बेटा बोला- पापा वापस नहीं आएंगे, हत्यारों को फांसी दो:भाई-बहनों ने अर्थी को कंधा दिया; सेना के हवलदार की स्कॉर्पियो में किडनैप कर हत्या हुई थी
बेटा बोला- पापा वापस नहीं आएंगे, हत्यारों को फांसी दो:भाई-बहनों ने अर्थी को कंधा दिया; सेना के हवलदार की स्कॉर्पियो में किडनैप कर हत्या हुई थी

सूरजगढ़ : सेना के हवलदार विक्रम सिंह की हत्या से गुस्साए परिजन गुरुवार को धरने पर बैठ गए। बेटे ने पिता की पार्थिव देह को देख कर कहा- ये वापस नहीं आएंगे, हमें इंसाफ चाहिए।
बेटी ने अंतिम संस्कार करवाने से साफ इनकार कर दिया कहा- हम कहीं नहीं जाएंगे हमें आरोपियों के लिए फांसी की सजा चाहिए।
इसके बाद परिजनों, पुलिस और प्रशासन की समझाइश पर माने। परिजनों का कहना था कि देश में सैनिकों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम नागरिकों का क्या होगा।
इसके बाद विक्रम सिंह की पार्थिव देह को सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके बेटे और दोनों बेटियों ने कंधा दिया और इसके बाद नम आंखों से सैनिक को अंतिम विदाई दी गई। मामला झुंझुनूं सूरजगढ़ थाना क्षेत्र के अमरपुरा कलां गांव के पालोता का बास का है। पुलिस ने हत्या के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य की तलाश की जा रही है।
स्कॉर्पियो सवार किडनैप कर घर ले गए थे
विक्रम सिंह के भाई विनोद कुमार ने बताया- उनके भाई विक्रम सिंह पुत्र जगमाल सिंह निवासी पालोता का बास, 18 राज राइफल्स में हवलदार पद पर तैनात थे और वर्तमान में उनकी पोस्टिंग पंजाब के अबोहर में थी।
सिंह 7 जून को छुट्टी पर गांव आए थे। 10 जून (मंगलवार रात) को वह ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले थे। रास्ते में स्कॉर्पियो सवार गांव के ही दो युवकों ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाया और खुद के घर ले जाकर बेरहमी से मारपीट की। रात करीब 9 बजे हमें घटना की जानकारी मिली तो हम मौके पर पहुंचे। आरोपियों ने विक्रम सिंह को गंभीर हालत में घर से बाहर लाकर पटक दिया।
इसके बाद उन्हें सूरजगढ़ के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। करीब 10 साल पहले वे रिटायर होकर डिफेंस सर्विस कोर (DSC) में सेवा दे रहे थे।

पार्थिव देह रख धरने पर बैठे थे परिजन
इसके बाद गुरुवार सुबह से परिजन और ग्रामीण सूरजगढ़ अस्पताल के पास शव रखकर प्रदर्शन किया था। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना था कि जब देश की सुरक्षा करने वाला सैनिक ही अपने गांव में सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों का क्या होगा। उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे सेना के जवानों को भी नहीं छोड़ रहे।
वहीं पिता के शव को देख उनकी बेटी छवि,(17) साक्षी (9) और बेटा निशांत (14) पास खड़े रहे। अड़ गए कि जब तक आरोपियों को फांसी की सजा नहीं हो जाती वे पार्थिव देह को यहां से नहीं ले जाने देंगे।
परिजनों ने उन्हें समझाया तो बेटी ने पूछा कहा जा रहे हो, जहां ये (पिता) हैं। हम वहीं रहेंगे। वहीं बेटा आंखों में आंसू लिए चीखता रहा, ये वापस नहीं आएंगे। हमें इंसाफ चाहिए, आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। वहीं मां अंबिका भी बच्चों को समझाती रही।
तस्वीरों में देखिए जवान का अंतिम संस्कार




2 घंटे चली समझाइश
इसके बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। करीब 2 घंटे की लंबी समझाइश के बाद परिजन माने और धरना समाप्त किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामले में अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
2 आरोपी हिरासत में, अन्य की तलाश जारी
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है। वहीं अन्य आरोपियों की तलाश में टीमें गठित की गई हैं। सूरजगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आपसी कहासुनी और रंजिश का प्रतीत होता है, लेकिन पूरी घटना की गहन जांच की जा रही है।