Sanjay Singh: संजय सिंह की गिरफ्तारी से आप की सियासत को लगा बड़ा झटका! अब कौन बनाएगा चुनावी रणनीतियां?
Sanjay Singh arrest: राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र कुमार तंवर कहते हैं कि अब संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के पास खासतौर से हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पार्टी को विस्तार देने के मामले में न सिर्फ बड़ी अड़चनें आ सकती हैं, बल्कि सियासी तौर पर पार्टी के लिए बड़ा संकट भी खड़ा हो सकता है...

नई दिल्ली : शराब घोटाले में बुधवार सुबह से चल रही ईडी की छापेमारी के बाद आखिरकार शाम को राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही उठने लगा है कि क्या आम आदमी पार्टी की सियासत के लिए बिछाए जा रहे सबसे बड़े रोड मैप को बड़ा झटका लगने वाला है। क्योंकि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद दूसरे सबसे बड़े चेहरे थे, जो न सिर्फ अपनी पार्टी के लिए सियासी पिच पर खुलकर बैटिंग कर रहे थे, बल्कि पार्टी को देश के अलग-अलग राज्यों में आगे बढ़ाने की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल थे। सियासी जानकारों का कहना है कि फिलहाल संजय सिंह की गिरफ्तारी के साथ आम आदमी पार्टी के लिए आने वाले दिनों में बड़ी सियासी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े रणनीतिकारों और पार्टी को विस्तार देने वालों में संजय सिंह सबसे बड़े चेहरे थे। राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र कुमार तंवर कहते हैं कि अब संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के पास खासतौर से हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पार्टी को विस्तार देने के मामले में न सिर्फ बड़ी अड़चनें आ सकती हैं, बल्कि सियासी तौर पर पार्टी के लिए बड़ा संकट भी खड़ा हो सकता है। तंवर के मुताबिक अगर पिछले कुछ समय का संजय सिंह का सियासी ग्राफ आम आदमी पार्टी में देखें, तो उनके कद का पार्टी में पता चलता है। वह न सिर्फ सिर्फ सदन में आम आदमी पार्टी का पक्ष रखते थे, बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होते थे, वहां पर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए सबसे पहले जाने वाले अगुवाकार भी हुआ करते थे। वह कहते हैं क्योंकि आने वाले दिनों में विधानसभा के चुनाव से लेकर लोकसभा के चुनाव में संजय सिंह सबसे बड़े चेहरे बनकर आम आदमी पार्टी की बात रखते थे। अब उनकी गिरफ्तारी से सिर्फ पार्टी की इन रणनीतियों को बहुत बड़ा झटका लगा है।
राजनीतिक विश्लेषक तंवर कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में जब निकाय चुनाव की तैयारी चल रही थी, तो संजय सिंह को बड़ा चेहरा बनाकर अरविंद केजरीवाल ने उनको आगे किया। विधानसभा के चुनाव के लिए भी संजय सिंह उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों में सबसे बड़े चेहरे के तौर पर सब जगह पहुंचे थे। प्रमुख बड़े विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ संजय सिंह अपनी पार्टी के विस्तारवादी नीतियों के साथ सियासी सामंजस्य को साध कर आगे की बड़ी राजनीतिक राह भी बनाते थे। जिन राज्यों में अगले कुछ महीनो में चुनाव की तैयारी चल रही है, उसमें भी संजय सिंह की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी। जानकारी के मुताबिक इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों के लिए भी बड़ा सियासी रोड मैप भी तैयार कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि संजय सिंह अगले 15 दिनों के भीतर चुनावी राज्यों में वहां के जिम्मेदार पदाधिकारियों की एक बड़ी बैठक करने वाले थे। ताकि आने वाले विधानसभा के चुनावों में अपनी पार्टी का मजबूती से सियासी तौर पर बड़ा विस्तार कर सकें। राजनीतिक विश्लेषक तंवर कहते हैं कि इसके लिए संजय सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच में इन राज्यों की सियासत के लिहाज से बैठके भी हो चुकी थीं, जिनको अगले दो हफ्ते के भीतर अमली जामा पहनाया जाना था।