झुंझुनूं में युवक की हत्या को लेकर धरना जारी:पुलिसकर्मी पर आरोप
जिला कलेक्टर रामावतार मीणा से वार्ता के बाद बनी सहमति, धरना समाप्त

झुंझुनूं : जिले के धनुरी थाना क्षेत्र स्थित बिरमी गांव में युवक सुभाष मेघवाल की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों द्वारा हत्या के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर लगातार चौथे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी है।
प्रशासन और पुलिस की ओर से पिछले तीन दिनों से लगातार समझाइश की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है, जिससे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।
पुलिसकर्मी पर हत्या का गंभीर आरोप
मृतक सुभाष मेघवाल की पत्नी मनोज देवी ने 18 मई को धनुरी थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 16 मई को त्रिलोका का बास निवासी मुकेश जाट, उसके साले और दो-तीन अन्य ने सुभाष पर जानलेवा हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे जयपुर रेफर किया गया। इलाज के दौरान सुभाष की मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि मुख्य आरोपी मुकेश जाट पुलिस विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त हुआ था, वर्तमान में वह पदोन्नत होकर वरिष्ठ सहायक के रूप में पुलिस मुख्यालय, जयपुर में तैनात है। परिजनों का दावा है कि मुकेश जाट का पुलिस विभाग में रसूख होने के कारण ही अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे उन्हें न्याय मिलने में बाधा आ रही है। हत्या के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। वे जिला प्रशासन से यह भी मांग कर रहे हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाए, ताकि पुलिस विभाग से जुड़े आरोपी को किसी भी तरह से बचाया न जा सके।
प्रशासन की समझाइश विफल, पुलिस बल तैनात
जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी लगातार धरनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने परिजनों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, वे किसी भी मौखिक आश्वासन को नहीं मानेंगे।
घटना के चलते गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। ग्रामीणों का यह आंदोलन अब एक बड़े जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है।
दो दौर की वार्ता के बाद बनी सहमति
कलेक्ट्रेट परिसर में परिजनों और प्रतिनिधिमंडल के साथ 2 से 3 दौर की वार्ता के बाद सहमति बनी। प्रशासन ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
विधायक भांबू और दहिया की उपस्थिति
वार्ता के दौरान झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू व राजेश दहिया भी मौजूद रहे। दोनों जनप्रतिनिधियों ने मृतक के परिजनों को 51-51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।
नौकरी और सहायता का आश्वासन
जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि मृतक के आश्रित को नियमानुसार संविदा पर नौकरी दी जाएगी। साथ ही राज्य सरकार द्वारा देय सभी सहायता योजनाएं मुहैया कराई जाएंगी।
जाँच जारी, रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
वार्ता के दौरान कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच पूरी कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक अधिकारी भी रहे मौजूद
वार्ता के दौरान एडीएम अजय कुमार आर्य व एसडीएम हवाई सिंह यादव भी मौके पर मौजूद रहे और पूरे घटनाक्रम की निगरानी की।