चूरू मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट की कमी:आठ साल बाद भी मरीज रेफर, प्रिंसिपल ने भेजे सुविधाओं के प्रस्ताव
चूरू मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट की कमी:आठ साल बाद भी मरीज रेफर, प्रिंसिपल ने भेजे सुविधाओं के प्रस्ताव
चूरू : चूरू मेडिकल कॉलेज की स्थापना को आठ वर्ष हो चुके हैं, जहां प्रतिवर्ष 150 डॉक्टर तैयार हो रहे हैं। इसके बावजूद, सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी के कारण डीबी अस्पताल से गंभीर मरीजों को आज भी जयपुर और बीकानेर रेफर करना पड़ रहा है। सरकार ने 400 बेड का आधुनिक अस्पताल भवन तैयार कर दिया है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति न होने से आमजन को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति कॉलेज की स्थापना के मूल उद्देश्य पर सवाल खड़े करती है।
मेडिकल सुविधाओं के विस्तार और रोगियों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार ने राज्य सरकार को कई महत्वपूर्ण मांगों का प्रस्ताव भेजा है। इन मांगों में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति, आधुनिक चिकित्सा उपकरण और आधारभूत ढांचे के विकास की मांगें प्रमुख हैं। प्रिंसिपल डॉ. पुकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में कई महत्वपूर्ण सुविधाओं की मांग की गई है। इनमें 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन, थ्री टेस्ला एमआरआई मशीन, कैथ लैब, 6 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और भरतिया अस्पताल के 6 वार्डों का नवीनीकरण शामिल है।
इसके अतिरिक्त, प्रस्ताव में 2 ऑटोमेटेड फूड कोर्ट, 4 बड़े वेटिंग हॉल, 100 कमरों का गेस्ट हाउस, एक आधुनिक लाइब्रेरी, रिक्रिएशन कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट ग्राउंड और 1500 सीट क्षमता का ऑडिटोरियम जैसी सुविधाओं की भी मांग की गई है। छात्रों के लिए एक स्किल लैब, तीन स्मार्ट क्लासरूम, 600 यूजी छात्रों के लिए हॉस्टल और 72 पीजी छात्रों के लिए हॉस्टल की भी आवश्यकता बताई गई है।
चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए मॉडर्न ट्रॉमा सेंटर, 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक और पांच मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर की भी मांग की गई है, ताकि गंभीर मरीजों को तत्काल और उन्नत उपचार मिल सके। मेडिकल कॉलेज में नए अस्पताल भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। शेष कार्य पूर्ण होते ही अस्पताल की छह प्रमुख यूनिटें – मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, ईएनटी, रेडियोलॉजी और एनेस्थीसिया – नई बिल्डिंग में स्थानांतरित कर दी जाएंगी।
पुराने अस्पताल भवन में स्किन, आई, मनोरोग, पीडियाट्रिक और प्रसूति विभाग संचालित होते रहेंगे, जिससे मरीजों को विभिन्न विशिष्टताओं में उपचार मिलता रहेगा। डॉ. पुकार ने यह भी बताया कि मेडिकल कॉलेज भवन में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन और कम्युनिटी मेडिसिन जैसे आठ विभाग पहले से ही संचालित हैं।
चार सुपर स्पेशलिस्ट को मिली स्वीकृति
राज्य सरकार एवं चिकित्सा विभाग की ओर से चार सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों नेफ्रोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट की स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 10.58 करोड़ रुपए का बजट सक्षम स्तर से स्वीकृत किया जा चुका हैं। लेकिन अभी तक किसी डॉक्टर ने जॉइनिंग नहीं की है। उन्होंने कहा कि जैसे ही ये चारों सुपर स्पेशलिस्ट चूरू में सेवाएं देना शुरू करेंगे। उसी दिन से मरीजों का रेफर अनुपात लगभग शून्य हो जाएगा।
एनएमसी की आपत्तियों का किया गया निस्तारण
वर्ष 2023 में एनएमसी द्वारा जारी शो-कॉज नोटिस में 10 प्रमुख कमियां बताई गई थीं। जिनके कारण कॉलेज पर एक करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई थी। इसमें ब्लड बैंक लाइसेंस (2022 से एक्सपायर) का 2025 में नवीनीकरण करवाया। क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट सर्टिफिकेट (2023 से एक्सपायर) का 2025 में नवीनीकरण करवाया। हिस्टोपैथोलॉजी लैब शुरू करवायी। कम बेड ऑक्यूपेंसी की समस्या, जिसे नए अस्पताल के संचालन से पूरा किया जाएगा। वर्ष 2025 में कॉलेज की एथिकल कमेटी की स्वीकृति आदि कमियों का समाधान कर लिया गया हैं।
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