पूर्व ग्रामसेवक मित्राराम रेवाड़िया नहीं रहे – नम आंखों से दी विदाई
पूर्व ग्रामसेवक मित्राराम रेवाड़िया नहीं रहे - नम आंखों से दी विदाई

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन
पिलानी : समाज सेवा में जीवन समर्पित करने वाले और ग्राम विकास के आधार स्तंभ रहे पूर्व ग्रामसेवक मित्राराम रेवाड़िया का आज 17 जून को निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे। मित्राराम रेवाड़िया का जन्म झुंझुनूं जिले के पिलानी क्षेत्र के लीखवा गांव में मेघवाल समाज के एक साधारण किसान परिवार में भूराराम रेवाड़िया के घर हुआ था। वह दौर सन् 1940 का था, जब शिक्षा के प्रति समाज में जागरूकता नाममात्र तक नहीं थी। ऐसे समय में विषम आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा पूरी की, जो उस काल में असाधारण मानी जाती थी। मित्राराम रेवाड़िया ने 1966 में ग्रामसेवक पद पर नियुक्ति प्राप्त की और अपने पूरे सेवाकाल के दौरान राजस्थान के बाड़मेर जिले के बांड गांव में ही कार्यरत रहे। उन्होंने 2001 में सेवा से सेवानिवृत्ति ली। इन 35 वर्षों के लंबे सेवाकाल में उन्होंने केवल सरकारी कार्य ही नहीं किया, बल्कि गांव के विकास, शिक्षा प्रसार और सामाजिक सौहार्द के लिए भी अतुलनीय योगदान दिया। वे गांव के लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते रहते थे, और कई बच्चों की पढ़ाई में व्यक्तिगत सहयोग भी करते थे। ग्रामीण आज भी उन्हें “शिक्षा प्रेरणा स्त्रोत” और “ग्राम विकास के आधार” के रूप में याद करते हैं। मित्राराम रेवाड़िया अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी विना देवी पुत्र सुभाष चंद्र रेवाड़िया व हरिमोहन रेवाड़िया, पुत्रियां संतोष व किरणा, तथा पौत्र सुनील कुमार, विकास कुमार, रवि कुमार, सुधीर व निखिल और पौत्रियां प्रियंका व दर्शना सहित समस्त परिवारजन अंतिम समय में उनके साथ मौजूद रहे। आज 17 जून को उनका पार्थिव शरीर गांव में अंतिम दर्शन किए गए।, जहां सैकड़ों ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बैकुंठी यात्रा में भारी संख्या में लोगों ने शामिल होकर अपने प्रिय ग्रामसेवक को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उनका जीवन न केवल एक सरकारी सेवक का था, बल्कि एक मार्गदर्शक, समाजसेवी और शिक्षा के सच्चे प्रहरी का भी था। मित्राराम रेवाड़िया भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शिक्षाओं और कार्यों की प्रेरणा सदैव जीवित रहेगी।