट बीजेपी विधायक हैं। एक ने कहा कि हॉस्पिटल हूं, माफी चाहता हूं। उनकी माफी मान ली। लेकिन डीग कुम्हेर विधायक कहां हैं। उन्हें युवाओं ने जिताया है। क्या उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए।

पूर्व मंत्री ने कहा- भरतपुर धौलपुर के जाटों को आरक्षण जरूर मिलेगा। प्रदेश में 16 लोकसभा सीटों पर जाटों का असर है। बीजेपी के लिए भरतपुर धौलपुर जिले बहुत जरूरी हैं। आप संकल्प लीजिए- आरक्षण नहीं तो बीजेपी को वोट नहीं देंगे।

आरक्षण की मांग को लेकर डीग शहर से 17 किलोमीटर दूर जनूथर कस्बे में जाट समाज की हुंकार सभा में जुटे लोग।
आरक्षण की मांग को लेकर डीग शहर से 17 किलोमीटर दूर जनूथर कस्बे में जाट समाज की हुंकार सभा में जुटे लोग।

बयाना विधायक बोलीं- पीएम को लेटर लिखा

बयाना विधायक ऋतु बनावत जाट हुंकार सभा में पहुंचीं। उन्होंने कहा- मैंने भरतपुर धौलपुर जाट समाज के केंद्र में आरक्षण के लिए पीएम को लेटर लिखा है। मैं विधानसभा में आपकी मांग जरूर उठाउंगी। मेरी लगातार कोशिश रहेगी कि भरतपुर धौलपुर जाट समाज को आरक्षण मिले।

उन्होंने कहा- राजस्थान के बाकी हिस्से के जाटों को केंद्र की नौकरियों में आरक्षण मिलता है। सिर्फ भौगोलिक आधार पर भरतपुर धौलपुर के जाटों को आरक्षण से वंचित रखा गया है। यह गलत है। भरतपुर धौलपुर के जाटों को केंद्र की नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में आरक्षण नहीं मिलता। पत्र लिखकर सीएम और पीएम से अपील की है कि इस मुद्दे पर ध्यान दें। इन दोनों जिलों के जाट समृद्ध नहीं हैं। यहां सिंचाई के साधन भी अच्छे नहीं हैं।

इन दोनों जिलों के जाट समाज के लोग परेशान हैं। उनके साथ ऐसा भेदभाव क्यों हो रहा है। सिर्फ भौगोलिक दशा के आधार पर आरक्षण का लाभ न मिलना नाइंसाफी है। मैं जाट सरदारी का साथ देने आई हूं। लड़ाई में समाज का साथ दूंगी। संविधान में सिर्फ भाषा को सुधारना है और कुछ नहीं करना। यह लिखना है कि पूरे राजस्थान के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया जाता है।

बयाना विधायक ऋतु बनावत जाट हुंकार सभा में पहुंचीं और समर्थन दिया।
बयाना विधायक ऋतु बनावत जाट हुंकार सभा में पहुंचीं और समर्थन दिया।

2015 में केंद्र से ख़त्म किया था आरक्षण

भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिए जाने की मांग 1998 से चली आ रही है। 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर धौलपुर जिलों के साथ अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था।

2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर- धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया। लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया। केंद्र में आरक्षण के लिए तब से मांग की जा रही है।

जाट समाज के लोग रविवार सुबह जल्दी भूतेश्वर मैदान पहुंच गए थे। बुजुर्गों की संख्या ज्यादा दिखी।
जाट समाज के लोग रविवार सुबह जल्दी भूतेश्वर मैदान पहुंच गए थे। बुजुर्गों की संख्या ज्यादा दिखी।

पूर्व सीएम आरक्षण के लिए केंद्र में कर चुके हैं सिफारिश

सितंबर 2021 में जब जाट समाज ने चक्काजाम का ऐलान किया था। तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था।

इसके बाद हम लोग दिल्ली ओबीसी कमीशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी मुलाकात की। लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया। अब राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन गई है।

केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। इसके साथ ही सौभाग्य की बात यह है कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि, बिना संघर्ष करे जाट समाज को केंद्र में आरक्षण मिल जाएगा।

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