Bihar Caste Census: राज्य में सबसे ज्यादा 14% यादव, जानें बिहार की सभी 215 जातियों में किसकी-कितनी हिस्सेदारी

आंकड़ों में कहा गया है कि यादव एकमात्र जाति है जिसकी आबादी राज्य में 10 फीसदी से भी ज्यादा है। आइये जानते हैं कि बिहार जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट क्या है? किस जाति की कितनी आबादी है? किन जातियों की संख्या सबसे ज्यादा है? सबसे कम किस जाति के लोग हैं? धर्मवार आंकड़े क्या कहते हैं? पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी कितनी है?

जातिगत जनगणना के आंकड़े कहते हैं कि राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। जो 2011 की जनगणना के मुकाबले 25.5% से ज्यादा है। पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी राज्य की जनसंख्या का 63 फीसदी से भी ज्यादा है। इनमें 27 फीसदी से ज्यादा पिछड़ी जातियां तो 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियां भी शामिल हैं। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी है। वहीं, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है। इसके साथ ही कुल आबादी में सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी करीब 15.52 फीसदी है।

प्रदेश में सिर्फ तीन जातियां ऐसी जिनकी आबादी पांच फीसदी से ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा आबादी वाली जाति यादव समुदाय की है। इस समाज की कुल आबादी 1,86,50,119 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 14.26% है। रिपोर्ट में यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मी नारायण गोला को रखा गया है।

बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82% हिंदू हैं। राज्य की कुल जनसंख्या में 10,71,92,958 है। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 2,31,49,925 है। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 17.7% है। इसी तरह 75,238 ईसाई है। इनकी कुल आबादी में हिस्सेदारी 0.0576 फीसदी है। वहीं, सिख आबादी 14753 है। इनकी कुल आबादी में हिस्सेदारी 0.0113 फीसदी है। राज्य में 1,11,201 बौद्ध रहते हैं। इनकी कुल आबादी में हिस्सेदारी 0.0851 फीसदी है। जैन धर्म को मानने वालों की आबादी 12,523 है। जो कुल आबादी का 0.0096 फीसदी है। अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1,66,566 है। जो कुल आबादी का 0.1274 फीसदी है। वहीं, 2,146 लोग ऐसे भी रह रहे हैं जिन्होंने अपना कोई धर्म नहीं बताया है।

बिहार की जनसंख्या में से पुरुषों की कुल संख्या 6,41,31,992 है। वहीं महिलाओं की कुल संख्या 6,11,38,460 है। इसके अलावा अन्य श्रेणी के अन्तर्गत 82,836 लोगों को सूचीबद्ध किया गया है। इस तरह से राज्य में लिंगानुपात दर प्रति 1000 पुरुषों पर 953 महिला है।

12 साल में बिहार की आबादी 25.5% बढ़ी
बड़ी बात यह है कि 2011 में हुई जनगणना में राज्य की कुल आबादी 10 करोड़ 40 लाख 99 हजार 452 थी। जो इस सर्वे में बढ़कर 13 करोड़ सात लाख 25 हजार 310 हो गई है। इस तरह बीते 12 साल में राज्य की आबादी में 25.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी में 15.9 फीसदी आबादी दलित और 1.3 फीसदी आबादी आदिवासी समाज की थी। नए जातिगत सर्व में दलित आबादी 19.65 फीसदी हो गई है। वहीं, आदिवासी आबादी का आंकड़ा भी बढ़कर 1.68 फीसदी हो गया है।
जहां तक पिछड़े वर्ग की बात है तो जातिगत जनगणना से पहले माना जाता था कि राज्य में 51 से 52 फीसदी आबादी पिछड़ी जातियों की है। जातिगत जनगणना में यह आंकड़ा 63.13 फीसदी से भी ज्यादा बताया गया है। वहीं, राज्य की 30 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की मानी जाती थी। जातीय जगनणना में यह आंकड़ा महज 15.52 फीसदी ही बताया गया है।