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पिलानी में कुंभाराम नहर परियोजना की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान तेज, हजारों लोग जुड़े आंदोलन से


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पिलानी में कुंभाराम नहर परियोजना की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान तेज, हजारों लोग जुड़े आंदोलन से

राजनीति की भेंट चढ़ा शिक्षा नगरी का पानी, चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

पिलानी : शिक्षा नगरी पिलानी एक बार फिर पानी की समस्या को लेकर आंदोलन के मोर्चे पर है। ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO) तथा ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (AIKKMS) के संयुक्त तत्वावधान में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना की मांग को लेकर पिलानी में जनजागृति हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। हस्ताक्षर अभियान के तहत अब तक हजारों नागरिकों ने समर्थन देते हुए हस्ताक्षर किए हैं। यह अभियान न सिर्फ ग्रामीण इलाकों बल्कि शहरी वार्डों में भी तेज़ी से फैल रहा है। अभियान के अगुआ शंकर दहिया ने बताया कि पिलानी में जल संकट गंभीर होता जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस पर वर्षों से मौन हैं।उन्होंने कहा कि कुंभाराम लिफ्ट कैनाल योजना पिलानी क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती थी, लेकिन यह योजना राजनीति की भेंट चढ़ चुकी है। हर चुनाव में जल संकट को मुद्दा बनाकर वोट तो लिए जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद नेता गुम हो जाते हैं, उनकी परछाईं तक क्षेत्र में नजर नहीं आती। शंकर दहिया ने बताया कि हस्ताक्षर अभियान समाप्त होने के बाद इन हजारों जनसमर्थन हस्ताक्षरों के साथ मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें पिलानी को अविलंब कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना से जोड़ने की मांग की जाएगी। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पिलानी को शीघ्र ही नहर का पानी नहीं मिला, तो क्षेत्र की जनता आगामी चुनावों का बहिष्कार करेगी। इस मुद्दे पर एकजुटता बढ़ती जा रही है और आंदोलन जल्द ही एक विशाल जनांदोलन का रूप ले सकता है। पिलानी व आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि यहां शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाने वाला शहर अब पानी के लिए तरस रहा है। महिलाओं को दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है। गर्मी के दिनों में हालात और भी भयावह हो जाते हैं। लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने वर्षों से केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन धरातल पर कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ। यही कारण है कि अब जनता ने स्वयं आगे बढ़कर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने का फैसला किया है।

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