बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हुई कार्यशाला:सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजन, दिव्यांगों को बांटी व्हील चेयर
बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हुई कार्यशाला:सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजन, दिव्यांगों को बांटी व्हील चेयर

झुंझुनूं : जिले में बुजुर्गों के कल्याण, सशक्तिकरण और सामाजिक रूप से मजबूत करने के लिए सूचना केंद्र सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजित हुई। कार्यशाला में वरिष्ठ नागरिकों को मानसिक, शारीरिक, कानूनी और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण और परामर्श दिया गया।

बुजुर्गों को स्वावलंबी बनाना
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए झुंझुनूं विधायक राजेन्द्र भांबू ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विभाग की प्राथमिकता है कि बुजुर्ग किसी भी रूप में दूसरों पर आश्रित न रहें। भांभू ने जोर देकर कहा कि बुजुर्गों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनना चाहिए ताकि वे स्वयं बेहतर जीवन जी सकें और समाज की नींव भी मजबूत हो। उन्होंने कहा कि यदि बुजुर्ग स्वस्थ, सुरक्षित और मानसिक रूप से सशक्त रहेंगे, तो सामाजिक संरचना भी उतनी ही सुदृढ़ होगी।
विशेषज्ञों ने दी जानकारी
कार्यशाला में जिले के प्रमुख विशेषज्ञों की भागीदारी रही। नामचीन मनोवैज्ञानिकों, श्रेष्ठ योग प्रशिक्षकों, आहार विशेषज्ञों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों, पुलिस विभाग, साइबर सेल और जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया।

वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल जागरूकता, स्वास्थ्य प्रबंधन, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा और कानूनी सहायता जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई, जिससे उन्हें वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके।
दिव्यांग व्यक्तियों को इलैक्ट्रिक व्हीलचेयर बांटी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक पवन पुनिया ने बताया कि कार्यशाला के अंतर्गत एक विशेष पहल के तहत मांसपेशीय दुर्विकास (मस्कुलर डिस्ट्रॉफी) से पीड़ित 20 दिव्यांगजनों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर भी वितरित की गई। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल दिव्यांगों के जीवन को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सरकार की समावेशी सोच का भी प्रतीक है, जो समाज के हर वर्ग के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है।
जिला कलेक्टर ने बुजुर्गों को बताया समाज की अमूल्य धरोहर
जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने कार्यशाला में कहा कि ऐसी पहल से न केवल बुजुर्गों को जीवन में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास मिलता है, बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुजुर्ग समाज की अमूल्य धरोहर हैं और उनकी भलाई के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।