भीलवाड़ा में खान ढहने से मलबे में दबे दो श्रमिक:8 घंटे रेस्क्यू के बाद मिले दोनों के शव,दो सगी बहनों का उजड़ा सुहाग
भीलवाड़ा में खान ढहने से मलबे में दबे दो श्रमिक:8 घंटे रेस्क्यू के बाद मिले दोनों के शव,दो सगी बहनों का उजड़ा सुहाग

भीलवाड़ा : भीलवाड़ा जिले के सहलाई गांव में काम करते समय खान ढहने से दो श्रमिक मलबे में दब गए। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासन ने दोनों को मलबे से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और रात 9 बजे के बाद पहले एक और बाद में दूसरे मजदूर का शव मिला।
मामला हनुमान नगर थाना क्षेत्र का है।मलबे में दबने की सूचना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण खान के पास जमा हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से दोनों श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
माना जा रहा है कि खातेदारी की जमीन पर अवैध रूप से खनन किया जा रहा था, जिसमें सफेद पत्थर निकलता है। मंगलवार शाम को काम कर रहे श्रमिक मुकेश (25) पिता राम जोगी निवासी नेकेड थाना शकरगढ़ और किशन (35) पिता रामनाथ जोगी निवासी उंदरों का खेड़ा थाना बिजौलिया मलबे के ढेर में दब गए।
सूचना मिलने के बाद एसडीएम राजकेश मीणा, जहाजपुर डिप्टी नरेंद्र पारीक और तहसीलदार रवि कुमार मीणा मौके पर पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और प्रशासन ने एलएनटी और पोकलेन की हेल्प से खान में दबे श्रमिकों को निकालने के प्रयास शुरू किए। रात होने पर दोनों को मलबे से निकालने में कठिनाई हुई।

प्रत्यक्षदर्शी राजू जोगी ने बताया कि मेरी दोनों बेटियों के पति के साथ मैं यहां पर मजदूरी कर रहा था। इसी दौरान मैं किसी काम से गांव में दुकान चला गया। जब मैं वापस लौटा तो मुझे खान में मिट्टी धंसी हुई मिली तथा मेरे दोनों जंवाई मुझे कहीं नहीं दिखाई दिए। मैंने स्वयं पर बड़ी मुश्किल से नियंत्रित करते हुए मेरे ठेकेदार बंटी एवं राजेंद्र निवासी सरसिया को फोन द्वारा सूचना दी। जिसके बाद ठेकेदार ने एक मशीन बुलवाकर मेरे जंवाई को निकालने का प्रयास शुरू कर दिया।
हनुमान नगर थाना प्रभारी गणेश राम मीणा ने बताया की हमें सूचना 4 बजे मिली। उसके बाद हनुमान नगर पुलिस सहित जहाजपुर प्रशासनिक अमला ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवा दिया। मौके पर एक एलएनटी मशीन द्वारा मिट्टी निकलवाने का काम शुरू करवाया गया, लेकिन मिट्टी खुदाई के दौरान पास में पड़ी हुई मिट्टी वापस गिर रही थी, जिसके कारण रेस्क्यू में समय लग रहा था।
चौड़ाई कम और गहराई अधिक होने से लगा समय
भुंवार एवं शिव नगर गांव के समीप जंगल में चल रही अवैध माइंस की चौड़ाई कम होने एवं गहराई अधिक होने के कारण रेस्क्यू में समय लग रहा था। एक तरफ परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था, वहीं दूसरी तरफ गांव वालो की भीड़ बढ़ती जा रही थी।
हादसे का कारण खुदाई की मिट्टी का दोनों तरफ होना
मौके की स्थिति के अनुसार हादसे का मुख्य कारण अवैध माइंस की खुदाई के दौरान बाहर निकाली जाने वाली मिट्टी को दूर नहीं डालकर दोनों ओर के किनारे पर डालना ही है। खुदाई वाली मिट्टी का फिक्स नहीं होने के कारण नीचे कंपन्न एवं अन्य एक्टिविटी से माइंस में भरभराकर गिर जाती है इसी कारण ऐसे हादसे होते हैं।

आधा घंटे के अंतराल पर मिले दोनों युवकों के शव
खनन हादसे के शिकार दोनों युवक किशन व मुकेश के शव आधा घंटे के अंतराल पर मिले, लेकिन घटना के 8 घंटे बाद ही शव बरामद हो सके। सबसे पहले खदान में दबे मुकेश जोगी का शव 9 बजे मिला, उसके आधा घंटे बाद किशन कुमार का भी शव मिला। पुलिस ने दोनों शवों को राजकीय चिकित्सालय देवली की मोर्च्युरी में रखवा दिया है।
पिता के सामने ही उजड़ा दोनों बेटियों की मांग का सिंदूर
अवैध माइंस में लेबर के तौर पर ससुर राजू नाथ कालबेलिया एवं दोनों जमाई किशन और मुकेश कार्य कर रहे थे। दोनों जमाई खनन हादसे का शिकार हो गए लेकिन मौके पर मौजूद ससुर कुछ भी मदद नहीं कर सका।
एक महीने बाद होनी थी छोटी बेटी की डिलीवरी
ससुर राजु ने बताया कि मेरी बड़ी बेटी सीता की शादी 2008 में किशन जोगी पुत्र रामनाथ कालबेलिया निवासी उंदरा का खेड़ा थाना बिजोलिया के साथ हुई थी। किशन के दो लड़के एवं एक माह की लड़की है।दूसरी बेटी माया की शादी मुकेश जोगी पुत्र निवासी नेगढ थाना शक्कर गढ़ के साथ दो वर्ष पूर्व हुई थी। मेरी बेटी माया की एक माह बाद ही डिलीवरी होने वाली थी।