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कैग की नजर में खादिमों की दोनों संस्थाएं अंजुमन:पांच साल की करेंगी ऑडिट, जांचेगी कहां से आ रहा पैसा


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कैग की नजर में खादिमों की दोनों संस्थाएं अंजुमन:पांच साल की करेंगी ऑडिट, जांचेगी कहां से आ रहा पैसा

कैग की नजर में खादिमों की दोनों संस्थाएं अंजुमन:पांच साल की करेंगी ऑडिट, जांचेगी कहां से आ रहा पैसा

अजमेर : वित्त मंत्रालय भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग की बजट डिवीजन ने कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल आफ इंडिया (कैग) को खादिमों की दोनों संस्थाएं अंजुमन सैयदजादगान और अंजुमन शेखजादगान के 5 साल यानी वित्तीय वर्ष 2022 से 2025-26 की ऑडिट करने के आदेश दिए हैं।

इस आदेश की अनुपालना में पिछले दिनों एक स्पेशल टीम ने अजमेर पहुंचकर दरगाह नाजिम कार्यालय में अफसरों से मुलाकात की थी। टीम पहली बार अजमेर बंद के दौरान दरगाह पहुंची थी। कैग के स्पेशल ऑफिसर्स की इस टीम में प्रवीण कुमार वर्मा सहित दो अन्य अफसर शामिल थे।

कैग की टीम ने स्पष्ट किया कि दोनों अंजुमन कमेटियों की पिछले पांच सालों की ऑडिट की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि दोनों अंजुमनों को फंड कहां से मिलता है और उसे कैसे खर्च किया जाता है। जायरीन की सुविधाओं पर अब तक कितना खर्च किया गया है।

यह भी ऑडिट का हिस्सा रहेगा कि कौन-कौनसे देशों से यहां फंडिंग होती है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कैग की टीम यह भी देखेगी क्या दोनों अंजुमन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट और अपने नियमों के अनुसार काम कर रही हैं या नहीं? यह भी जांच का विषय रहेगा कि क्या उन्हें दरगाह में आने वाले रुपयों को लेने का अधिकार है या नहीं।

यदि अंजुमनों ने अपनी पांच साल की ऑडिट में दरगाह से आमदनी दिखाई है, तो वह किस अधिकार के तहत ली गई है। यह पूरी जांच का मुख्य बिंदु रहेगा। बता दें कि आज तक सरकार ने दरगाह की संस्थाओं की ऑडिट इतने बड़े पैमाने पर करने का निर्णय नहीं लिया। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब ऑडिट के लिए कैग की टीम यहां पहुंची है।

मालूम हो दरगाह का भीतरी इंतजाम देखने के लिए केंद्र सरकार ने दरगाह कमेटी बना रखी है। कमेटी ने दान पात्र लगा रखे हैं जिनमें डाली जाने वाली तमाम राशि दरगाह कमेटी की होती है जिसका हिसाब किताब केंद्र सरकार देखती है। सुविधाओं पर खर्च किया जाता है।

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