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झुंझुनूं में 8 दिन में खुलवाए बंद पड़े 53 रास्ते:15 हजार ग्रामीणों को मिली राहत; कलेक्टर कर रहे अभियान की मॉनिटरिंग


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झुंझुनूं में 8 दिन में खुलवाए बंद पड़े 53 रास्ते:15 हजार ग्रामीणों को मिली राहत; कलेक्टर कर रहे अभियान की मॉनिटरिंग

झुंझुनूं में 8 दिन में खुलवाए बंद पड़े 53 रास्ते:15 हजार ग्रामीणों को मिली राहत; कलेक्टर कर रहे अभियान की मॉनिटरिंग

झुंझुनूं : सीएम भजनलाल शर्मा की पहल पर शुरू किए गए ‘रास्ता खोलो अभियान’ से झुंझुनूं जिले में लोगों को बड़ी राहत मिली है। कलेक्टर रामावतार मीणा के नेतृत्व में प्रशासन ने महज 8 दिन में लंबे समय से बंद पड़े 53 रास्तों को खुलवा दिया है।

कलेक्टर ने की मॉनिटरिंग

जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने ‘रास्ता खोलो अभियान’ की रोजाना मॉनिटरिंग की। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए और आमजन की समस्याओं को सुनने के लिए खुद भी उपलब्ध रहे। इसके चलते प्रशासन ने 8 दिन में 53 सार्वजनिक और निजी रास्तों को खुलवा दिया।

राजस्व टीमों का उत्कृष्ट कार्य, जटिल प्रकरणों का भी समाधान

कलेक्टर ने बताया कि पिछले 6 महीनों में नियमित रूप से आने वाले 200 से ज्यादा परिवादियों के रास्तों से संबंधित मामलों का समाधान किया गया है। हालांकि, कुछ केस कोर्ट में विचाराधीन होने या राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने के कारण जटिल बने हुए हैं। प्रशासन इन पर भी लगातार काम कर रहा है। इसके अतिरिक्त, कुछ मामलों में रास्ता खुलवाने के बाद दोबारा अतिक्रमण की समस्या सामने आई है, जिस पर प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

104 नए प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश

अभियान की गति और गंभीरता को बनाए रखते हुए, बुधवार को कलेक्टर मीणा ने जिलेभर से प्राप्त 104 नए प्रकरणों को संबंधित उपखंड अधिकारियों और तहसीलदारों को भेजा है और 15 दिन में उनके समाधान के निर्देश दिए हैं।

सुलताना कस्बे में तत्काल कार्रवाई

सुलताना बायपास से सिलारपुरी जाने वाले रास्ते की शिकायत मिलते ही, कलेक्टर मीणा ने तत्काल चिड़ावा तहसीलदार कमलदीप पूनियां को कार्रवाई के निर्देश दिए। तहसील प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाकर रास्ता चालू करवाया। इसी प्रकार, राकरा जोहड़ का रास्ता भी प्रशासनिक हस्तक्षेप से खुलवाया गया।

मेहाडा जाटुवास की मुन्नी देवी को राहत

मेहाडा जाटुवास निवासी मुन्नी देवी ने शिकायत की थी कि उनके घर के सामने रास्ता पिछले 2 वर्षों से बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जेसीबी चलवाकर रास्ता खुलवाया, जिससे उन्हें आवागमन में सुविधा मिली।

डाडा फतेहपुरा में 10 साल बाद खुला रास्ता

सरपंच मनीषा यादव ने बताया कि गांव का एक रास्ता 10 वर्षों से बंद पड़ा था। पंचायत द्वारा कई बार शिकायत के बावजूद समाधान नहीं हुआ था। ‘रास्ता खोलो अभियान’ के अंतर्गत यह रास्ता खोला गया, जिसके लिए सरपंच ने मुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर का आभार व्यक्त किया।

नवलगढ़ में सर्वाधिक मामले निपटाए गए

जिले की 12 तहसीलों में से, नवलगढ़ पंचायत समिति में सर्वाधिक 11 मामले निस्तारित किए गए, जिनमें 3 सार्वजनिक और 8 व्यक्तिगत रास्ते शामिल थे। इसके अलावा, बुहाना और चिड़ावा में 7-7, खेतड़ी में 6, झुंझुनूं में 5, सूरजगढ़ व गुढ़ागौड़जी में 4-4, पिलानी, मलसीसर, बिसाऊ, उदयपुरवाटी में 2-2 और मंडावा में 1 रास्ते को खुलवाकर ग्रामीणों को राहत दी गई।

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