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भगवान कृष्ण रूक्मणी विवाह की झांकी रही आकर्षण का केन्द्र


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भगवान कृष्ण रूक्मणी विवाह की झांकी रही आकर्षण का केन्द्र

जो भक्त भगवान को समर्पित हो जाता है भगवान उससे विवाह कर लेते है- आचार्य रवि शंकर शास्त्री

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : अनिल शर्मा 

शिमला : जब भक्त संसार के चक्र व्यूह से निकलकर परमात्मा को समर्पित हो जाता है तथा अपना सब कुछ भगवान को मानने लगता है तब भगवान उसकी वृतियों से तदाकार करके उससे विवाह कर लेते है। भगवान का एक नाम विवाह भी है, जो उनको समर्पित हो जाता है भगवान उससे विवाह कर लेते है। उक्त वक्तव्य कथा व्यास आचार्य रवि शंकर शास्त्री ने ग्राम शिमला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रुक्मणी विवाह के अवसर पर कहे। उन्होंने बताया की रुक्मणी ने मन वचन कर्म से एकनिष्ठ होकर श्रीकृष्ण की चाहत की तो भगवान कृष्ण ने उन्हें अपना बना लिया। शास्त्री ने कहा की भगवान बहुत दयालु है।

कथा मे महारास की वैज्ञानिक व्याख्या की गई व कंस वध उद्धव प्रसंग भी विस्तार से सुनाया गया। इस अवसर पर सजी श्री कृष्ण-रुक्मणी विवाह की भव्य सजीव झांकी बड़ी मनमोहक रही। कथा में भक्ति मय भजनों से आनन्द की बौछार हुई। कथा से पूर्व मुख्य यजमान देशराज प्रजापत व सरोज देवी के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य भागवत व व्यास पूजन किया। इस दौरान महेन्द्र अशोक पवन कौशिक कंवर सिंह यादव सुभद्रा कौशिक संतरा देवी संजय प्रजापत रमेश प्रजापत बृजेश प्रजापत लोकेश सजना देवी इंद्रजीत शर्माअनिल विनोद रामवतार , सुभाष संजय अजय शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुष मौजूद रहे।

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