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बिट्स का दीक्षांत समारोह तकनीकी नवाचार के साथ सहानुभूति, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी समय की मांग


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बिट्स का दीक्षांत समारोह तकनीकी नवाचार के साथ सहानुभूति, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी समय की मांग

बिट्स का दीक्षांत समारोह तकनीकी नवाचार के साथ सहानुभूति, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी समय की मांग

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

पिलानी : इंजीनियर देश के जिम्मेदार नागरिक भी हैं उन्हें प्रौद्योगिकी और समाज के बीच की दूरी में समन्वय बनाना चाहिए। यह कहना है देश के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ का । चंद्रचूड रविवार को बिट्स पिलानी के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से और अधिक ऊँचा उडऩे और उद्देश्य के साथ दुनिया को अपनाने के लिए प्रेरित किया। चंद्रचूड ने अपने जीवन के अनुभव बांटते हुए बताया कि बिट्स पिलानी की शिक्षा किस प्रकार परिवर्तनकारी संभावनाओं के द्वार खोलती है। चन्द्रचूड ने तकनीकी नवाचार में सहानुभूति, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने स्नातकों से केवल सिस्टम बनाने के बजाय समझ विकसित करने का आग्रह किया तथा दूरदृष्टि के बिना नवाचार के खतरों के बारे में चेताते हुए एआई पूर्वाग्रह और झूठी धोखेबाजी जैसी समस्याओं का हवाला दिया।

डीवाई चंद्रचूड ने उपस्थित विद्यार्थियों से समावेशी, स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल और नैतिकता से जुड़ी तकनीकी उपयोगों की आवश्यकता पर बल दिया। चन्द्रचूड ने जीवन में करूणामयी रहने, जीवनभर सीखते रहने की भावना तथा विनम्रता के महत्व को रेखांकित करते हुए उपस्थित विद्यार्थियों से परिवर्तन के वाहक बनने तथा संवेदनशीलता और समानता के साथ निर्माण करने का आह्वान किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए ख्यात उद्योगति एवं बिट्स के चांस्लर कुमार मंगलम बिड़ला ने संस्थान की विरासत और एक तेजी से बदलते भारत के लिए प्रतिभा संवर्धक के रूप में निभाई जा रही भूमिका को इस दिक्षांत समारोह में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की एक शक्तिशाली ताकत बताया और छात्रों को रचनात्मकता, उद्देश्य और स्थायी प्रभाव के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने संकाय सदस्यों की निष्ठा की सराहना की और बिट्स के प्रोजेक्ट विस्तार, अमरावती में एआई कैंपस और बिट्स पिलानी डिजिटल जो भौतिक, तकनीकी और समावेशी शैक्षणिक क्षमताओं के विस्तार से जुड़ी घोषणा की। इससे पहले बिट्स के वाईस चांसलर प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बिट्स विजन से जुड़ी जानकारी दी।

बिट्स निदेशक प्रोफेसर बराई ने बिट्स के विद्यार्थियों एवं संकाय की गतिविधियों से जुड़ी जानकारी दी। बराई ने बिट्स में शैक्षणिक उत्कृष्टता, उद्यमशीलता कौशल, नवीन दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता बिट्स संस्थान और पूर्व छात्रों की सफलता के समक्ष मूल्य हैं। दीक्षांत समारोह में रजिस्ट्रार कर्नल एस. चक्रवर्ती के नेतृत्व में 1706 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।1324 स्नातक, 279 स्नातकोत्तर तथा 103 पीएचडी विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। बिट्स पिलानी परिसर के कुलकर्णी देवश्री को स्वर्ण पदक, यश पांडे को रजत पदक तथा आदर्श गोयल को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया । बिट्स के प्रो. एन.वी.एम.राव ने आभार जताया।

इन्हें मिला पुरस्कार…
समारोह में बिट्स रत्ना पुरस्कार प्रेम जैन एवं सिड मुकरजी को, डिस्टिनग्विसड एल्यूमिनस अर्वाड प्रोफेसर अमित शेठ एवं प्रोफेसर अरुण राय तथा अरविंद मैथ्यू ,विजय केडिया, राम गुप्ता, संजीव कुमार ,गुलू मीरचंदानी, अतुल बी. लाल, कृष्णा नारायणस्वामी, रामकी गद्दीपति तथा बी. एन. रेड्डी को समान्नित किया गया । डिस्टिनग्विसड सर्विसेज अवार्ड नवर कोठारी, वेणु पलापर्थी, तन्मय लाल, कैलाश गुप्ता, राकेश सूरी को सम्मानित किया गया । बिट्स पिलानी यंग एचीर्वस अर्वाड प्रणव पाठक, दुष्यंत श्रीधर, देसीका दया, प्रोफेसर निखिल भल्ला, आर्कष शरॉफ, फाउन्डर एंड सी.इ.ओ युवा र्स्पाक तथा वैभव सिंह, चेतन आन्नद, अनुराग प्रसाद एवं सास्वत त्रिपाठी को सम्मानित किया गया ।

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