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सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई कल:वेटलैंड बचाने को लेकर 46 पेज का हलफनामा पेश किया, सीएस रखेंगे सरकार का पक्ष


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सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई कल:वेटलैंड बचाने को लेकर 46 पेज का हलफनामा पेश किया, सीएस रखेंगे सरकार का पक्ष

सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई कल:वेटलैंड बचाने को लेकर 46 पेज का हलफनामा पेश किया, सीएस रखेंगे सरकार का पक्ष

अजमेर : आनासागर का वेटलैंड बचाने के लिए एनजीटी के आदेशों की पालना में अब तक की गई कार्रवाई का 46 पेज का हलफनामा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिया है। इस हलफनामे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा। मुख्य सचिव कार्रवाई की जानकारी फोटोग्राफ आदि पेश करेंगे। सरकार का दावा है कि आनासागर झील को “वेटलैंड” घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

इसके दस्तावेजीकरण के लिए अब उपवन संरक्षक ने 10 मार्च 2025 को इसके लिए 12 सदस्यीय कमेटी बनाई है। कलेक्ट्रेट में बैठक हो चुकी है। कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी को पेश करेगी। कमेटी व्यापक भौगोलिक परिसीमन, प्रभाव क्षेत्र, आर्द्र भूमि का क्षेत्र, विस्तृत सर्वे रिपोर्ट, अक्षांश व देशांतर को शामिल करते हुए ब्रीफ डॉक्यूमेंट तैयार करेगी तथा अध्यक्ष के जरिए स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी को पेश करेगी। हालांकि आनासागर पहले ही वेटलैंड की सूची में है।

वेटलैंड को लेकर यह किया निर्णय

  • सेवन वंडर पार्क से सेवन वंडर की रिप्लिका हटाई गई है। कैंटीन और अन्य निर्माण तोड़े गए हैं। पूर्व और वर्तमान के फोटोग्राफ पेश किए गए हैं। सरकार कोर्ट से 6 महीने के लिए परमिशन चाहती है कि इन निर्माणों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके। सरकार नेशनल इनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के एक्सपर्ट से राय भी लेगी। सरकार ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत अब तक सेवन वंडर पर 12 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। यहां प्रतिदिन 25000 विजिटर आते हैं। सेवन वंडर को 2 महीने में तोड़ा जाएगा। तीन महीने में सेवन वंडर पार्क को ग्रीन लॉन में तब्दील किया जाएगा।
  • सरकार का आग्रह है कि पाथ वे के निर्माण को परमिट किया जाए। यह आनासागर की बाउंड्रीवाल और प्रोटेक्शन वॉल है। इसकी 6 माह में टेक्नीकल फिजिबिलिटी जांची जाएगी। झील में पानी आने और बाहर निकलने के रास्ते जांचे जाएंगे। सरकार का दावा है कि डीवीडिंग मशीन और मैनपावर के जरिए आनासागर की सफाई की जाती है। एरिएटर और फाउंटेन पर 5 करोड़ खर्च किए गए हैं। 2024 में 2.19 करोड़ से दूसरी डीविडिंग मशीन खरीदी गई है। सफाई पर 5.40 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
  • लवकुश उद्यान में बनाया गया फूड कोर्ट तोड़ा जा रहा है। इसे 2 महीने में पूरी तरह तोड़कर हटा दिया जाएगा। अब तक 650 स्क्वायर मीटर एरिया तोड़ा गया है। घास लगाने ग्रीन एरिया डेवलप किया गया है। पूर्व और वर्तमान के फोटाग्राफ भी पेश किए गए हैं।
  • आजाद पार्क / पटेल मैदान में टेबल टेनिस हॉल, स्वीमिंग पूल, सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक, लॉन टेनिस कोर्ट, बैडमिंटन हॉल, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स निर्माण के मामले में यह क्लियर नहीं है कि यह पेटल मैदान में बने हैं या आजाद पार्क में। यदि इनका निर्माण आजाद पार्क में हुआ है तो दो महीने में तोड़ा जाएगा। पटेल मैदान आजाद पार्क का एरिया रिकॉर्ड के अनुसार पोलो ग्राउंड है। यह 60000 स्क्वायर्ड एरिया मीटर है। 1800 स्क्वायर्ड एरिया मीटर ही कवर्ड है।
  • गांधी स्मृति उद्यान में भी कार्रवाई चल रही है। पाथ वे और ऑडिटोरियम बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के निर्णयों का हवाला देते हुए कहा गया है कि आवश्यक हुआ तो इसे दो महीने में तोड़ दिया जाएगा। उद्यान के 12076 स्क्वायर मीटर एरिया में से 1200 स्कवायर मीटर एरिया ही कवर्ड है। ऑडिटोरियम के अंदर कई बदलाव किए गए हैं।
  • आनासागर सेवन वंडर को 2 महीने में तोड़ा जाएगा। पार्क, ओपन स्पेस, ग्रीन बेल्ट में किए गए निर्माणों को भी दो महीने में हटाया जाएगा। आजाद पार्क में हरियाली विकसित की जा रही है। यहां निर्माण बिल्डिंग लाइन में किए गए हैं। सागर किनारे बनाया गया 9 किमी लंबा पाथ वे आनासागर की सुरक्षा दीवार है।

इन IAS अधिकारियों के हाथ में रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट…

पद पूर्व अधिकारी वर्तमान अधिकारी
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) व जिला कलेक्टर •गौरव गोयल

•आरती डोगरा•

विश्व मोहन शर्मा•

प्रकाश राजपुरोहित

•अंशदीप

• डॉ. भारती दीक्षित

लोकबंधु (आईएएस)
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ACEO) व नगर निगम आयुक्त •हिमांशु गुप्ता

• चिन्मयी गोपाल

• कुशाल यादव

• देवेन्द्र कुमार

• सुशील कुमार

देशलदान (आईएएस)
अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त • नमित मेहता

• निशांत जैन

• गौरव अग्रवाल

• रेणु जयपाल

• अक्षय गोदारा

• गिरधर

• ललित गोयल (कार्यवाहक)

• श्रीनिधि बीटी

नित्या के (आईएएस)

सेवन वंडर्स: निर्माण से तोड़ने तक की पूरी कहानी, 4 पॉइंट में…

1. परियोजना पर 11 करोड़ रुपए की लागत आई

  • स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर झील के किनारे लगभग एक हेक्टेयर जमीन पर सेवन वंडर का निर्माण किया गया। इस परियोजना पर लगभग 11 करोड़ रुपए की लागत आई। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 में इसका शुभारंभ किया था।

2. पूर्व पार्षद ने एनजीटी में रिट दायर की

  • बीजेपी के पूर्व पार्षद अशोक मलिक ने 11 मार्च 2023 को एनजीटी में रिट दायर की। उन्होंने आनासागर के आस-पास वेटलैंड को नष्ट करने और मास्टर प्लान की अवहेलना का मुद्दा उठाया। इसके बाद 11 अगस्त 2023 को एनजीटी की भोपाल बेंच ने सेवन वंडर्स पार्क समेत अन्य निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।

3. सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  • सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2025 को अधिकारियों की याचिका खारिज कर दी और एनजीटी के आदेश की पालना के निर्देश दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भले ही निर्माण सुंदर हो, लेकिन नियमों का उल्लंघन होने पर उसे तोड़ना अनिवार्य है।

4. 87 लाख रुपए सालाना में दिया था ठेका

  • 2 जनवरी 2023 से अजमेर विकास प्राधिकरण ने सेवन वंडर्स में वयस्कों के लिए 10 रुपए और बच्चों के लिए 5 रुपए प्रति सदस्य प्रवेश शुल्क लगाया। इसके लिए 87 लाख रुपए सालाना में ठेका दिया गया। यह ठेका पांच साल के लिए था। सुबह 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक खोलने की व्यवस्था की। ठेकेदार ने इसे करीब दो साल चलाया और अब सोमवार से बंद कर दिया गया

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