एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में 8 जानें गईं:2 की सांसें चल रही थीं, तैरना नहीं आता था, इसलिए तीन युवक किनारे पर नहा रहे थे
एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में 8 जानें गईं:2 की सांसें चल रही थीं, तैरना नहीं आता था, इसलिए तीन युवक किनारे पर नहा रहे थे

टोंक : टोंक की बनास नदी में डूबने से 8 लोगों की मौत हो गई है। तीन युवकों को बचा लिया गया। पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचा था। मरने वाले सभी लोग जयपुर के रहने वाले थे। ये पिकनिक मनाने गए थे। भास्कर टीम ने रेस्क्यू करने वाले युवाओं से जानकारी जुटाई कि आखिर हादसा कैसे हुआ और मौके पर क्या स्थिति थी। बातचीत में सामने आया कि तीन लोगों को तैरना नहीं आता था। ऐसे में वो किनारे से थोड़ा आगे ही नहा रहे थे, लेकिन बाकी पांच डूबने लगे तो बचाने की कोशिश में वे भी डूब गए।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…


तीन युवक बना रहे थे खाना, इसलिए नहाने नहीं गए
नौशाद (मृतक) अपने बेटे-भतीजे व अन्य आठ युवकों के साथ बनास नदी के किनारे पहुंचा था। जयपुर से सभी 11 लोग 10 जून की दोपहर टोंक पहुंचे थे। करीब साढ़े बारह बजे इन्होंने यहां पर पड़ाव बनाया। इनमें से तीन युवक शाहरुख, सलमान और समीर नदी से कुछ दूर पर खाना बनाने की तैयारी में जुटे थे।
बाकी सभी युवकों ने नहाने की बात की और नदी में चले गए। नौशाद, कसब और रेहान को बिल्कुल तैरना नहीं आता था। वे किनारे पर नहा रहे थे। पांच युवक किनारे से करीब 100 मीटर अंदर नहाने चले गए। इस दौरान एक युवक गड्ढे में चला गया और खुद को संतुलित नहीं कर पाया। उसके पास ही नहा रहे युवक ने पकड़ने की कोशिश की तो उसने उसकी गर्दन पकड़ ली। ऐसे ही एक के बाद एक दूसरे को बचाने के चक्कर में सभी एक ही जगह डूब गए।

वॉट्सऐप पर दी सूचना, फिर शुरू हुआ रेस्क्यू
पुराने टोंक निवासी लईक देशवाली ने बताया कि घटना के समय उनके मोहल्ले का एक लड़का पुल पर मौजूद था। उसने पूरी घटना देखी और तुरंत उनके ग्रुप पर मैसेज किया। हमलोगों ने जैसे ही मैसेज देखा रेस्क्यू के लिए रवाना हो गए।
एक ही जगह पर डूबे थे सभी
लईक ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ है, वहां पर गड्ढा बना हुआ है। ऐसे में संतुलन खोने की वजह से ही हादसा होना सामने आ रहा है। युवकों ने सबसे पहले रेस्क्यू करते हुए दो युवकों को बाहर निकाल दिया था, तब तक उनकी सांसें चल रही थीं। इसी दौरान प्रशासन को भी जानकारी दे दी गई थी। एक-एक करके बाकी सभी को निकाला गया। जिन दो लोगों की सांस चल रही थीं, उन्हें भी नहीं बचाया जा सका। अस्पताल लाने के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सूचना के बाद भी प्रशासन ने समय पर कदम नहीं उठाया। दो युवकों को निकालने के दौरान पुलिस की एक गाड़ी आ गई थी। लोगों ने दोनों युवकों को पुलिस की गाड़ी में ले जाने के लिए कहा। आरोप है कि पुलिस ने यह कहते हुए मना कर दिया कि एम्बुलेंस आ रही है। फिर लोगों ने हंगामा करना शुरू किया तो दो युवकों को वे लोग लेकर हॉस्पिटल रवाना हुए।
इसी दौरान दो और लोगों को निकाल लिया था। एम्बुलेंस आई लेकिन वो सिर्फ एक को ले जाने की बात करने लगी। इसके बाद एक युवक को लोग अपनी गाड़ी में लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। हालांकि इसके बाद बड़ी संख्या में प्रशासन और पुलिस के लोग पहुंच गए थे।

आपस में रिश्तेदार थे सभी
हादसे का शिकार हुए आठों युवक एक ही परिवार से थे। आपस में चाचा-भतीजा, मामा-भांजा, जीजा-साला लगते थे। जयपुर से आए अशफाक ने बताया कि ईद के बाद ये लोग गोठ मनाने के लिए घर से रवाना हुए थे। एक दिन पहले सोमवार को ही इन्होंने प्लानिंग कर ली थी और शाम तक इन्हें वापस लौटना था। इनके लौटने की बजाय इनकी मौत की सूचना पहुंची।
मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता
घटनाक्रम के बाद जब शवों को अस्पताल लाया गया तो बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया। इधर हादसे की जानकारी के बाद जनप्रतिनिधियों का भी आना-जाना लगा हुआ था।