हजरत ताजुशाह रहमतुल्ला अलेह के सालाना उर्स बड़ी ही अकीदत के साथ मनाए गए
हजरत ताजुशाह रहमतुल्ला अलेह के सालाना उर्स बड़ी ही अकीदत के साथ मनाए गए

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : जिला मुख्यालय पर स्थित तकिया ताजुशाह में दरगाह हजरत ताजुशाह रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स बड़ी अकीदत के साथ मनाए गए। पहले दिन दरगाह पर झंडे की रस्म के अदा की गई फजर की नमाज के बाद मजार को गुस्ल दिया गया । दिन में कुरान- ख्वानी -फातिहा का आयोजन हुआ । मुख्य चादर मोहल्ला काजियान नई सड़क से जुलूस के साथ लाई गई और अकीदत के साथ दरगाह पर चढ़ाई। दिन भर जायरीनों ने फूल – मालाओं और चादर चढ़ा कर मन्नतें मांगी। दिन भर जायरीनो का तांता लगा रहा और शाम को लंगर में खाना खिलाया गया। रात्रि में मिलाद शरीफ का आयोजन हुआ। जिसमें मौलानाओं ने तकरीर की। तकिया ताजुशाह कमेटी के सदस्यों व इमाम साहब में बताया कि यह दरगाह 400 साल से भी अधिक पुरानी है और यहां पर सभी धर्म के मानने वाले लोग अपनी आस्था के साथ आते हैं। यहां पर लंगर में खाना भी हलवा और चना अलग-अलग देगो में बनाया जाता है और सभी को बड़े ही आराम से बैठकर खिलाया जाता है।
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष मुस्ताक खान, खजांची आमीन खान, आवेश खान, बुंदृधे खान, बाबू खान, मौलाना मकसूद, इमाम बागवान, हाजी भंवरु खान, हाजी अख्तर अली पठान, महबूब खान , हाजी यूनुस खान, निजाम खान, गुलाम खां जिलानी, मैनुद्दीन खान, पिरू काका, रमजान खान, नवाब खां गार्ड, के. डी. मनियार, युसूफ खान जोईया, आजम अली भाटी, आरिफ खान, आदि ने सहयोगी भूमिका निभाई। और दुआ की गई अमन चैन भाई-चारा ओर आपसी सौहार्द्र की प्रतीक दरगाह में कुल की रस्म के साथ उर्स संपन्न हुए।