Exclusive: कर्ज के दलदल में फंसा राजस्थान, रिजर्व बैंक ने दी सख्त चेतावनी, कहा- यह राज्य के लिए बहुत ही खतरनाक
राजस्थान वित्त विभाग के आला असफर आरबीआई की ओर से तय की गई लिमिट से ज्यादा कर्ज ले रहे हैं। ऐसे में आरबीआई ने पत्र लिखकर विभाग को चेतावनी दी है। पढ़ें, अमर उजाला की खास रिपोर्ट...

RBI warning to Rajasthan: राजस्थान कर्ज के दलदल में बुरी तरह फंस गया है। ये बात हम नहीं, इस हफ्ते प्रदेश के वित्त विभाग को भेजा गया आरबीआई (रिजर्व बैंक) का चेतावनी भरा पत्र कह रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग के आला अफसरों ने किस रफ्तार से कर्ज के दलदल में प्रदेश को धकेला है। विभाग को भेजे गए पत्र में साफ कहा गया है कि कर्ज लेने की रफ्तार को लगाम दें और आरबीआई की ओर से तय की गई सीमा से बाहर न जाए। ये हैं कि कर्ज का मर्ज राजस्थान को किस हद तक बीमार करने वाला है।
दरअसल, आरबीआई ने बीती 7 दिसंबर को वित्त विभाग को पत्र लिखकर तय लिमिट से ज्यादा कर्ज नहीं लेने की चेतावनी दी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 और 23-24 की चारों तिमाहियों में राजस्थान को कर्ज की जो लिमिट दी गई थी, उसे नजरअंदाज करते हुए वित्त (मार्गोपाय) विभाग के अफसरों ने बाजार के कर्ज उठा लिया। बता दें कि हर साल आरबीआई देश के सभी राज्यों को तिमाही कर्ज लेने की लिमिट जारी करता है। इसमें राजस्थान ने चार तिमाहियों में से तीन में अपनी तय लिमिट से आगे जाकर बाजार से कर्ज लिया है।
अब जानिए क्या होगा इसका असर?
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- निर्धारित सीमा से अधिक कर्ज लेने पर ब्याज की दरों में बढ़ोतरी हो जाती है जो राज्य के लिए अल्पकालिक और दीर्धकालिक दोनों में ही बेहद नुकसान करने वाला है।
- तय सीमा से ज्यादा कर्ज और समय से पहले लेने का दूसरा असर ब्याज दर वृद्धि के साथ-साथ ब्याज दरों की अवधि में भी इजाफा कर देती है। उदाहरण के लिए मानते हैं कि अगर, राजस्थान की दिसंबर तक 44 हजार करोड़ का कर्ज लेने की लिमिट थी, लेकिन इस लिमिट को पार कर 46 हजार करोड़ कर्ज ले लिया गया। इसका एक दुष्प्रभाव यह भी होगा कि आने वाली सरकार को यह राशि खर्च करने के लिए नहीं मिल पाएगी और ब्याज चुकाना पड़ेगा सो अलग।