डूंगरपुर में जलक्रांति का शंखनाद, मॉडल के रूप में सौ तालाबों का चयन, बढ़ेगी गहराई
- जल संरक्षण के क्षेत्र में कीर्तिमान रचेगा डूंगरपुर जिला, देश-प्रदेश के पेश होगी अनुकरणीय नजीर - मुख्यमंत्री की मंशा को पहनाएंगे अमलीजामा, मानसून में दिखेगी बदली तस्वीर - एसबीएम (ग्रामीण) के प्रदेश समन्वयक गुप्ता के भागीरथी प्रयास, प्रशासन निभा रहा सेतु की भूमिका

डूंगरपुर : जल संकट वैश्विक चुनौती बनता जा रहा है, मौजूदा दौर और वर्तमान काल में तापमान ने भविष्य की भयावह तस्वीर से जनता के रोंगटे खड़े कर दिए है। सरकारें अपने स्तर पर पानी बचाओ का नारा देकर जनजागरूकता लाने का प्रयास कर रही है, जल संरक्षण को लेकर देश-प्रदेश में कई तरह के कार्य चल रहे है, लेकिन दक्षिणी राजस्थान के जनजाति बहुल डूंगरपुर जिले में जल संरक्षण को लेकर जल चिंतक एवं स्वच्छ भारत मिशन के प्रदेश समन्वयक के.के. गुप्ता ने सरकार की जल संचय की मंशा को धरातल पर उतारने अपने अंदाज में अलग तरह से अनूठी मुहिम शुरू की है।
सरकार की मंशा और गुप्ता के प्रयासों में जिला प्रशासन सेतु की भूमिका में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है। सरकार की मंशा, गुप्ता के प्रयास और प्रशासन के सहयोगरूपी अभियान के बूते जल संचय के क्षेत्र में कीर्तिमान रचने की राह पर कदम बढ़ा चुका है। डूंगरपुर जिले के दस ब्लॉक में दस-दस मॉडल तालाब का चयन किया गया है। सरकार की मंशा, के.के. गुप्ता के विजन और प्रशासनिक मशीनरी के सहयोग से डूंगरपुर जल संचय में नजीर प्रस्तुत करेगा।
सौ तालाबों का चयन, मिलेंगे दूरगामी परिणाम
जिला प्रशासन ने डूंगरपुर जिले के दस ब्लॉक में दस-दस मॉडल तालाब का चयन किया है। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ इन तालाबों का सौंदर्यकरण, साफ-सफाई एवं गहराई बढ़ाने के कामों को लेकर गंभीर है। शासन की अवधारणा को धरातल पर मूर्त बनाने प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है। दस ब्लॉक में चयनित तालाबों की तस्वीर बदलने और जल संचय की कल्पना को साकार करने के लिए ग्राम पंचायत में पडऩे वालों तालाबों पर प्रभारी नियुक्त किए गए है। मनरेगा के श्रमिको को तालाबों के कायाकल्प के लिए नियुक्त किया गया है। सरकार, प्रशासन और एसबीएम के प्रदेश समन्वयक के सामूहिक प्रयासों का फलसफा भी नजर आने लगा है। मॉडल तालाबों की सफाई के लिए भीषण गर्मी में बहाया पसीना जल संचय की कीर्तिमानी कहानियां लिखेगा।
मानसून की मेहर और डूंगरपुर की मेहनत रंग लाएगी
इस साल मानसून की मेहर रही तो डूंगरपुर की मेहनत रंग लाएगी। जिले के सौ तालाब प्री मानसून पूर्व जल के भंडारण के लिए तैयार किए जा रहे है। अच्छी बारिश हुई तो यह तालाब लबालब होकर भूमिगत जल स्तर बढ़ाने वाले होंगे। जल स्त्रोत रिचार्ज होंंगे और गिरते जा रहे वाटरलेवल को संबल मिलेगा। आज के दौर में समूचा विश्व पानी के संकट की चुनौती को झेल रहा है। कई देशों में पानी खरीदना पड़ रहा है। रेलवे और वाहनों से पानी के परिवहन की तस्वीरें सबने देखी है। राजस्थान और डूंगरपुर जिला परंपरागत पेयजल स्त्रोत और नदी, नालों और तालाबों से संपन्न है। एक साथ सौ तालाबों का चयन कर जल संचय के लिए किए जा रहे अपूर्व प्रयास निश्चित ही आशातीत परिणाम देंगे।
डूंगरपुर जिले में पहली बार तालाबों पर फोकस
उल्लेखनीय है कि दशकों में पहली बार डूंगरपुर जिले के तालाबों को संबल देने की कार्ययोजना को हाथ में लिया गया है। इससे पूर्व के.के. गुप्ता ने नगर परिषद सभापति पद पर रहते डूंगरपुर शहर की प्राचीन बावडियों और परंपरागत पेयजल स्त्रोतों को एमजेएसए के तहत पुर्नजीवित किया था और लाखों लीटर पेयजल प्रतिदिन शहरवासियों के लिए उपलब्ध कराया गया था। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप एक बार फिर डूंगरपुर जिले में जल संचय का बीडा उठाया गया है। पहली बार तालाबों का चयन किया गया है।
जलआवक मार्गो से हटाएं जा रहे अवरोध, बढ़ाई जा रही गहराई
जिले के दस ब्लाक में चयनित सौ तालाबों की जलभराव क्षमता बढ़ाने जलआवक मार्गो से अवरोध हटाएं जा रहे है, तालाब की डिसल्टिंग की जा रही है। झांडियो की कटाई, पालों की मरम्मत और सौंदर्यकरण के कार्य किए जा रहे है। इस मानसून सरकार की मंशा, प्रशासन की मुहिम और के.के. गुप्ता के प्रयास रंग लाने को आतुर है। दस ब्लाक में चयनित तालाबों की स्थिति और हालात में परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
तालाबों का निरीक्षण कर बोले गुप्ता : वेलडन, अंतिम छोर तक सुनाई दे जलक्रांति की गूंज
सोमवार को एसबीएम के प्रदेश समन्वयक के.के. गुप्ता ने दोवड़ा ब्लाक में चयनित दोवड़ा, फलौज एवं पगारा पंचायत के मॉडल तालाब का निरीक्षण किया और चल रहे कार्य और बदली तस्वीर पर संतोष जताया। गुप्ता ने अधिकारियों और कार्मिकों का हौंसला बढ़ाया और कहा कि जल संचय के लिए बहाया जा रहा पसीना व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने वेलडन कहकर कार्यो की सराहना की और कहा कि जिले के अंतिम छोर तक जलक्रांति की गंूज सुनाई देगी। गुप्ता ने जिलेभर की अवाम से अपील की है कि तालाबों की गहराई बढ़ाने और सौंदर्य स्थापित करने चलाई जा रही पवित्र मुहिम में एक दिन का श्रमदान करें और क्षमता अनुरूप तालाब की डिसल्टिंग (मिट्टी निकालने) कार्य में हाथ बढ़ाएं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के अभियान को अपना अभियान मानकर कामयाब बनाएं। उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली की सराहना और स्वागत करते हुए कहा कि जिला कलक्टर एवं सीईओ के कुशल मार्गदर्शन में दस ब्लॉक में अधिकारी-कार्मिक पूरी निष्ठा के साथ जल संचय के लिए बेहतर कार्य कर रहे है। प्रशासन द्वारा 100 तालाबों के जीर्णोद्धार का निर्णय अकल्पनीय तथा प्रशंसनीय है। मानसून के दौरान यह तालाब जल संचय का संगीत सुनाएंगे और जनजीवन और पशुओं के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इस दौरान अतिरिक्त विकास अधिकारी गिरीश कलाल, सहायक अभियंता पुनमचंद मेघवाल, दयाशंकर परमार, जेटीए कीर्ति वैष्णव, ग्राम विकास अधिकारी प्रेमशंकर परमार सहित मेट एवं ग्रामीण मौजूद रहें।