जमीन की रजिस्ट्री के बाद ऑनलाइन दर्ज होगा म्यूटेशन:अधिकरियों के नहीं काटने पडेंगे चक्कर, राजस्व विभाग ने शुरू की प्रक्रिया
जमीन की रजिस्ट्री के बाद ऑनलाइन दर्ज होगा म्यूटेशन:अधिकरियों के नहीं काटने पडेंगे चक्कर, राजस्व विभाग ने शुरू की प्रक्रिया

झुंझुनूं : जमीन खरीदने वाले खातेदारों को अपनी जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद जमाबंदी में म्यूटेशन दर्ज करवाने के लिए तहसील व पटवार घरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जमीन के खातेदार को अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के बाद स्वयं ही ऑटो सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमाबंदी में ऑनलाइन म्यूटेशन दर्ज होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इससे किसानों व जमीदार खातेदारों को परेशानियों से निजात मिलेगी। बार बार चक्कर से छुटकारा मिलेगा। राजस्व विभाग ने रजिस्टर्ड दस्तावेज के आधार पर स्वयं नामकरण भरने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार जमीन के खातेदार को अपनी जमीन रजिस्ट्री करवाने के बाद स्वयं ही ऑटो सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमाबंदी में ऑनलाइन म्यूटेशन दर्ज होने करवाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
राजस्व विभाग ने राजस्थान भू राजस्व भू अभिलेख नियम 1957 के 169 एल के प्रावधान के तहत यह नई व्यवस्था लागू की है। नियम प्रॉपर लागू होने से किसानों व जमीदार खातेदारों को परेशानियों से निजात मिलेगी। राजस्व विभाग के मुताबिक म्यूटेशन नामांकन प्रक्रिया पारदर्शी बनाने नामांकन के त्वरित व समयबद्ध निस्तारण करने के लिए रजिस्टर्ड दस्तावेज के आधार पर कार्य शुरू किया गया है।
खातेदारों को राहत मिलेगी
जानकारी के अनुसार पंजीयन व मुद्रक विभाग में सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन बेचान की रजिस्ट्री होने के साथ ई-धरती पोर्टल से म्यूटेशन के दस्तावेज ऑटो बन जाएंगे, इसके बाद ऑनलाइन ही रेवेन्यू बोर्ड के रजिस्टर या सब रजिस्ट्रार के सर्वर से ऑटो स्वीकृत कर दिया जाएगा।
दस्तावेज स्वीकृत होने के बाद जमाबंदी में ऑनलाइन ऑटो म्यूटेशन दर्ज हो जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में जमीन के खातेदारों को रजिस्ट्री करवाने के बाद पटवारी तहसीलदार ग्राम पंचायत स्तर तक जमीन का म्यूटेशन जमाबंदी में दर्ज करवाने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे थे, अब नए आदेश के बाद खातेदारों को राहत मिलेगी।
खाता पोर्टल या ई-मित्र के जरिए पेश होगा
जानकारी के मुताबिक जमीन खातेदार की रजिस्ट्री विरासत या रहन मुक्त या रहन करवाने आदि कार्य का म्यूटेशन खुलवाने के लिए आवेदन को अपना खाता पोर्टल या ई-मित्र के जरिए पेश करना होगा। विरासत का म्यूटेशन ई-मित्र व अपना खाता पोर्टल से ऑनलाइन ही पटवारी की आईडी पर दिख जाएगा।
अगर पटवारी 5 दिनों की तय सीमा में म्यूटेशन जारी नही करता है तो ऑटो के माध्यम से तहसीलदार या सरपंच को ऑनलाइन ही भेज देगा। जबकि फॉरवर्ड म्यूटेशन सरपंच 20 दिन में जारी नही करने की स्थिति में 20 दिन बाद सरपंच की आईडी से ऑटो सॉफ्टवेयर जारी हो जाएगा और तहसीलदार की आईडी पर पहुंच जाएगा, जहां से 7 दिन का निर्धारित समय नहीं जारी होने पर सॉफ्टवेयर ऑटो म्यूटेशन जारी करेगा।