[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

Rajasthan Election 2023: एग्जिट पोल के बाद बीजेपी-कांग्रेस के बागियों पर सबकी नजर; ये 21 सीटें जिधर, सरकार उधर


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

Rajasthan Election 2023: एग्जिट पोल के बाद बीजेपी-कांग्रेस के बागियों पर सबकी नजर; ये 21 सीटें जिधर, सरकार उधर

राजस्थान में एग्जिट पोल से एक बात तो निकल कर आ रही है कि इस बार यहां जोड़-तोड़ की सरकार बनानी पड़ सकती है। इसके लिए उन 21 सीटों पर इस बार सबकी नजरें होंगी जिन पर बीजेपी और कांग्रेस के बागी ताल ठोक रहे हैं।

Rajasthan Election 2023: पिछले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की गहलोत सरकार बहुमत से एक सीट कम रह गई थी। इसके बाद 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन लेकर अशोक गहलोत ने राजस्थान में अपनी सरकार चलाई। इस बार भी एग्जिट पोल कुछ इसी तरह का इशारा कर रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के दोनों ही दलों के दमदार बागी चुनाव मैदान में हैं। इनके अलावा कुछ सीटें ऐसी भी जहां आरएलपी, आजाद समाज पार्टी, बसपा समेत कई अन्य दलों के प्रत्याशियों ने भी भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती दी है। यही कारण है कि प्रदेश की 21 सीटें ऐसी हैं, जिनके चुनाव परिणाम पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं।

पिछली बार बीजेपी-कांग्रेस के अलावा 27 विधायक थे
राजस्थान में पिछली बार दूसरे दलों और निर्दलियों को मिलाकर कुल 27 विधायक विधानसभा में पहुंचे थे और सरकार बनते ही इनकी जरूरत महसूस होने लगी थी, क्योंकि कांग्रेस के पास खुद की 200 में से 100 ही सीटें थीं। आरएलडी के साथ गठबंधन था तो इसलिए बहुमत का आंकड़ा तो हो गया, लेकिन कांग्रेस में जिस तरह का आतंरिक संघर्ष चला, उसके चलते ये विधायक पूरे पांच साल अहम बने रहे।

लेटेस्ट खबरों के लिए फॉलो करे Janmanas Shekhawati News का WhatsApp Channel

इस बार जिन सीटों पर बागी या दूसरे दलों के प्रत्याशी मजबूती से लडे़, वहां मतदान का प्रतिशत भी अच्छा है। ये बता रहा है कि मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने में इन प्रत्याशियों ने भी पूरी ताकत लगाई है।

पिछली बार से कम रह सकती है अन्य की संख्या
फीडबैक बता रहा है कि इस बार निर्दलियों और अन्य दलों के विधायकों की संख्या पिछली बार के मुकाबले कम रहने की संभावना है। इसका एक कारण यह माना जा रहा है कि पिछली बार बसपा के छह विधायक थे और बसपा का ट्रेंड रहा है कि वह एक चुनाव में अच्छा करती है और दूसरे में उसका प्रदर्शन डाउन चला जाता है। ऐसे में निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों की संख्या 20 के आसपास रह सकती है।

लेटेस्ट खबरों के लिए फॉलो करे Janmanas Shekhawati News का YouTube Channel

चित्तौड़गढ़:  मतदान प्रतिशत – 79.66
यहां से भाजपा के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या पार्टी के बागी हैं। जीते तो भाजपा के ही साथ जाने की संभावना।

बसेड़ी : मतदान प्रतिशत – 73.9
यहां से कांग्रेस के मौजूदा विधायक और अनूसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ीराम बैरवा बागी हैं। गहलोत फिर से सीएम बने तो शायद कांग्रेस के साथ न जाएं।

डीडवाना : मतदान प्रतिशत – 73.43
यहां से भाजपा सरकार में मंत्री रहे युनूस खान बागी हैं। वसुंधरा राजे सीएम बनीं तो भाजपा के साथ जाना तय।

सवाई माधोपुर : मतदान प्रतिशत – 70.94
यहां से भाजपा की पूर्व प्रत्याशी आशा मीणा बागी हैं। जीती तो भाजपा के साथ ही जा सकती हैं।

लूणकरणसर : मतदान प्रतिशत – 76.75
यहां से पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल कांग्रेस के बागी हैं। जीते तो कांग्रेस के साथ ही बने रह सकते हैं।

बाडमेर : मतदान प्रतिशत – 80.88
यहां से भाजपा की पूर्व प्रत्याशी प्रियंका चैधरी बागी हैं। जीतीं तो भाजपा के साथ ही बनी रह सकती हैं।

नागौर : मतदान प्रतिशत- 68.77
पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान कांग्रेस के बागी है। ये कांग्रेस और भाजपा दोनो में रह चुके हैं, इसलिए जीतने पर किसी और भी जा सकते हैं।

शाहपुरा : मतदान प्रतिशत – 72.32
भीलवाड़ा जिले की इस सीट से पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल पार्टी के बागी हैं। वसुंधरा राजे सीएम बनीं तो भाजपा के साथ जा सकते हैं।

शाहपुरा : मतदान प्रतिशत- 83.83
जयपुर जिले की इस सीट पर कांग्रेस के आलोक बेनीवाल मैदान में हैं। कांग्रेस के साथ ही रहने की सम्भावना है।

किशनगढ़ : मतदान प्रतिशत – 76.21
इस सीट से मौजूदा निर्दलीय विधायक सुरेश टांक फिर से निर्दलीय ही मैदान मे हैं और किसी ओर भी जा सकते हैं।

झोटवाड़ा : मतदान प्रतिशत – 71.52
भाजपा के बागी आशु सिंह सुरपुरा मैदान में हैं और जीते तो भाजपा के ही काम आ सकते हैं।

बानसूर : मतदान प्रतिशत – 71.24
पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा भाजपा के बागी हैं और आजाद समाज पार्टी से उम्मीदवार हैं। वसुंधरा राजे सीएम बनीं तो साथ रहेंगे।

कोटपूतली : मतदान प्रतिशत- 76.71
भाजपा के पूर्व मुकेश गोयल मैदान में हैं और जीते तो भाजपा के साथ ही रहने की संभावना है।

बहरोड़ : मतदान प्रतिशत – 74.25
मौजूदा निर्दलीय विधायक बलजीत यादव फिर से मैदान में हैं। जीते तो जिसकी सरकार उसके साथ ही रहने की सम्भावना है।

भोपालगढ़ : मतदान प्रतिशत 66.05 
यहां से आरएलपी के मौजूदा विधायक पुखराज गर्ग मैदान में हैं और जरूरत पड़ने पर कांग्रेस के साथ देने की सम्भावना है।

खींवसर : मतदान प्रतिशत – 73.49
यहां से आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल मैदान में है और जीते तो कांग्रेस के साथ ही जाने की सम्भावना है।

शिव : मतदान प्रतिशत – 83.28 
यहां से भाजपा के दो रविन्द्र सिंह भाटी और जालम सिंह तथा कांग्रेस के फतेह खान मैदान मे हैं। जो जीता वह अपनी पार्टी के साथ ही जा सकता है।

उदयपुरवाटी : मतदान प्रतिशत- 76.42
यहां से सरकार से बर्खास्त मंत्री शिवसेना शिंदे गुट के राजेन्द्र गुढ़ा मैदान में है। जीते तो भाजपा के साथ ही जाने की सम्भावन है। पायलट सीएम बने तो कांग्रेस के साथ भी जा सकते हैं।

बस्सी : मतदान प्रतिशत – 78.37
यहां से भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र मीणा और निर्दलीय विधायक रहीं अंजु धानका मैदान में है। जितेन्द्र मीणा जीते तो भाजपा के साथ और अंजु धानका जिसकी सरकार बनी उसके साथ जा सकती हैं।

चैरासी : मतदान प्रतिशत – 81.76
यहां से मौजूदा विधायक राजकुमार रोत भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी हैं- कांग्रेस के साथ जाने की सम्भावना है, क्योंकि पार्टी के भाजपा से वैचारिक मतभेद है।

धोंद : मतदान प्रतिशत 71.94
यहां से माकपा के पूर्व विधायक पेमाराम ने मजबूती से चुनाव लड़ा है। जीते तो किसी के साथ नहीं जाएंगे।

Related Articles