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झुंझुनूं डिपो में 26.5 लाख की वित्तीय अनियमितता:फाइनेंस विभाग पर उठे गंभीर सवाल, 5 माह से टिकटों का पैसा नहीं पहुंच रहा मुख्यालय


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

झुंझुनूं डिपो में 26.5 लाख की वित्तीय अनियमितता:फाइनेंस विभाग पर उठे गंभीर सवाल, 5 माह से टिकटों का पैसा नहीं पहुंच रहा मुख्यालय

झुंझुनूं डिपो में 26.5 लाख की वित्तीय अनियमितता:फाइनेंस विभाग पर उठे गंभीर सवाल, 5 माह से टिकटों का पैसा नहीं पहुंच रहा मुख्यालय

झुंझुनूं : रोडवेज के झुंझुनूं डिपो में एक और वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है, जिसने रोडवेज के आंतरिक नियंत्रण और फाइनेंस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नवलगढ़ बुकिंग से यात्रियों द्वारा खरीदी गई टिकटों की लगभग 26.5 लाख रुपये की राशि पिछले पांच महीनों से रोडवेज मुख्यालय के खाते में जमा नहीं हुई है। यह अनियमितता तब सामने आई है जब कुछ ही महीने पहले इसी डिपो में 89 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं के चलते 24 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है, जो डिपो में ध्वस्त आंतरिक ऑडिटिंग प्रणाली की पोल खोलता है।

झुंझुनूं डिपो में 26.5 लाख की वित्तीय अनियमितता
झुंझुनूं डिपो में 26.5 लाख की वित्तीय अनियमितता

नए चीफ मैनेजर ने पकड़ी गड़बड़ी की परतें

इस ताजा अनियमितता का पर्दाफाश हाल ही में नियुक्त झुंझुनूं रोडवेज के नए चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी ने किया। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने डिपो के खातों की गहन जांच शुरू की, जिसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि नवलगढ़ बुकिंग से प्राप्त लगभग 26.5 लाख रुपये रोडवेज मुख्यालय के खाते में स्थानांतरित नहीं हुए हैं और स्थानीय डिपो के खाते में ही पड़े हुए हैं।

फाइनेंस मैनेजर की भूमिका संदिग्ध, लापरवाही की लंबी फेहरिस्त

जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि यह गंभीर लापरवाही फाइनेंस मैनेजर के स्तर पर हुई है। रोडवेज के नियमानुसार, बुकिंग से जमा हुई राशि को पहले डिपो के लोकल खाते में जमा कर तुरंत राजस्थान रोडवेज के मुख्यालय के खाते में स्थानांतरित किया जाना अनिवार्य है। हालांकि, पिछले पांच महीनों से इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

5 माह से टिकटों का पैसा नहीं पहुंच रहा मुख्यालय
5 माह से टिकटों का पैसा नहीं पहुंच रहा मुख्यालय

फाइनेंस मैनेजर चंद्रप्रकाश हो चुके है निलंबित

चंद्रप्रकाश उन 24 कर्मचारियों में शामिल थे जिन्हें पहले ही 89 लाख रुपये से अधिक के वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया जा चुका है। इससे पहले, जयकरण के पास फाइनेंस का चार्ज था। उम्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली थी। उनके कार्यकाल में भी चार महीने तक यही लापरवाही जारी रही थी, जो इस वित्तीय अनियमितता की निरंतरता को दर्शाता है।

बुकिंग क्लर्कों ने झाड़ी जिम्मेदारी, उठाया फाइनेंस विभाग पर सवाल

नवलगढ़ बुकिंग क्लर्क निरंजन जांगिड़ और सुरेश फगेड़िया ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्होंने रोजाना की टिकट बुकिंग का पैसा तय समय पर नवलगढ़ डिपो के खाते में जमा करवाया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यालय तक पैसा क्यों नहीं पहुंचा, इसकी जिम्मेदारी झुंझुनूं के फाइनेंस डिपार्टमेंट की है। निरंजन ने यह भी बताया कि जब उन्हें गड़बड़ी का संदेह हुआ, तो उन्होंने तत्काल बैंक स्टेटमेंट रोडवेज प्रबंधक को सौंप दिए थे।

चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी का सख्त रुख, उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट

नए चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी ने चार्ज लेते ही सभी वित्तीय रजिस्टर, खाते और बैंक स्टेटमेंट की गहन समीक्षा की। उन्होंने पाया कि नवलगढ़ बुकिंग से जो राशि रोज जमा हो रही थी, वह सही तरीके से राज्य मुख्यालय के खाते में स्थानांतरित नहीं हो रही थी। गिरिराज स्वामी ने तत्काल उच्च अधिकारियों को इसकी लिखित रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा, “यह एक गंभीर मामला है। लगभग 26.5 लाख रुपए पिछले पांच महीने से मुख्यालय खाते में नहीं पहुंचे। हमने इसकी लिखित रिपोर्ट हेड ऑफिस को दी है। जांच के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मासिक स्टेटमेंट के बावजूद अनदेखी:

हैरानी की बात यह है कि हर महीने बैंक स्टेटमेंट निकाले जाने के बावजूद पांच महीने तक किसी भी अधिकारी की नजर इस बड़ी वित्तीय गड़बड़ी पर नहीं पड़ी। यह रोडवेज प्रशासन की गंभीर चूक मानी जा रही है और इससे यह स्पष्ट होता है कि न केवल बुकिंग क्लर्क, बल्कि फाइनेंस विभाग के उच्च अधिकारियों की भी मिलीभगत या घोर लापरवाही रही है।

पूर्व में भी बड़े घोटाले:

यह पहली बार नहीं है जब झुंझुनूं रोडवेज में इस तरह की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। कुछ महीने पहले ही रोडवेज के फाइनेंस विभाग से जुड़े 89 लाख रुपये के एक अन्य घोटाले में 24 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।

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