डेढ़ साल के बच्चे को कुत्तों ने नोंचा:जमीन पर गिराया, 4 फीट तक घसीटा; पीठ और चेहरे पर हुए जख्म
डेढ़ साल के बच्चे को कुत्तों ने नोंचा:जमीन पर गिराया, 4 फीट तक घसीटा; पीठ और चेहरे पर हुए जख्म

कोटा : कोटा में कुत्तों ने डेढ़ साल के बच्चे पर हमला कर दिया। उसे जमीन पर गिराकर घसीटा और उसे कई जगह बुरी तरह से नोंच लिया। गली में मौजूद महिलाओं ने पत्थर मारकर कुत्तों से बच्चे को छुड़वाया। इलाज के लिए हॉस्पिटल लेकर गए। बच्चे की पीठ, चेहरे और पैर पर जख्म हुए हैं। घटना मंगलवार शाम करीब 6 बजे स्वामी विवेकानंद नगर सेक्टर-2 की है। पूरी घटना कॉलोनी के एक मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। इसका वीडियो भी सामने आया है।
पहले देखिए घटना से जुड़ी 3 PHOTOS…



जमीन पर गिराया और घसीटा
पिता धर्मेंद्र ने बताया- मैं मध्य प्रदेश के श्योपुर का रहने वाला हूं। पिछले तीन-चार साल से कोटा में रहकर चौकीदारी का काम करता हूं। वर्तमान में स्वामी विवेकानंद नगर सेक्टर 2 में निर्माणाधीन मकान में रहकर चौकीदारी कर रहा हूं। मंगलवार शाम कुछ सामान लेने बाजार गया था। मकान में पत्नी सोनू और डेढ़ साल का बेटा अभि मौजूद थे। पत्नी बर्तन धो रही थी।
बेटा अभि मकान से निकल सड़क पर खेलने चला गया। वह सड़क पर अकेला जा रहा था। मकान से 2 से 3 मीटर दूर ही गया था कि गली के कुत्तों ने अभि पर हमला कर दिया। उसके पैर पर काटकर उसे नीचे गिरा दिया। फिर एक के बाद एक तीन कुत्ते अभि पर झपट पड़े। उसे नोंचने लगे।
कुत्तों के भौंकने और बच्चे की चिल्लाने की आवाज सुनकर कॉलोनी की कुछ महिलाएं आईं। उन्होंने कुत्तों को भगाने की कोशिश की। कुत्ते अभि को घसीटने लगे। कुत्तों ने अभि को दांत से पकड़कर 3-4 फीट तक घसीटा। महिलाओं ने पत्थर फेंक कर कुत्तों को भगाया। बच्चे को संभाला। इतने में पत्नी भी बाहर आ गई। बच्चा लहूलुहान था। उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लेकर गए। ड्यूटी डॉक्टर ने 2-3 इंजेक्शन लगाए।
प्रत्यक्षदर्शी महिला ने कहा- लहूलुहान था बच्चा
प्रत्यक्षदर्शी रश्मि सोनी ने बताया कि चौकीदार के डेढ़ साल के बच्चे पर कुत्तों ने हमला किया। कॉलोनी की 2-3 महिलाओं और एक पुरुष ने मिलकर बच्चे को बचाया। बच्चा लहूलुहान हो गया था। कोटा दक्षिण नगर निगम वार्ड 6 के पार्षद नितिन धारवाल ने बताया कि इस इलाके में बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं। कई बार निगम को इस बारे में बता चुके हैं। लेकिन निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कोटा में बार-बार ऐसे हादसे हो रहे हैं।