जोधपुर : अलग-अलग प्रदेशों के विश्वविद्यालय व स्कूल बोर्ड की फर्जी डिग्री बनाकर युवाओं को लाखों रुपए का चूना लगाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने युवाओं को फंसाने के लिए एक स्कूल संचालक का सहारा लिया था। स्कूल संचालक को कमीशन का लालच दिया गया। जिस पर उसने 30 से ज्यादा युवाओं की फीस आरोपी को जमा करवा दी। आरोपी ने तीन साल में सभी लोगों के साथ अलग-अलग कोर्स व पढ़ाई करवाने के नाम पर धोखाधड़ी की थी।
कुड़ी भगतानी पुलिस ने बताया कि अशोक कुमार गुप्ता ने थाने में कोर्ट के जरिए रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसने बताया कि वह एक स्कूल संचालक है। अप्रैल 2021 में स्कूल में नरेश प्रजापत नाम का व्यक्ति आया। उसने खुद को एडमिशन एक्सपर्ट नाम से कंपनी का संचालक बताया। उसका ऑफिस आखलिया चौराहे पर होना बताया। उसने बताया कि वह विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों आदि से विभिन्न प्रकार के कोर्स करवाने और प्रवेश दिलवाने का काम करता है। उसने यह भी बताया कि कोई इच्छुक व्यक्ति बाहर के किसी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय से कोई कोर्स करना चाहे तो एडमिशन दिलवा सकता है। इस पर 2021 से पीड़ित ने तीन लोगों के अलग-अलग कोर्स में एडमिशन करवाए और आरोपी को करीब 26 लाख रुपए दिए थे। लेकिन आरोपी ने सभी को फर्जी डिग्री दे दी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी (पश्चिम) गौरव यादव के निर्देश पर एसीपी (बोरानाडा) नरेंद्रसिंह देवड़ा के सुपरविजन में कुड़ी थानाधिकारी देवेंद्रसिंह देवड़ा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने विभिन्न यूनिवर्सिटी व बोर्ड से जारी अंकतालिकाएं व डिग्रियों का पता किया तो सामने आया कि ये अंकतालिकाएं और डिग्रियां फर्जी हैं। इस पर पुलिस ने नागौर के संजय कॉलोनी हाल माता का थान 80 फीट रोड गांधी नगर निवासी नरेश प्रजापत (28) को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने जालसाज़ी से तैयार की फर्जी अंकतालिकाएं और डिग्रियां बनाकर देना स्वीकार किया।
कमीशन का लालच देकर फंसाया
आरोपी ने खुद को विभिन्न विश्वविद्यालयों में कोर्स करवाने और प्रवेश दिलाने का बताकर और स्कूल संचालक को कमीशन का लालच देकर झांसे में लिया। आरोपी ने स्कूल संचालक से एडमिशन से लेकर डिग्रियां व अंकतालिका दिलाने के नाम पर करीब 26 लाख 26 हजार रुपए फोन-पे और नकद लिए। इसके बाद जब अंकतालिकाएं देख स्कूल संचालक ने संबंधित विश्वविद्यालय और कॉलेज में पता किया तो वे फर्जी निकलीं। परिवादी ने आरोपी से रुपए वापस देने के लिए संपर्क किया तो उसने रुपए भी वापस नहीं दिए।
चित्तौड़, एमपी और उत्तराखंड के संस्थानों की डिग्रियां दीं
आरोपी ने संबंधित व्यक्तियों को कोर्स करवाने की बजाय चित्तौड़गढ़ के गंगराज की मेवाड़ यूनिवर्सिटी, मध्यप्रदेश के छतरपुर की श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड के रुड़की की उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के नाम से जारी फर्जी अंकतालिकाएं दे दीं। आरोपी ने हूबहू दिखने जैसी अंकतालिकाएं और डिग्रियां बनाई। इतना ही नहीं, आरोपी ने बिना क्लास अटैंड किए ही फर्स्ट डिवीजन पास कर दिया।