जनमानस शेखावाटी संवाददाता: योगेश कुमार
झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के राजकीय विद्यालयों में “ज़ीरो प्लास्टिक परियोजना से अधिगम अभियान” का द्वितीय चरण की शुरुवात पीरामल फ़ाउंडेशन, शिक्षा विभाग के सयुक्त तत्वाधान मे की गई है । इस अभियान मुख्य उद्देश्य है कि राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं को स्थानीय संदर्भ में परियोजना-आधारित शिक्षण के माध्यम से 21 वीं सदी के कौशलों का विकास करना और प्लास्टिक और प्रबंधन से संबंधित समस्याओं के सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझना और समाधान ढूंढना है।
पीरामल फ़ाउंडेशन के नूरुल खान ने बताया की इस परियोजना के प्रथम चरण मे जहां 500 राजकीय विद्यालय और 150 ग्राम पंचायत क्षेत्र मे जिला परिषद के निर्देशन में इस अभियान को स्वच्छ भारत अभियान 2.0 में एकीकृत किया गया। जहां प्रतिदिन परियोजना आधारित शिक्षण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 12 सप्ताह की अवधि के लिए 500 संस्था प्रधान तक पहुंच बनाई गई। 1500 शिक्षकों ने 30000 छात्रों को दिन-वार पीबीएल गतिविधियों और प्लास्टिक कचरे को कम करने और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने पर उनकी अनुवर्ती कार्रवाई सिखाने के लिए शून्य-अपशिष्ट प्लास्टिक पर 3500+ सत्र आयोजित किए गए थे ।
- रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट उत्पादों के लिए 70+ विशेषज्ञों के सत्र में इको-ईंटों के उपयोग और निर्माण के बारे में सिखाया गया, जहां अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तियों ने अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए।
- 500 से अधिक ग्राम मे छात्र- छात्राए अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों के बीच अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं।
- 200 से अधिक उत्पाद (इको-ईंटें, पक्षियों के लिए चारा, प्लास्टिक स्टूल, हैंगिंग गार्डन आदि) स्वयं छात्रों द्वारा बनाए गए, जो उनके समर्पण और रचनात्मकता के ठोस सबूत के रूप में काम कर रहे हैं।
- दूसरे चरण में झुंझुनू के सभी शेष (1000) स्कूलों और शिक्षा विभाग के साथ-साथ प्रशासन, स्थानीय निकायों और ग्रामीण विकास विभाग की सक्रिय भागीदारी शामिल होगी।
इस अभियान के तहत, 1000 राजकीय विद्यालय के लगभग 70000 छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करके स्वयं अध्ययन कर रहे हैं और स्वयं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके माध्यम से छात्रों को समस्त विषयों की समझ, मूल्यांकन, और अधिगम के मार्ग को प्रशस्त करने का अवसर मिल रहा है।
इस परियोजना के माध्यम से छात्रों को वैश्विक संदर्भ में अपनी शिक्षा को लागू करने और समस्याओं के सामाजिक और वैज्ञानिक समझने की क्षमता मिल रही है, जो उन्हें समग्र विकास की ओर एक कदम आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।