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राशन की दुकानों पर फिर खुलेंगे अन्नपूर्णा भंडार:70 जगह शुरू करने का प्रस्ताव; बिना राशन-कार्ड खरीद सकेंगे तेल, साबुन और मसाले


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राशन की दुकानों पर फिर खुलेंगे अन्नपूर्णा भंडार:70 जगह शुरू करने का प्रस्ताव; बिना राशन-कार्ड खरीद सकेंगे तेल, साबुन और मसाले

राशन की दुकानों पर फिर खुलेंगे अन्नपूर्णा भंडार:70 जगह शुरू करने का प्रस्ताव; बिना राशन-कार्ड खरीद सकेंगे तेल, साबुन और मसाले

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य सरकार एक बार फिर से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार शुरू करने की योजना पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। इस पहल के तहत झुंझुनूं जिले की 70 राशन की दुकानों पर अन्नपूर्णा भंडार स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इन स्टोर से लोग दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे तेल, साबुन, मसाले, बिस्किट और अन्य किराने का सामान आसानी से खरीद सकेंगे। इस योजना की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इन दुकानों से खरीदारी करने के लिए उपभोक्ताओं को अपने राशन कार्ड दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी।

झुंझुनूं की जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने कहा- शुरुआत में भंडार में कुल 10 आवश्यक घरेलू उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इन उत्पादों में खाद्य, विभिन्न प्रकार के तेल, अचार, गुड़, बिस्किट, विभिन्न प्रकार के मसाले, कपड़े धोने का साबुन और वॉशिंग पाउडर जैसी वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन सभी वस्तुओं की गुणवत्ता और दरें सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएंगी, ताकि उपभोक्ताओं का विश्वास एक बार फिर से जीता जा सके। डॉ. राठौड़ ने कहा-हमने झुंझुनूं जिले में 70 अन्नपूर्णा भंडार खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।

राशन की दुकानों पर फिर खुलेंगे अन्नपूर्णा भंडार
राशन की दुकानों पर फिर खुलेंगे अन्नपूर्णा भंडार

उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार उपलब्ध होंगे उत्पाद

इस बार अन्नपूर्णा भंडार योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब दुकानों पर वही उत्पाद रखे जाएंगे जिनकी उपभोक्ताओं द्वारा मांग की जाएगी और जो उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करते हों। यह कदम पिछली योजना से सबक लेते हुए उठाया गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में भी अन्नपूर्णा भंडार योजना शुरू की गई थी, लेकिन उच्च कीमतें और उचित प्रबंधन के अभाव के कारण वह योजना विफल रही थी। उस समय दुकानों पर उपभोक्ताओं की पसंद और जरूरत का ध्यान रखे बिना महंगे उत्पाद थोपे जा रहे थे, जिसके कारण ग्राहकों ने इन भंडारों से दूरी बना ली थी। इस बार सरकार इन पिछली कमियों को ध्यान में रखते हुए योजना को बेहतर तरीके से लागू करने पर जोर दे रही है।

योजना को सफल बनाने के लिए मांगे गए सुझाव

हाल ही में जयपुर में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अन्नपूर्णा भंडार योजना को इस बार सफल बनाना था। बैठक में वर्ष 2015 में योजना के विफल होने के कारणों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई और अधिकारियों से इस संबंध में सुझाव मांगे गए। अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि भंडारों में उपलब्ध उत्पादों की कीमतें आम आदमी की पहुंच के भीतर होनी चाहिए और उनकी गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

70 राशन दुकानों पर शुरू करने का प्रस्ताव
70 राशन दुकानों पर शुरू करने का प्रस्ताव

उन्होंने वर्तमान परिदृश्य का हवाला देते हुए कहा कि छोटे शहरों में भी मॉल संस्कृति तेजी से बढ़ रही है, जहां उपभोक्ताओं को अपेक्षाकृत कम कीमतों पर अच्छे उत्पाद मिल जाते हैं। ऐसे में, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अन्नपूर्णा भंडारों पर भी प्रतिस्पर्धी दरें हों, ताकि लोग इन दुकानों से खरीदारी करने के लिए आकर्षित हों।

राशन डीलर्स के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बनेंगे अन्नपूर्णा भंडार

अन्नपूर्णा भंडार योजना न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगी, बल्कि यह राशन डीलर्स के लिए भी आर्थिक रूप से लाभकारी होगी। वर्तमान में, राशन डीलर मुख्य रूप से गेहूं, चावल और अन्य राशन सामग्री बेचकर ही आय अर्जित करते हैं। लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद, उन्हें अन्य घरेलू उत्पादों की बिक्री से अतिरिक्त आय का एक नया स्रोत मिलेगा। इससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी और वे आर्थिक रूप से अधिक सशक्त हो सकेंगे। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को भी एक ही स्थान पर अपनी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो जाएंगी, जिससे उनका समय और प्रयास बचेगा।

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