झुंझुनूं की प्यास बुझाएगा यमुना का पानी:हथिनी कुंड से आएगा; DPR के लिए 20.99 करोड़ रुपए स्वीकृत
झुंझुनूं की प्यास बुझाएगा यमुना का पानी:हथिनी कुंड से आएगा; DPR के लिए 20.99 करोड़ रुपए स्वीकृत

झुंझुनूं : शेखावाटी के तीन प्रमुख जिले- झुंझुनूं, सीकर और चूरू दशकों से पानी की किल्लत झेल रहे हैं। यहां का भूजल खारा है या सूख चुका है। ऐसे में यमुना नदी का पानी इन जिलों तक पहुंचाने की बहुप्रतीक्षित योजना अब आखिरकार पटरी पर लौट आई है। वर्षों से अटकी इस योजना को सरकार ने एक बार फिर से नई दिशा दी है, जिससे शेखावाटी के लाखों लोगों में उम्मीद की किरण जगी है।
डीपीआर के लिए 20.99 करोड़ रुपए मंजूर
राजस्थान सरकार ने इस योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए 20.99 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इस डीपीआर को हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से चूरू जिले के राजगढ़ स्थित हांसियावास गांव तक 263 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने की संभावना के आधार पर तैयार किया जा रहा है।

सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता नथमल खेदड़ ने बताया- इस महीने के अंत तक डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और अक्टूबर में सरकार को सौंप दिया जाएगा।
दो अलग-अलग रास्तों पर सर्वे
इस बार डीपीआर को दो अलग-अलग अलाइनमेंट (रास्तों) पर तैयार किया जा रहा है।
- पहला अलाइनमेंट: इसमें पानी की पाइपलाइन को सीधे स्टेट हाईवे से होते हुए हांसियावास तक लाने का प्रस्ताव है। यह वही अलाइनमेंट है जिस पर 2020 में भी डीपीआर तैयार हुई थी।
- दूसरा अलाइनमेंट: इस रास्ते में पाइपलाइन को हाईवे के साथ-साथ गाँवों की सीमाओं से होकर लाया जाएगा, जिससे ग्रामीण आबादी तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और भविष्य में पानी की आपूर्ति और अधिक प्रभावी हो सकेगी।
जल समझौते ने खोला रास्ता
यह योजना 2020 में भी तैयार हुई थी, लेकिन तब हरियाणा और राजस्थान के बीच जल समझौता न होने के कारण अटक गई थी। अब केंद्र सरकार के हस्तक्षेप और दोनों राज्यों के बीच यमुना जल समझौते के बाद इस परियोजना को फिर से शुरू किया गया है।
हथिनी कुंड से हांसियावास पहुंचने के बाद, पानी को दो अलग-अलग पाइपलाइनों के जरिए सीकर और झुंझुनूं तक पहुंचाया जाएगा।

- झुंझुनूं: हांसियावास से लगभग 100 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन
- सीकर: हांसियावास से लगभग 170 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन
पेयजल से सिंचाई तक का सफर
योजना के पहले चरण में इस पानी का इस्तेमाल सिर्फ पेयजल के लिए होगा, जबकि दूसरे चरण में इसे खेती की सिंचाई के लिए भी उपयोग में लाने की योजना है। इस परियोजना के सफल होने से शेखावाटी के सैकड़ों गांव को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा, जहां भूमिगत जल या तो खारा है या बहुत नीचे चला गया है। यह योजना इस पूरे अंचल की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को एक नई मजबूती देगी।
शेखावाटी के लिए नई सुबह
राज्य सरकार इस योजना को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर चुकी है, इसलिए इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डीपीआर मिलते ही इसे केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।

यह परियोजना सिर्फ पानी की आपूर्ति से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह शेखावाटी के सामाजिक और आर्थिक विकास की नींव साबित हो सकती है। यह वर्षों की प्रतीक्षा का परिणाम है, जिससे आने वाले समय में चूरू, सीकर और झुंझुनूं की प्यास बुझ सकेगी और उनकी धरती भी सिंचित हो सकेगी।