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झुंझुनूं में लंपी वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण तेज:2.15 लाख गोवंश को टीके लगाने का लक्ष्य, जुलाई में संक्रमण फैलने की आशंका


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झुंझुनूं में लंपी वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण तेज:2.15 लाख गोवंश को टीके लगाने का लक्ष्य, जुलाई में संक्रमण फैलने की आशंका

झुंझुनूं में लंपी वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण तेज:2.15 लाख गोवंश को टीके लगाने का लक्ष्य, जुलाई में संक्रमण फैलने की आशंका

झुंझुनूं : राजस्थान में 3 साल पहले लंपी वायरस के कहर से भारी पशुधन नुकसान हुआ था। झुंझुनूं जिले में पशुपालन लंबी वायरस की आशंका को देखते हुए सतर्क है। आगामी जुलाई माह में इस खतरनाक वायरस के संभावित प्रकोप को रोकने के लिए जिले भर में व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य जिले के 2 लाख 15 हजार 300 गोवंश का टीकाकरण करना है, जिसमें से अब तक 90 हजार 450 गोवंश को टीके लगाए जा चुके हैं।

गांव-गांव पहुंच रही पशुपालन विभाग की टीम, लंपी से बचाव के लिए किया जा रहा है नि:शुल्क टीकाकरण।
गांव-गांव पहुंच रही पशुपालन विभाग की टीम, लंपी से बचाव के लिए किया जा रहा है नि:शुल्क टीकाकरण।

1.27 लाख गोवंश का टीकाकरण बाकी, विभाग युद्धस्तर पर जुटा

पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार अभी भी 1 लाख 27 हजार 850 पशुओं का टीकाकरण बाकी है। विभाग इसे जल्द से जल्द पूरा करने में जुटा है। गौरतलब है कि वर्ष 2022 में लंपी वायरस ने पूरे प्रदेश में भारी तबाही मचाई थी, जिससे हजारों गोवंश की मौत हो गई थी और पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। उस समय राज्य सरकार को प्रति मृत पशु 40,000 का मुआवजा भी देना पड़ा था।

पशु चिकित्सक टीकाकरण के दौरान लंपी रोग के प्रति कर रहे हैं जागरूक, पशुपालकों से मिल रहा पूरा सहयोग।
पशु चिकित्सक टीकाकरण के दौरान लंपी रोग के प्रति कर रहे हैं जागरूक, पशुपालकों से मिल रहा पूरा सहयोग।

जुलाई का महीना संवेदनशील

पशु चिकित्सकों के अनुसार, जुलाई का महीना लंपी वायरस के फैलाव के लिए अत्यंत संवेदनशील होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विभाग ने पहले से ही कमर कस ली है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुरेश सुरा ने बताया कि विभाग ने जिले में लंपी रोग से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

फ्री टीकाकरण और गांव-गांव पहुंच रही टीमें

यह टीकाकरण कार्य जिले के सभी पशु चिकित्सालयों, उपकेंद्रों, नोडल केंद्रों और मोबाइल यूनिटों के माध्यम से तेजी से चल रहा है। डॉ. सुरा ने बताया कि चार माह से अधिक उम्र के सभी गोवंश का नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी पात्र पशु टीकाकरण से वंचित न रह जाए। इसके लिए टीमें गांव-गांव भेजी जा रही हैं और पशुपालकों से भी इस अभियान में सहयोग की अपील की गई है।

झुंझुनूं में अब तक 87 हजार से अधिक गौवंश का हुआ टीकाकरण, लक्ष्य है 2.15 लाख का
झुंझुनूं में अब तक 87 हजार से अधिक गौवंश का हुआ टीकाकरण, लक्ष्य है 2.15 लाख का

दूध उत्पादन में गिरावट से डरे पशुपालक, तेज टीकाकरण की मांग

पिछली बार के अनुभव को याद करते हुए पशुपालकों का कहना है कि दो साल पहले लंपी रोग के कारण उन्हें दूध उत्पादन में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा था, जिससे उनके आर्थिक हालात बिगड़ गए थे। पशुपालकों ने विभाग से टीकाकरण की गति और तेज करने की मांग की है ताकि इस बार किसी भी तरह का नुकसान न हो।

जुलाई से पहले हर पात्र गोवंश को टीका लगाने में जुटा विभाग, मच्छरों से फैलने वाले लंपी वायरस को रोकने की तैयारी
जुलाई से पहले हर पात्र गोवंश को टीका लगाने में जुटा विभाग, मच्छरों से फैलने वाले लंपी वायरस को रोकने की तैयारी

क्या है लंपी रोग?

लंपी स्किन डिजीज (LSD) एक विषाणुजनित रोग है जो मुख्य रूप से मच्छरों, मक्खियों और टिक्स के जरिए फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर गांठें, भूख न लगना, नाक व आंखों से पानी आना, और दूध उत्पादन में भारी गिरावट शामिल हैं। यह रोग तेजी से फैलता है और समय पर उपचार न मिलने पर जानलेवा भी हो सकता है।

पशुपालन विभाग ने सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं का समय पर टीकाकरण कराएं और किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। विभाग का लक्ष्य है कि समय रहते पूरे जिले में टीकाकरण कार्य पूरा कर लिया जाए, ताकि इस बार कोई भी गोवंश लंपी की चपेट में न आए।

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