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नवलगढ़ में ड्रेनेज प्रोजेक्ट पर फिर छिड़ा विवाद, डीपीआर की खामियों को लेकर लोगों में आक्रोश


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नवलगढ़ में ड्रेनेज प्रोजेक्ट पर फिर छिड़ा विवाद, डीपीआर की खामियों को लेकर लोगों में आक्रोश

स्थानीयों ने काम रुकवाया, नई और व्यावहारिक योजना की उठाई मांग

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविन्द्र पारीक

नवलगढ़ : कस्बे में लंबे समय से जलभराव की समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2023 में बकरा मंडी से डेराणा तक ड्रेनेज पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन यह योजना अब एक बार फिर विवादों में घिर गई है। शनिवार को जैसे ही कार्य दोबारा शुरू किया गया, स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया और काम रुकवा दिया।

डीपीआर में बताई जा रही गंभीर खामियां

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस ड्रेनेज योजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में कई गंभीर त्रुटियां हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठाया गया कि जब पानी को सीधे बकरा मंडी से ढेढाणा जोहड़ तक ले जाना संभव है, तो फिर डेराणा होते हुए लंबा रास्ता क्यों चुना गया? लोगों का आरोप है कि यह अनावश्यक रूप से मार्ग लंबा कर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है।

पुरानी गलियों में पहले भी आई थीं दरारें

स्थानीय नागरिकों ने उदाहरण देते हुए बताया कि पहले रामदेवरा चौक से गंगा माई मंदिर तक की गली में पाइप डालने के दौरान भी विरोध हुआ था। उस समय ठेका कंपनी की लापरवाही के कारण कई ऐतिहासिक हवेलियों, दुकानों और मकानों में दरारें आ गई थीं, जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ। अब एक बार फिर वैसी ही स्थिति बनने की आशंका जताई जा रही है।

काम फिर से रुका, लोगों ने जताई नाराजगी

शनिवार को जैसे ही कार्य दोबारा शुरू हुआ, तो बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और जोरदार विरोध दर्ज कराया। लोगों ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक संशोधित और व्यावहारिक डीपीआर तैयार नहीं की जाती, वे अपनी गलियों में पाइपलाइन बिछाने की अनुमति नहीं देंगे। विरोध के चलते ठेका कंपनी के कर्मचारी काम छोड़कर दूसरी जगह चले गए।

नई डीपीआर की मांग

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वर्तमान डीपीआर की समीक्षा कर उसमें आवश्यक सुधार किए जाएं और एक नई, व्यावहारिक योजना तैयार की जाए जो सीधा और सुरक्षित रास्ता अपनाए। इसके अलावा कार्य के दौरान गुणवत्ता और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

प्रशासन की चुप्पी

इस पूरे मामले पर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और जल्द ही कोई समाधान निकलेगा, जिससे नवलगढ़ की जलनिकासी समस्या का स्थायी हल निकाला जा सके।

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