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जैसलमेर के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से आई खुशखबरी:एक और गोडावण का हुआ जन्म, ब्रीडिंग सेंटर में अब कुनबा बढ़कर हुआ 46


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जैसलमेर के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से आई खुशखबरी:एक और गोडावण का हुआ जन्म, ब्रीडिंग सेंटर में अब कुनबा बढ़कर हुआ 46

जैसलमेर के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से आई खुशखबरी:एक और गोडावण का हुआ जन्म, ब्रीडिंग सेंटर में अब कुनबा बढ़कर हुआ 46

जैसलमेर : जैसलमेर जिले के सम गांव के पास स्थित सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से एक बार फिर खुशखबरी आई है। ब्रीडिंग सेंटर में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानी गोडावण के एक और चूजे का जन्म हुआ है। इससे पहले 9 मार्च को भी इसी सेंटर में एक चूजे का जन्म हुआ था। अब सुदासरी और रामदेवरा दोनों जगह मिलाकर गोडावण की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। नए चूजे को मादा गोडावण ‘अमन’ ने जन्म दिया है। राष्ट्रीय संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के तहत मिली इस सफलता से वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञों और प्रकृति प्रेमियों में उत्साह है।

सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में 5 साल की मादा गोडावण ‘अमन’ ने दिया था अंडा।
सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में 5 साल की मादा गोडावण ‘अमन’ ने दिया था अंडा।

1 महीने में 2 गोडावण का जन्म है सुखद संकेत

डीएनपी के डीएफओ बृजमोहन गुप्ता ने बताया- जैसलमेर के सुदासरी से आई इस खुशखबरी से हम सभी काफी उत्साहित है और सरकार द्वारा किये जा रहे गोडावण संरक्षा के प्रयास सफलता की ओर बढ़ते जा रहे हैं। एक ही महीने में 2 बच्चों का जन्म लेना एक सुखद संकेत है। इससे इनकी संख्या में वृद्धि होगी। गुप्ता ने बताया कि रामदेवरा स्थित दोनों ब्रीडिंग सेंटरों में अब कुल 46 गोडावण हो गए हैं।

इसी महीने 9 मार्च को मादा गोडावण 'रीवा' ने एक चूजे को जन्म दिया था।
इसी महीने 9 मार्च को मादा गोडावण ‘रीवा’ ने एक चूजे को जन्म दिया था।

अमन ने दिया था अंडा

इस सफलता के पीछे 5 साल की मादा गोडावण ‘अमन’ है। उसने 26 फरवरी को एक अंडा दिया था। कृत्रिम रूप से सेने के बाद 21 मार्च को इस अंडे से चूजे का जन्म हुआ, जिसे अब विशेष देखभाल में रखा गया है। इससे पहले इसी महीने 9 मार्च को मादा गोडावण ‘रीवा’ ने एक चूजे को जन्म दिया था। गौरतलब है कि वर्तमान में देशभर के जंगलों में मात्र 150 से भी कम गोडावण बचे हैं, जिससे यह बाघों से भी अधिक दुर्लभ प्रजाति बन चुकी है।

गोडावण के चूजों की विशेष देखभाल की जा रही है।
गोडावण के चूजों की विशेष देखभाल की जा रही है।

राजस्थान का राज्य पक्षी है गोडावण

गोडावण एक बड़ा पक्षी है, जिसकी लंबाई 1 मीटर और वजन 15 किलो तक होता है। यह राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के शुष्क घास के मैदानों में पाया जाता है। गोडावण राजस्थान का राज्य पक्षी भी है। जैसलमेर के थार मरुस्थल में इनकी सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। लेकिन हाई-टेंशन बिजली लाइनों और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण इनकी आबादी तेजी से घट रही है।

जैसलमेर में 174 गोडावण है

DFO गुप्ता ने बताया कि जैसलमेर में गोडावण की संख्या 174 है। जिसमें से 128 गोडावण तो फील्ड में घूम रहे हैं। वहीं 46 गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में हैं।

डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण का सबसे संरक्षित क्षेत्र

जैसलमेर का डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण का सबसे संरक्षित इलाका माना जाता है। यहां पर 70 के करीब क्लोजर है, जिसके कारण यहां पर गोडावण के प्रजनन की अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं। पार्क में बनाए गए हैचरी सेंटर में अंडों को वैज्ञानिक तरीके से सेज कर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं।

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