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33 हजार वोल्ट की झूलती लाइन से मासूम झूलसा:झुंझुनूं में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही, अंसारी कॉलोनी में हुआ हादसा


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33 हजार वोल्ट की झूलती लाइन से मासूम झूलसा:झुंझुनूं में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही, अंसारी कॉलोनी में हुआ हादसा

33 हजार वोल्ट की झूलती लाइन से मासूम झूलसा:झुंझुनूं में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही, अंसारी कॉलोनी में हुआ हादसा

झुंझुनूं : शहर की अंसारी कॉलोनी में मंगलवार को एक और दर्दनाक हादसा हो गया। खेलते समय 13 वर्षीय वासिद पुत्र रफीक हाई वोल्टेज 33 हजार वोल्ट की झूलती बिजली लाइन की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। उसे बीडीके अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

बीडीके अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती मासूम वासिद, 33 हजार वोल्ट की लाइन की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसा
बीडीके अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती मासूम वासिद, 33 हजार वोल्ट की लाइन की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसा

इस हादसे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना अचानक नहीं हुई, बल्कि बिजली विभाग को पहले से इस खतरे की जानकारी थी। कॉलोनीवासियों ने बीते एक साल में कई बार विभाग को आवेदन, शिकायतें और मौखिक आग्रह किए कि इस जानलेवा लाइन और उसके जर्जर पोल को बदला जाए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने हर बार इसे नजरअंदाज किया। नतीजा—एक और मासूम जिंदगी मौत से जूझ रही है।

अंसारी कॉलोनी में हादसे के बाद गुस्साए मोहल्लेवासी, बोले — कई बार की शिकायत, फिर भी नहीं जागा बिजली विभाग।
अंसारी कॉलोनी में हादसे के बाद गुस्साए मोहल्लेवासी, बोले — कई बार की शिकायत, फिर भी नहीं जागा बिजली विभाग।

खेलते-खेलते चढ़े दीवार पर, करंट की चपेट में आया बच्चा

घटना मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे की है। अंसारी कॉलोनी, वार्ड नंबर 58 में बच्चे गली में खेल रहे थे। पास ही दीवार के ऊपर से 33 हजार वोल्ट की हाई टेंशन लाइन गुजर रही है, जो वर्षों पुरानी और झूलती हुई स्थिति में है।

झूलती हाई वोल्टेज लाइन के नीचे खेलते बच्चे, जहां हुआ था हादसा — प्रशासन की लापरवाही ने बना दिया खेल का मैदान 'मौत का रास्ता'।
झूलती हाई वोल्टेज लाइन के नीचे खेलते बच्चे, जहां हुआ था हादसा – प्रशासन की लापरवाही ने बना दिया खेल का मैदान ‘मौत का रास्ता’।

बच्चों को शायद अंदाजा भी नहीं था कि ये लाइन कितनी खतरनाक है। खेलते-खेलते जैसे ही वासिद दीवार के पास चढ़ा, अचानक करंट की चपेट में आ गया। चीख-पुकार मच गई। मोहल्ले के लोग दौड़े और तुरंत उसे बीडीके अस्पताल पहुंचाया गया।

कई बार दी शिकायत, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं

वासिद के चाचा रहीश बताते हैं कि यह पहली बार नहीं है जब इस लाइन की वजह से हादसा हुआ हो। “पिछले एक साल में इसी लाइन के कारण दो बार हादसे हो चुके हैं। हमने कई बार बिजली विभाग को फोन किया, शिकायतें दीं, लिखित आवेदन सौंपे। हर बार आश्वासन मिला कि ‘देखते हैं’, ‘कर देंगे’, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ। जब भी हादसा होता है तब लाइट काट दी जाती है, पर स्थायी समाधान नहीं किया गया। यह तीसरा बड़ा हादसा है। अब तो डर लगने लगा है कि अगली बार कोई जान ना चली जाए।”

बिजली विभाग की नींद अब भी नहीं टूटी

घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों ने बिजली विभाग पर सीधा आरोप लगाया कि जब उन्हें पहले से खतरे की जानकारी थी, तो उन्होंने इस पर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया? एक लाइन, जो झूलती हुई स्थिति में है और बच्चों के खेल क्षेत्र से बेहद पास से गुजरती है, वह कितनी खतरनाक हो सकती है, इसका अंदाजा शायद विभाग ने जानबूझकर नहीं लगाया।

बच्चों के लिए मौत का रास्ता बनी यह लाइन

जिस जगह यह हादसा हुआ, वह बच्चों का नियमित खेलने का क्षेत्र है। वहां न तो कोई चेतावनी बोर्ड है, न कोई बैरिकेडिंग, न ही कोई सुरक्षा उपाय। कॉलोनी के लोग बताते हैं कि बच्चे तो रोज वहीं खेलते हैं। “हर बार डर लगता है, कहीं कोई हादसा ना हो जाए। पर प्रशासन की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है।”

स्थानीय लोगों की मांगें:

1. हादसे वाली 33 हजार वोल्ट लाइन को तुरंत वहां से हटाया जाए या ऊंचाई पर किया जाए।

2. जर्जर पोल को बदला जाए और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा मापदंडों का पालन हो।

3. पूरे वार्ड में बिजली लाइनों का पुनः निरीक्षण हो ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

4. हादसे में घायल बालक के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाए और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए।

5. दोषी अधिकारियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।

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