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500 करोड़ के विकास कार्य ठप:350 सड़कें तथा 100 भवनों के निर्माण कार्य पूरी तरह ठप,निविदाओं का बहिष्कार जारी, झुंझुनूं में सा.नि.वि. ठेकेदारों का प्रदर्शन


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

500 करोड़ के विकास कार्य ठप:350 सड़कें तथा 100 भवनों के निर्माण कार्य पूरी तरह ठप,निविदाओं का बहिष्कार जारी, झुंझुनूं में सा.नि.वि. ठेकेदारों का प्रदर्शन

500 करोड़ के विकास कार्य ठप:350 सड़कें तथा 100 भवनों के निर्माण कार्य पूरी तरह ठप,निविदाओं का बहिष्कार जारी, झुंझुनूं में सा.नि.वि. ठेकेदारों का प्रदर्शन

झुंझुनूं : जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग (सा.नि.वि.) के संवेदकों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर और अंदर जोरदार प्रदर्शन किया। संवेदकों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर नारेबाजी की और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। चेतावनी दी गई कि यदि मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा।

संवेदकों का कहना है कि वे बीते 11 जून से नई निविदाओं का बहिष्कार कर रहे हैं और 5 जुलाई से चालू निर्माण कार्यों को भी पूरी तरह बंद कर दिया है। इसका सीधा असर जिले में चल रहे विकास कार्यों पर पड़ा है। फिलहाल करीब 500 करोड़ रुपये की लागत के निर्माण कार्यों की निविदाएं नहीं हो सकी हैं और 350 सड़कें तथा 100 भवनों के निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। संवेदकों ने इसे प्रशासन की उदासीनता और सरकार की अनदेखी का परिणाम बताया है।

क्या हैं संवेदकों की मांगें?

संवेदकों ने जो 15 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा, उसमें प्रमुख रूप से ई-निर्माण प्रणाली में पारदर्शिता की कमी, भुगतान प्रक्रिया में देरी, सुरक्षा जमा राशि की वापसी, समय पर कार्य स्वीकृति और मटेरियल रेट में बढ़ोत्तरी जैसे बिंदु शामिल हैं। संवेदकों का आरोप है कि ऑनलाइन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और लेट-लतीफी से काम प्रभावित हो रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदर्शनकारी संवेदकों का कहना था कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार और विभाग कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लेता, तब तक निविदाओं का बहिष्कार और निर्माण कार्यों का बहिष्कार जारी रहेगा।

धरनास्थल पर जुटे जिलेभर के संवेदक

धरनास्थल पर जिलेभर से संवेदक पहुंचे और एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान मोहरसिंह सोलाना, मोहनसिंह डोटासरा, प्रदीप लम्बोरिया, सत्यनारायण खेड़ाला, राजेश मंडीवाल, लालचंद यादव, अनिल झाझड़िया, दलबीरसिंह, शीशराम, सुरेश रूनला, वीरेंद्र सिंह नैण, महेंद्रसिंह झाझड़िया, विजेंद्र लम्बोरिया, राजेंद्र मंडीवाल, मुकेश पातुसरी, रणवीरसिंह धायल, महिपाल पटेल, सलेन्द्र मान, महेंद्र सिंह चाहर, मनीष झाझड़िया, विनोद शर्मा, धोलू गुर्जर, छाजू सैनी, मनोज पातुसरी, इसाक फुलका,सी मोहन महन, महेश चंदेला, दीपक स्योरायण, अमित केडिया, प्रतीक डोटासरा, जसपाल एचरा, मंजीत ठेकेदार, प्रमोद बुगालियां, सत्यवीर डूडी सोलाना, नरेश सहित बड़ी संख्या में संवेदक मौजूद रहे।

विकास पर ब्रेक

संवेदकों के इस सामूहिक बहिष्कार से जिले में विकास की रफ्तार रुक गई है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, 350 से अधिक सड़कें और 100 भवन निर्माण कार्य जहां के तहां ठप पड़े हैं। नई परियोजनाओं की निविदाएं नहीं हो रही हैं जिससे आगे की योजनाएं भी अटकी पड़ी हैं।

संवेदकों का साफ कहना है कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि उनके अस्तित्व और अधिकारों की लड़ाई है। यदि सरकार ने शीघ्र ही उनकी मांगें नहीं मानी, तो आंदोलन प्रदेश स्तर पर फैलाया जाएगा और इसका असर पूरे राजस्थान के विकास कार्यों पर पड़ेगा।

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