कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा का भजनलाल सरकार पर जुबानी हमला, कहा- ये सरकार किसान विरोधी
राजाखेड़ा विधानसभा से विधायक रोहित बोहरा एवं धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा ने प्रेस वार्ता कर भाजपा की भजनलाल सरकार पर तीखा जुबानी हमला बोला है। बीजेपी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए 5000 पंचायत सहायकों को नौकरी से निकालने का भी बड़ा आरोप लगाया है। किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में विद्युत आपूर्ति नहीं मिलने पर सरकार को घेरा है।

धौलपुर : कांग्रेसी विधायक रोहित बोहरा ने कहा किसानों को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए अंबिका एवं मनिया में सब स्टेशन बनाने का प्रपोजल रखा गया था। वित्तीय स्वीकृति जारी कर कार्यकारी एजेंसी ने काम को भी शुरू कर दिया, लेकिन सबसे बड़ी समस्या 400 केवीए का स्टेशन धौलपुर जिला मुख्यालय पर बनने की रही थी।
उन्होंने कहा इसकी परमिशन सेंट्रल गवर्नमेंट से मिलती है। स्टेट गवर्नमेंट काम करने में असमर्थ थी। इस वजह से काम रुका हुआ है। विधायक रोहित ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि इसका काम शीघ्र शुरू होना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिलने की वजह से किसानों को रात्रि में जागना पड़ता है। बिजली की सप्लाई विभाग द्वारा रात्रि में दी जाती है।
भाजपा किसान विरोधी सरकार
विधायक रोहित बोहरा ने भाजपा पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा किसान विरोधी है। कड़ाके की सर्दी का सीजन चल रहा है। रात में बिजली सप्लाई मिलने की वजह से किसान परेशान है। उन्होंने कहा किसान के साथ वही कहावत सिद्ध हो रही है, मरता आदमी क्या नहीं करता है। विधायक ने मांग करते हुए कहा किसानों के ब्लॉक निर्धारित कर सुबह, दिन एवं शाम को विद्युत आपूर्ति दी जाए। उन्होंने कहा सरकार ने अगर किसानों की बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो विधानसभा में किसानों की आवाज जोर-शोर से उठाई जाएगी।
बीजेपी सरकार ने 5 हजार पंचायत सहायकों की नौकरी खत्म की
राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा ने भाजपा की भजनलाल लाल सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता हासिल करते ही 5000 पंचायत सहायकों की नौकरियां खत्म कर दी गई। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने नौकरियां दी थी। भाजपा चाहती तो नाम बदल सकती थी, लेकिन युवाओं की नौकरियां को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा पंचायत सहायकों का कांग्रेस सरकार ने 7000 से बढ़ाकर मानदेय 10000 तक किया था। इस प्रकार की राजनीति से राजस्थान का विकास नहीं हो सकता है। राजस्थान को विकास के पथ पर ले जाने के लिए नए तौर तरीके निकालने पड़ेंगे। विधायक ने कहा सरकार चाहे तो नाम बदल सकती है, लेकिन युवाओं को नौकरी से नहीं निकाले।