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रोडवेज कर्मचारी संगठन ने विधायक के नाम दिया ज्ञापन


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रोडवेज कर्मचारी संगठन ने विधायक के नाम दिया ज्ञापन

राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन ने खेतड़ी आगार प्रबंधक पर भ्रष्टाचार के लगाएं आरोप

खेतड़ी नगर : राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को कर्मचारियों की पांच सुत्री मांगों को लेकर खेतड़ी विधायक आवास पर विधायक इंजी. धर्मपाल गुर्जर के नाम अध्यक्ष महेंद्र सिंह गुर्जर व सचिव मान सिंह ने भाजपा महिला मोर्चा जिला महामंत्री पूनम धर्मपाल गुर्जर को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन के मार्फत खेतड़ी आगार के मुख्य प्रबन्धक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। ज्ञापन के मार्फत बताया कि खेतड़ी आगार के मुख्य प्रबन्धक द्वारा भ्रष्टाचारपूर्वक कार्य करते हुये, निगम को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आमजन में भी निगम की साख खराब कर रहे है। ज्ञापन में बताया कि खेतड़ी आगार मेंअनुबंध पर लगी बसों के संचालकों पर मुख्य प्रबंधक विशेष कृपादृष्टि बनाएं हुए है।

अनुबंध पर खेतड़ी से दिल्ली मार्ग पर चल रही चार बसों का संचालन दिल्ली के सराय कालेखां अन्तर्राज्य बस स्टेण्ड तक के आदेश है, लेकिन मुख्य प्रबन्धक ने इन आदेशों को धत्ता बताते हुए इन वाहनों का संचालन दिल्ली के धोला कुआं तक ही हो रहा है, सवारियों को धोला कुआं उतार दिया जाता है, यात्रियों से पूरा किराया वसूला जा रहा है। अनुबंधित वाहन संचालकों को सराय कालेखां तक के किलोमीटर व डीजल का भुगतान करके निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

आरोप : बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं करना

ज्ञापन में खेतड़ी आगार के वर्तमान मुख्य प्रबंधक पर बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं करने का आरोप लगाया गया।

ज्ञापन में बताया गया है कि निगम में कर्मचारियों की कमी होते हुए भी मुख्यालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए जूनियर कर्मचारियों को मार्ग पर काम में नहीं लेकर, उनसे मंथली वसूल करके आगार कार्यालय में लगा रखा है। इससे मार्ग पर ड्यूटी करने वाले चालक-परिचालकों को समय पर अवकाश नहीं मिलने से मानसिक अवसाद में रहते हैं। कर्मचारी जब अपने विभागीय कार्य या लंबित आरोप पत्र का निर्णय करवाने हेतु मुख्य प्रबंधक के पास जाता है तो वह उनसे रिश्वत की मांग करते हैं। बिना रिश्वत दिए कर्मचारियों का कोई काम नहीं होता है।

हर बार बसों की जीरो डिमांड बनाकर भेजना 

पूर्व में आगार में लगभग 60 बसें संचालित थीं। लेकिन इनके आने के बाद अधिकतर बसें बंद हो चुकी हैं। मुख्यालय से जब भी बसों की डिमांड पूछी है तो कर्मचारियों की कमी बताकर शून्य डिमांड भिजवाते हैं। इससे है कि मुख्य प्रबंधक खेतड़ी आगार की बसों के संचालन में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं लेते हैं।

मुख्य रूट की बसों को बंद 

मुख्य प्रबंधक पर निजी वाहन संचालकों से मिली भगत कर खेतड़ी डिपो से सुबह 4:30 बजे जयपुर के लिए जाने वाली पहली बस चलती थी उसे बंद कर दिया। सुबह चलने वाली बस में अधिकांश लोग बिमार व्यक्ति जाते थे, बीमार व्यक्तियों उस बस में जयपुर आने-जाने में काफी फायदा होता था। आरोप है कि वर्तमान मुख्य प्रबंधक ने निजी बसों के मालिकों से मिलीभगत कर उस बंद कर दिया।

इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है, आप के द्वारा ही संज्ञान में आया है। इस संबंध में मुझे किसी ने कोई शिकायत भी नहीं की है। मामले की जानकारी की जाएगी। हो सकता है कभी कभार जाम लगने या गाड़ी ब्रेक डाउन होने से गाड़ी लेट हो जाने के चलते धोला कुआं से ही वापस आई होगी। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। –दिलदार सिंह, मुख्य प्रबंधक खेतड़ी आगार

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