योजनाओं का क्या:जनहित की कोई योजना फिलहाल बंद नहीं होगी, नई सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में ही घटा सकती है पेट्रोल-डीजल पर वैट
योजनाओं का क्या:जनहित की कोई योजना फिलहाल बंद नहीं होगी, नई सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में ही घटा सकती है पेट्रोल-डीजल पर वैट

जयपुर : प्रदेश में नई सरकार के गठन के लिए गहमागहमी जारी है। इस बीच पिछली योजनाओं को लेकर स्थिति भी कुछ-कुछ स्पष्ट हो रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जनहित की विभिन्न योजनाएं जारी रखते हुए भाजपा सरकार संभवत: लोकसभा चुनाव से पहले अपनी घोषणाएं लागू कर देगी। पीएम नरेंद्र मोदी कह भी चुके हैं कि जनहित की कोई योजना बंद नहीं होगी।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के संकेत भी दिए थे। पुरी ने कहा था कि सर्वाधिक वैट के चलते अकेले राजस्थान में 22 राज्यों के बराबर राजस्व मिला है। भाजपा की सरकार आने पर वैट कम करेंगे। इससे लोगों को पेट्रोल-डीजल पर 11.50 रुपए तक की राहत मिल सकेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले वैट कम हो सकता है। सिलेंडर ~450 में देने की घोषणा भी की थी। यह दर लागू होते ही लोगों को गहलोत सरकार के मुकाबले सिलेंडर 50 रुपए अधिक सस्ता मिलेगा।
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450 में सिलेंडर, कुछ योजनाओं में बदलाव संभव
घरेलू बिजली : 100 यूनिट फ्री। 90 लाख परिवार पंजीकृत। प्रावधान- ₹8 हजार करोड़ रुपए।
पेंशन : हर माह न्यूनतम ₹1000 रुपए। सामाजिक सुरक्षा पेंशनर एक करोड़। प्रावधान- ₹12 हजार करोड़।
कृषि बिजली : हर माह 2 हजार यूनिट फ्री। 11 लाख किसान। प्रावधान- ₹19 हजार करोड़ रुपए।
फूड पैकेट : खाद्य सुरक्षा अधिनियम में चयनित 1.12 करोड़ परिवारों को राशन के साथ हर महीने मुफ्त अन्नपूर्णा फूड पैकेट। टेंडर में देर के कारण नकद राशि देने की तैयारी थी। प्रावधान- ₹3 हजार करोड़।
महिलाएं : रोडवेज बसों में 50% छूट।
स्मार्ट फोन : पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को फ्री स्मार्ट फोन दिए। कुल 1.33 करोड़ को देने थे।
ओल्ड पेंशन स्कीम : राज्यकर्मियों की 2004 में बंद ओपीएस की बहाली।
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अभी 8 लाख कार्मिकों को लाभ देने का दावा।
चिरंजीवी : प्रति परिवार 25 लाख का स्वास्थ्य व 10 लाख का दुर्घटना बीमा। सालाना ₹850 रुपए प्रीमियम। 1.40 करोड़ परिवार पंजीकृत। विभिन्न श्रेणियों के 1.25 करोड़ परिवारों का प्रीमियम सरकार देती है। प्रावधान– ₹2100 करोड़ रुपए।
एलपीजी : उज्ज्वला व बीपीएल को ~₹500 में सिलेंडर। 76 लाख परिवार दायरे में। प्रावधान- ₹1500 करोड़। नई घोषणा- खाद्य सुरक्षा के हर परिवार को देंगे।
{शहरी-ग्रामीण रोजगार : मनरेगा में 125 दिन व शहरी रोजगार योजना में 125 दिन का रोजगार।
सबसे बड़ी चुनौती…कर्ज का बढ़ता बोझ
राज्य में प्रति व्यक्ति 70848 रुपए कर्ज का भार है। नई सरकार के समक्ष इसे कम करने की चुनौती सबसे बड़ी होगी। ऐसे में घोषणाएं लागू करने के साथ आय के नए संसाधन जुटाने पर जोर रहेगा। हालांकि, नए मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में नई सरकार पेट्राेल व डीजल पर वैट कम करने की घोषणा कर सकती है।