जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाई किडनी:18KM की दूरी 16 मिनट में की तय, एम्बुलेंस को पुलिस अधिकारियों ने किया एस्कोर्ट
जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाई किडनी:18KM की दूरी 16 मिनट में की तय, एम्बुलेंस को पुलिस अधिकारियों ने किया एस्कोर्ट

जयपुर : जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार दोपहर किडनी पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया। SMS हॉस्पिटल से महात्मा गांधी हॉस्पिटल की 18 KM की दूरी को 16 मिनट में एम्बुलेंस ने तय कर ऑर्गन्स को पहुंचाया। एम्बुलेंस को पुलिस अधिकारियों ने एस्कोर्ट कर रिसिपिएंट तक पहुंचाया गया।
DCP (ट्रैफिक) प्रहलाद सिंह कृष्णियां ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर बनाकर त्वरित स्पीड से डोनर के ऑर्गन्स को रिसिपिएन्टस् तक पहुंचाने का टास्क मिला। ट्रैफिक पुलिस की ओर से धनवंतरी आउटडोर SMS हॉस्पिटल से महात्मा गांधी हॉस्पिटल सीतापुरा तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। दोपहर 12:39 पर डोनर के ऑर्गन्स ( दोनों किडनी) को लेकर एम्बुलेंस को SMS हॉस्पिटल से रवाना किया गया।
ट्रैफिक पुलिस की ओर से बनाए गए ग्रीन कॉरिडोर से दोपहर 12:55 बजे महात्मा गांधी हॉस्पिटल सीतापुरा पहुंचाया गया। 18 KM की दूर को महज 16 मिनट में तय कर ऑर्गन्स पहुंचाए गए। जिससे रिसिपिएन्टस् को तुरंत उपचार मिल सका।
ग्रीन कॉरिडोर में CI संजीव चौहान व कैलाश चन्द और इंटरसेप्टर-12 प्रभारी ASI भंवरलाल ने एम्बुलेंस को एस्कोर्ट/पायलट किया। ग्रीन कॉरिडोर में ट्रैफिक कंट्रोल रूम और रूट पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की सराहनीय भूमिका रही।
एक्सीडेंट में हुई मौत
मृतक गौरव महावर (16) सूरौठ शिव कॉलोनी हिंडौन करौली का रहने वाला था। 4 सितम्बर को हिंडौन में ही बाइक से मजदूरी के लिए जा रहा था। सामने से आ रही बाइक से उसकी बाइक की भिड़ंत हो गई। गौरव के सिर में गंभीर चोट लगने के चलते दोपहर 3:43 बजे उसे जयपुर के SMS हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। फैमिली ने हार्ट, लिवर और दोनों किडनियों के डोनेशन की परमिशन दी। लेकिन लीवर और हार्ट की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दोनों किडनियां ही निकाली गईं।
टीम के सदस्य
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा, आरयूएचएस वीसी डॉ सुधीर भंडारी, सोटो- स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त निदेशक डॉ अमरजीत मेहता, कंसल्टेंट डॉ मनीष शर्मा और डॉ अजीत सिंह शक्तावत, न्यूरो सर्जन डॉ देवेंद्र पुरोहित, एनेस्थेटिस्ट डॉ चित्रा सिंह, प्रोग्राम असिस्टेंट रोशन बहादुर की विशेष भूमिका रही। नर्सिंग स्टाफ में ताराचंद सैनी, रामप्रसाद मीना, अबरार अहमद, लीलम सिंह मीणा, रामरतन खनगवाल मौजूद रहे।