Law Amendments: अदालतों से नहीं मिलेगी ‘तारीख पर तारीख’, नए आपराधिक कानूनों के लागू होने पर क्या बदलेगा?
देश के आपराधिक कानूनों में बदलाव से जुड़े तीन विधेयक बुधवार को लोकसभा से पास हो गए। गुरुवार को यह राज्यसभा में पेश होगा। ये विधेयक कानून की शक्ल लेते हैं तो अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे 125 साल से अधिक पुराने तीन कानून खत्म हो जाएंगे। इनमें भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (आईईए) शामिल हैं।

Law Amendments: भारत के कानूनों को बदलने के लिए पेश तीन अहम विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में चर्चा का जवाब दिया। अब ये विधेयक राज्यसभा में पेश किए जाएंगे। यहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून की शक्ल में आ जाएंगे।
कानूनों में बदलाव के बाद किन अहम कानूनों में बदलाव होने जा रहा है? मौजूदा कानून से नया कानून कितना अलग होगा? आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा? न्यायिक प्रक्रिया में क्या बदलाव आएगा? सरकार नए कानूनों पर क्या कह रही है? विपक्ष की इन कानूनों पर क्या आपत्ति है? आइए समझते हैं…
सबसे पहले जानें किन मौजूदा कानूनों की जगह लेंगे प्रस्तावित कानून
मौजूदा कानून | प्रस्तावित कानून |
भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) | भारतीय न्याय (दूसरी) संहिता, 2023 (बीएनएस) |
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) | भारतीय नागरिक सुरक्षा (दूसरी) संहिता, 2023 (बीएनएसएस) |
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (आईईए) | भारतीय साक्ष्य (दूसरा) अधिनियम 2023 (बीएसए) |
सीआरपीसी जगह लेने वाले नए कानून में धाराएं बढ़ेंगी
लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (फाइल) – फोटो : एजेंसी