बच्चे की साइकिल से गिरकर फटी आंत:मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने एक घंटे तक ऑपरेशन कर बचाई जान, आईसीयू में भर्ती
बच्चे की साइकिल से गिरकर फटी आंत:मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने एक घंटे तक ऑपरेशन कर बचाई जान, आईसीयू में भर्ती

राजगढ़ : चूरू के राजगढ़ तहसील के गांव कालाणा में साइकिल से गिरने से दस वर्षीय बच्चे की आंत फट गई। बच्चे की डीबी अस्पताल में जटिल ऑपरेशन कर जान बचाई गई। यह ऑपरेशन निशुल्क हुआ है। अभी बच्चे को आईसीयू में भर्ती किया गया है।
इस हादसे के बाद परिजन बच्चे को लेकर राजगढ़ अस्पताल पहुंचे थे, जहां से गंभीर हालत में उसे चूरू रेफर कर दिया गया। परिजन बच्चे को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंचे। जहां अचानक राउंड पर निकले मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एमएम पुकार भी इमरजेंसी वार्ड में मौजूद थे। उन्होंने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए तुरन्त उसकी सोनोग्राफी करवाकर ऑपरेशन थिएटर में लिया। जहां करीब एक घंटे तक ऑपरेशन चला।
प्रिंसिपल डॉ. एमएम पुकार ने अपनी टीम के साथ तुरन्त ऑपरेशन कर बच्चे की जान बचाई। डॉ. पुकार ने बताया कि बच्चे के पेट में ढाई से तीन सेंटीमीटर तक आंत फट चुकी थी। पित्त की थैली भी बिखर गई थी। बच्चे के पेट में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ गया था। इसलिए इमरजेंसी वार्ड में आते ही बच्चे की दस मिनट में जांच करवाकर ओटी में लिया गया। फिलहाल बच्चा एमआईसीयू में भर्ती है, जहां उसकी हालत में सुधार है और बच्चा खतरे से भी बाहर है।
बच्चे के परिजन सीताराम ने बताया कि राजगढ़ तहसील के गांव कालाणा ताल निवासी अक्षित (10) घर में साइकिल चला रहा था। तभी अचानक घर के आंगन में गिर गया। साइकिल का स्टेयरिंग उसके पेट में लग गया। बच्चे को राजगढ़ के अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने एक्सरे करके कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है। आप इसको जयपुर या बीकानेर लेकर जाओ, लेकिन उसी समय किसी व्यक्ति ने बताया कि चूरू डीबी अस्पताल में फिलहाल डॉ. पुकार है। जो प्रिंसिपल होने के बाद भी खुद ऑपरेशन करते हैं। राजगढ़ से अक्षित को चूरू रेफर किया गया।
इमरजेंसी वार्ड में डॉ. पुकार खुद पहुंच गए। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए मात्र दस मिनट के अंदर अक्षित को ऑपरेशन थिएटर में लेकर उसका ऑपरेशन कर दिया। सीताराम ने बताया कि डीबी अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन हुआ है। गौरतलब है कि डॉ. पुकार के प्रिंसिपल के रूप में चूरू आने के बाद अस्पताल में कई बड़े ऑपरेशन हो चुके हैं। इसके अलावा अस्पताल से रेफर होने वाले मामले में भी काफी हद तक गिरावट आई है। आयुष्मान भारत योजना में भी अस्पताल की रेवन्यू काफी बढ़ गई है।