चौधरी बोले-बासनपीर में थार की अपणायत खत्म करने की साजिश:’पुलिस संरक्षण में फैलाई गई नफरत; विधायक प्रताप पुरी ने गलत भाषा प्रयोग की’
चौधरी बोले-बासनपीर में थार की अपणायत खत्म करने की साजिश:'पुलिस संरक्षण में फैलाई गई नफरत; विधायक प्रताप पुरी ने गलत भाषा प्रयोग की'

जैसलमेर : जैसलमेर के बासनपीर में छतरी विवाद को लेकर बायतु (बाड़मेर) विधायक और एमपी कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा- थार की अपणायत को खत्म किया जा रहा है। कुछ लोगों की जमीन को सेना को दे दिया गया था। वे बासनपीर में विस्थापित हो गए। इसके बाद छतरियों को लेकर पोकरण विधायक प्रताप पुरी ने गलत भाषा का प्रयोग कर लोगों को उकसाया। पुलिस के संरक्षण में नफरत फैलाई गई। बता दें कि जैसलमेर के बासनपीर में छतरी विवाद को लेकर प्रशासन ने धारा 163 लगा रखी है। यहां एक जगह पर 5 या उससे ज्यादा लोग नहीं जुट सकते। छतरियों के रिनोवेशन के लिए टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव कर दिया था। इसके बाद हालात बिगड़ गए।

इस मामले को लेकर हमारे मीडिया कर्मी ने बायतु विधायक हरीश चौधरी से खास बात की…
चौधरी ने कहा- प्रशासन दोहरे नियम अपना रहा है। पोकरण विधायक प्रतापपुरी ने गलत भाषा इस्तेमाल की। उन्होंने अपने पिता के नाम से गांव बनाया, हमने कोई प्रश्न खड़े नहीं किए। प्रतापपुरी ने जो वर्ण व्यवस्था का बयान दिया, वह संविधान उसकी इजाजत नहीं देता। हमने बासनपीर में रामधुन के लिए इजाजत मांगी है। अगर ये राजनीति है तो सबको ऐसी राजनीति करनी चाहिए।
सवाल- बासनपीर के ऐसा क्या हो गया कि विवाद हो गया
जवाब – बासनपीर की छतरियों के नवनिर्माण को लेकर सारा घटनाक्रम हुआ। जब छतरियों का निर्माण हो रहा था तब पोकरण विधायक प्रतापपुरी ने गलत भाषा इस्तेमाल की। वह थार की अपणायत और संविधान के खिलाफ थी। आजादी से पहले वह जमीन दूसरे पक्ष के लोगों की थी, उन्हीं की होनी चाहिए थी। दूसरा सवाल प्रताप पुरी ने उठाया कि बासनपीर के यह लोग स्थानीय बाशिंदे नहीं हैं। यहां पालीवाल ब्राह्मण रहते थे। उनको गांव छुड़वा दिया। दूसरे पक्ष के लोगों को यहां कौन लाया। किस कारण लेकर आया। उनको पता होने के बावजूद उन्होंने नहीं बताया।
घृणा, नफरत फैलाने के लिए उन्होंने बयान दिए। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में नवातला गांव के बाशिंदों को भारत सरकार ने विस्थापित कराया। उनकी जमीन फील्ड फायरिंग रेंज में सेना को दी। जिला प्रशासन जैसलमेर ने इन लोगों को यहां बासनपीर में बसाया। यह सब पता होने के बावजूद प्रताप पुरी ने विवाद खड़ा किया। लैंड जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया।

सवाल- विवाद कौन खड़ा कर रहा है
जवाब – यह सब पोकरण विधायक प्रताप पुरी कर रहे हैं। प्रताप पुरी ने वर्ण व्यवस्था को लेकर गलतबयानी की। जिसकी इजाजत संविधान नहीं देता। बाड़मेर विधानसभा के प्रत्याशी (शिव से भाजपा प्रत्याशी रहे स्वरूप सिंह खारा) ने बासनपीर गांव का नाम बदलकर बासणपी करने की मांग कर दी। नाम बदलाकर एक और भावना भड़काना चाहते हैं। मेरे जेहन में कभी बात नहीं आई जिस गांव का मैं रहवासी हूं बायतु पनजी है। उसी से मेरी पहचान है। नाम बदलने की मांग विवाद भड़काने के लिए की जा रही है।

सवाल- गांव के नाम तो पहले भी बदले हैं, बालोतरा में मियों का बाड़ा से महेश नगर हो गया
जवाब-आज हजारों गांव ऐसे हैं, जिनका नाम ऐसा ही है। आज पोकरण विधायक ने अपने खुद के पिताजी के नाम से राजस्व गांव बना दिया। एक तरफ कहते हैं कि साधु हूं, मेरे मन में परिवारवाद नहीं है। दूसरी ओर पिताजी के नाम गांव बना दिया। हमने किसी ने कोई विरोध, विवाद या प्रश्न खड़े नहीं किए। किसी की भावना जुड़ी हुई है गांव वाले चाहे उस हिसाब से गांव बनाएं। मेरा प्रतापपुरी से आग्रह है कि थार की अपणायत में नफरत और विवाद की परंपरा शुरू न करें। इससे किसी का भला नहीं होगा।
सवाल- आपके विरोधियों का कहना है कि आप राजनीतिक रोटियां सेंकने बासनपीर में रामधुन करना चाहते हैं।
जवाब- वहां गए नेताओं ने जिस भाषा का उपयोग किया है। क्या वो सही है? अगर रामधुन करना राजनीति करना है तो ऐसी राजनीति सभी को करनी चाहिए।

सवाल- कल बासनपीर जाने की परमिशन मिल गई
जवाब – धारा लगाने का अधिकार जिला प्रशासन को है। जिस समय माहौल खराब हुआ था। उस समय अपने अधिकारियों ने धारा का उपयोग नहीं किया। जिनको बुलवाना था उन्हें बुलवाया। पूरा-पूरा का घटनाक्रम करवाया। उस समय अपने अधिकारों का उपयोग नहीं किया। आज भी वहां स्कूल बंद हैं। विवाद भड़काकर गांव का नाम बदलने की कोशिश कर रहे हैं। हम वहां मोहब्बत की दुकान खोलने जा रहे हैं। उन्होंने नफरत का बाजार खोला है। हम थार की अपणायत के लिए जाना चाहते हैं।
सवाल- अगर बासनपीर नहीं जाने दिया गया तो फिर क्या होगा अगला कदम
जवाब – जाने और नहीं जाने का अधिकार जिला प्रशासन पर है। थार की जनता देख रही है। पूरा देश देख रहा है। इस देश में दो नियम और दो कानून नहीं हो सकते है। लोकतंत्र में हर किसी को अधिकार है। गलत कृत्य करने का पूरा अधिकार दे दिया। पुलिस के संरक्षण में दे दिया। धर्म-जाति पर विवाद खड़े करने वालों को हम सफल नहीं होने देंगे।