झुंझुनूं में FRV-112 और 1090 के ड्राइवरों ने की हड़ताल:कलेक्ट्रेट में जमकर किया प्रदर्शन, कहा- 25 की जगह 8 हजार मिल रही सैलरी
झुंझुनूं में FRV-112 और 1090 के ड्राइवरों ने की हड़ताल:कलेक्ट्रेट में जमकर किया प्रदर्शन, कहा- 25 की जगह 8 हजार मिल रही सैलरी

झुंझुनूं : झुंझुनूं में FRV-112 और 1090 सेवा के तहत कार्यरत वाहन ड्राइवरों ने लंबित मांगों और वेतन विसंगतियों को लेकर मंगलवार को गाड़ियां खड़ी कर दी। झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर FRV-112 के ड्राइवरों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर प्रदर्शन किया और अपनी गाड़ियां खड़ी कर सेवाएं स्थगित कर दी।
मांग नहीं मानने से आक्रोश
GVK-FMRI (ग्रीन हेल्थ सर्विस) के अधीन कार्यरत ड्राइवरों का कहना है कि वे कई महीनों से वेतन में अनियमितता, कटौती और सेवा शर्तों की अवहेलना की जा रही है। बार-बार मांग के बावजूद कोई संतोषजनक समाधान नहीं दिया गया है।

ड्राइवरों ने बताया कि वे FRV-112 और 1090 वाहनों के जरिए पुलिस के साथ 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं, फिर भी उनके साथ श्रमिकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
25,000 की जगह 8,000 मिल रही सैलरी
एक 112 वाहन चालक हेमंत ने बताया कि वे दिन-रात पुलिस के साथ सड़क पर जोखिम उठाते हैं, लेकिन न तो समय पर वेतन दिया जाता है और जो दिया जाता है, उसमें भी कटौती कर ली जाती है। उन्होंने कहा, “हमने ईमानदारी से सेवाएं दी हैं, लेकिन सरकार और कंपनी हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। इसलिए हमने मजबूरी में सेवाएं स्थगित की हैं।”
वहीं ड्राइवर संजू ने चौंकाने वाला खुलासा किया है, कहा कि कंपनी से 25,000 रुपए महीने वेतन तय हुआ था, लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्हें महज 8,000 रुपए ही दिए जा रहे हैं, जिसमें से भी हर महीने कटौती की जाती है। उन्होंने कहा, “हमसे दो यूनिफॉर्म का वादा किया गया था, लेकिन साल भर में एक ड्रेस तक नहीं दी गई। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा।”
ये हैं चार प्रमुख मांगें
- समय पर पूर्ण वेतन का भुगतान किया जाए।
- वेतन कटौती बंद की जाए।
- सेवा शर्तों का पालन और ड्रेस सुविधाएं दी जाएं।
- स्थायी भर्ती और काम के घंटे तय किए जाएं।
जनसुरक्षा सेवाएं प्रभावित, प्रशासन मौन
ड्राइवरों ने कहा है कि सभी गाड़ियां रोड से हटा दी गई हैं और कोई भी वाहन अब थाने पर ड्यूटी नहीं करेगा। सभी कैमरे भी बंद करवा दिए गए हैं। यह फैसला राज्यभर के ड्राइवरों ने एक राय से लिया है। 2 जुलाई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को राज्यभर के चालकों द्वारा एकसाथ ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का हल नहीं निकलेगा, तब तक सभी गाड़ियां ऑफ रोड रहेंगी। आंदोलन के पहले दिन ही जिलेभर की गाड़ियां ठप हो गईं, जिससे पुलिस विभाग की सहायता सेवाओं पर असर दिखने लगा है। 112 और 1090 जैसे इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहनों के ऑफ रोड होने से आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।