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चिड़ावा में हूक्के की दुकान से अपहरण के तीन आरोपी गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार भी जब्त


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चिड़ावा में हूक्के की दुकान से अपहरण के तीन आरोपी गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार भी जब्त

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

चिड़ावा :  जिले के चिड़ावा थाना क्षेत्र में सूरजगढ़ मोड़ पर दिनदहाड़े युवक देव यादव के अपहरण के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। अपहरण की इस वारदात में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार को भी जब्त कर लिया गया है।चिड़ावा थाना प्रभारी आशाराम गुर्जर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई थी। इस टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अपहरण के 13 दिन बाद तीन आरोपियों : अजय, अंकित और सत्यपाल को चिड़ावा के पावर हाउस क्षेत्र से पकड़ा। पूछताछ में जुर्म स्वीकार होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी निशानदेही पर कार संख्या आरजे 18 सीई 5367 भी बरामद कर ली गई है, जिसे अपहरण के दौरान उपयोग किया गया था। घटना 29 मई 2025 की सुबह करीब 8 बजे की है, जब सूरजगढ़ मोड़ पर स्थित अपनी दुकान के बाहर खड़े देव यादव को चार-पांच युवकों ने जबरन एक स्विफ्ट गाड़ी में डालकर ले गए। सूचना उसकी मां निर्मला यादव ने पुलिस को दी थी। पीड़िता की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि उसका बेटा श्री महाकाल हुक्का भंडार नामक दुकान चलाता है और घटना के वक्त वह दुकान पर ही मौजूद था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और आसपास के लोगों से पूछताछ के साथ सीसीटीवी फुटेज खंगाले। त्वरित कार्रवाई करते हुए देव यादव को घटना के महज तीन घंटे बाद सिंघाना थाना क्षेत्र के चितोसा से दस्तयाब किया गया। उसकी हालत देखते हुए पहले उपजिला अस्पताल चिड़ावा और फिर झुंझुनूं बीडीके अस्पताल में इलाज करवाया गया।पुलिस ने आरोपियों की तलाश लगातार जारी रखी। 11 जून को सूचना मिली कि आरोपी चिड़ावा कस्बे में घूम रहे हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को धरदबोचा गया। इनके नाम हैं सत्यपाल, निवासी चीमा का बास; अंकित, निवासी भैंसावता; और अजय, निवासी भैंसावता। इनमें से अंकित के खिलाफ पूर्व में भी आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है, जिसमें 2022 में झगड़े के एक मामले में उसके खिलाफ धारा 341, 323, 34 और हथियार अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था। इस पूरे ऑपरेशन में चिड़ावा थाना प्रभारी आशाराम गुर्जर, उप निरीक्षक ताराचंद, कानि. महेंद्र कुमार (आसूचना अधिकारी), और सुरेन्द्र कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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