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कौन हैं वायरल टीचर अब्दुल मलिक? 20 साल से तैरकर स्कूल जाते हैं ‘ट्यूब मास्टर’, एक दिन की भी नहीं ली छुट्टी


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कौन हैं वायरल टीचर अब्दुल मलिक? 20 साल से तैरकर स्कूल जाते हैं ‘ट्यूब मास्टर’, एक दिन की भी नहीं ली छुट्टी

केरल के शिक्षक अब्दुल मलिक 20 साल से लेकर आज तक नदी तैरकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने की उनकी इस लगन और मेहनत ने उन्हें छात्रों का हीरो और प्रेरणा बना दिया है।

केरल : आपने आज तक कई सारी संघर्ष और सफलता की कहानियां सुनी होंगी। ज्यादातर कहानियों में लोगों को उनके छात्र जीवन में स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई के लिए संघर्ष करते हुए दिखाया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने कोई ऐसी कहानी सुनी जिसमें बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल-कॉलेज के टीचर्स और प्रोफेसर को संघर्ष करना पड़ा हो? आज हम आपको एक ऐसे टीचर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो छात्रों को पढ़ाने के लिए 20 साल से नदी तैरकर स्कूल जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं केरल के शिक्षक अब्दुल मलिक की, जिनकी कहानी इस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।

20 सालों में नहीं हुए लेट

केरल के पदिनजट्टुमुरी के रहने वाले अब्दुल मलिक गणित के शिक्षक हैं। वह 20 साल से हर रोज कडालुंडी नदी तैरकर बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जाते हैं। अब्दुल को पिछले 20 सालों में एक भी दिन स्कूल पहुंचने में देर नहीं हुई और न ही उन्होंने इन सालों में एक भी दिन की छुट्टी ली। बच्चों को पढ़ाने की उनकी इस लगन और मेहनत ने उन्हें छात्रों का हीरो और प्रेरणा बना दिया है। आज भी अब्दुल मलिक हर रोज अपनी किताबों, कपड़ों, जूते और जरूरी सामान को प्लास्टिक की थैली में रखकर रबर के टायर की मदद से कडालुंडी नदी तैरकर पार करते हैं।

आखिर क्यों नदी तैरकर जाते हैं स्कूल?

मलिक ने द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि 12 किलोमीटर के सफर के लिए बसों में 3 घंटे लगते हैं। इस तरह की ट्रांसपोर्ट पर निर्भर रहने से बेहतर है कि वह तैरकर स्कूल चले जाएं। उन्होंने बताया कि नदी को तैरकर स्कूल जाने में उन्हें सिर्फ 15-30 मिनट लगते हैं। स्कूल के छात्र उन्हें प्यार से ‘ट्यूब मास्टर’ कहते हैं। ये टायर ट्यूब उन्हें नदी की धाराओं का सामना करने में मदद करता है।

छात्रों को तैराकी भी सिखाते हैं अब्दुल

इसके अलावा अब्दुल मलिक पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी काम करते हैं। अब्दुल छात्रों को गणित सूत्रों के साथ-साथ प्रकृति का सम्मान करना भी सिखाते हैं। वह सालों से नदी सफाई अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। इस अभियान के तहत वह अपने छात्रों के साथ मिलकर कडालुंडी नदी की सफाई करते हैं। इस अभियान की शुरुआत उन्होंने केरल के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट सामने आने के बाद की। इसमें बताया गया कि कडालुंडी नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके साथ ही अब्दुल कक्षा 5वीं से ऊपर के छात्रों को तैराकी भी सिखाते हैं। इससे उन छात्रों में पानी का डर खत्म होता है।

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