सरदारशहर में डॉ. हेडगेवार के साहित्य पर परिचर्चा:एस.बी.डी. कॉलेज में अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने किया आयोजन
सरदारशहर में डॉ. हेडगेवार के साहित्य पर परिचर्चा:एस.बी.डी. कॉलेज में अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने किया आयोजन

सरदारशहर : सरदारशहर के एसबीडी कॉलेज सभागार में अखिल भारतीय साहित्य परिषद और शेखावाटी साहित्य संगम के संयुक्त तत्वावधान में “डॉ. हेडगेवार के समग्र साहित्य” विषय पर एक परिचर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार छगन लाल शर्मा ने की। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जयपुर प्रांत के अध्यक्ष ओमप्रकाश भार्गव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कॉलेज प्राचार्य कविता शर्मा ने सभी का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने कहा कि डॉ. हेडगेवार का जीवन राष्ट्र और समाज को समर्पित रहा। उन्होंने जो बीज बोया, वो आज एक वटवृक्ष बन चुका है।
परिचर्चा के दौरान डॉ. हेडगेवार के जीवन और कृतित्व पर आधारित विभिन्न पुस्तकों पर विचार-विमर्श किया गया। रामकिशन ने प्र.ग. सहस्त्रबुद्धि की पुस्तक “संघ मंत्र के हैं उद्गाता” पर चर्चा करते हुए बताया कि बालक केशव ने विद्यार्थी जीवन में ही ब्रिटिश हुकूमत के प्रति विरोध प्रकट किया था।
सुभाष सोनगरा ने “महामानव का कृतिरूप जीवन” पुस्तक पर अपने विचार रखे और बताया कि जंगल सत्याग्रह का नेतृत्व डॉ. हेडगेवार ने ही किया था। विश्वेश्वर ने “डॉ. हेडगेवार एक अनोखा नेतृत्व” पर प्रकाश डालते हुए उनके बाल्यकाल से ही नशे के घोर विरोधी होने की बात कही।
डॉ. बनवारीलाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि तेज बुखार में भी डॉ. हेडगेवार 30 किलोमीटर दूर कार्यक्रम में जाते थे। विपिन बिहारी पाठक ने उन्हें वास्तव में राष्ट्र का डॉक्टर बताया। इसके अतिरिक्त, “डॉ. हेडगेवार, संघ और स्वतंत्रता संग्राम(डॉ.नरेन्द्र सहगल), संघ वृक्ष के बीज” (संकलन) और “डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार” (राकेश सिन्हा) जैसी कृतियों पर भी विमर्श हुआ।
इस अवसर पर रेशमी बैद द्वारा डॉ. हेडगेवार पर किए गए शोध आलेख का वाचन किया गया, जिसकी श्रोताओं ने सराहना की। कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक साहित्यकार, चिन्तक और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें बालकृष्ण, कैलाश गंडास, प्रदीप खेडीवाल, पवन सैनी, सुनील सैनी सहित परिषद की कार्यकारिणी के सदस्य भी शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन भगवती पारीक ने किया। अंत में, इकाई अध्यक्ष हरिराम सारण ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया।