तपते रेगिस्तान में गरजी ‘बैटल एक्स डिवीजन’:भविष्य के युद्ध की तैयारी में जुटी भारतीय सेना, युद्धाभ्यास में दिखाई ताकत
तपते रेगिस्तान में गरजी 'बैटल एक्स डिवीजन':भविष्य के युद्ध की तैयारी में जुटी भारतीय सेना, युद्धाभ्यास में दिखाई ताकत

जैसलमेर : तपते रेगिस्तान में एक बार फिर भारतीय सेना की रणभेरी गूंजी है। भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन ने पश्चिमी सरहद पर अपनी ताकत का अभ्यास किया। ‘Future Ready’ थीम पर आधारित युद्धाभ्यास में मिशन ओरिएंटेड ट्रेनिंग, मॉडर्न हथियारों और तकनीकी सिस्टम का समावेश करके रेगिस्तानी युद्ध की संभावनाओं पर गंभीरता से काम किया गया।
युद्धाभ्यास भारतीय सेना की कोणार्क कॉर्प्स के तहत बैटल एक्स डिवीजन ने किया। इस अभ्यास में न केवल रेगिस्तानी इलाके में युद्ध संचालन की तकनीकों को दोहराया गया, बल्कि युद्ध क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाले आधुनिक हथियारों और उपकरणों का भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया।

रेगिस्तानी इलाकों में ऑपरेशनल रेडीनेस को परखना था मुख्य उद्देश्य
गौरतलब है कि भारतीय सेना अब भविष्य के संभावित युद्धों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति और प्रशिक्षण में व्यापक बदलाव कर रही है। 21वीं सदी के युद्ध केवल टैंक और राइफल तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि अब ये युद्ध आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, साइबर युद्ध, रियल टाइम डेटा और मॉडर्न निगरानी उपकरणों पर आधारित हो गए हैं।
सेना की बैटल एक्स डिवीजन द्वारा किए गए इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य रेगिस्तानी इलाकों में ऑपरेशनल रेडीनेस को परखना था। इसके अलावा नए उपकरणों जैसे ड्रोन्स, UGV (Unmanned Ground Vehicle), EO सिस्टम (Electro-Optics) और मोबाइल आर्टिलरी का व्यावहारिक उपयोग और दिन और रात के समय में युद्ध रणनीति का परीक्षण करना था। साथ ही टैंक, इन्फैंट्री और आर्टिलरी यूनिट्स के बीच तालमेल बनाना भी इस युद्धाभ्यास के अहम उद्देश्य थे।

तीन चरणों में चला अभ्यास
इस अभ्यास को 3 चरणों में बांटा गया, जिसमें मुख्य रूप से तैयारी और तैनाती चरण था, जिसके तहत यूनिट्स ने अपने उपकरणों को रेगिस्तानी इलाके में तैनात किया। इसमें रात में मूवमेंट, लॉजिस्टिक सपोर्ट और निगरानी तंत्र की स्थापना शामिल थी। वहीं, दूसरा चरण था क्लोज क्वार्टर और टैक्टिनकल प्रैक्टिस। इसमें सैनिकों ने टैंक, इन्फैंट्री और आर्टिलरी के साथ कोर्डिनेशन किया। टारगेट को चिह्नित कर ड्रोन से डेटा लेकर आर्टिलरी हमले किए गए।
UGV (Unmanned Ground Vehicle) के जरिए दुश्मन क्षेत्र में गश्त और सर्च ऑपरेशन भी अभ्यास का हिस्सा था। वहीं, इस अभ्यास का तीसरा व महत्वपूर्ण चरण था सेना का उद्देश्य, जिसके तहत सेना ने सिर्फ आज नहीं, कल के लिए भी तैयार रहने का अभ्यास किया। सैन्य सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना का यह युद्धाभ्यास साल 2030 तक की युद्ध चुनौतियों को ध्यान में रखकर सेना को पूरी तरह आधुनिक और तकनीकी रूप से एडवांस बनाए जाने के उद्देश्य से किया गया।
अब इन 3 फोटोज के जरिए देखिए भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन का अभ्यास


