फ्रांस के दल ने देखी सबसे बड़ी कुरआन:देश-विदेश के करीब 12 लाख से अधिक लोग इसे देख चुके हैं
फ्रांस के दल ने देखी सबसे बड़ी कुरआन:देश-विदेश के करीब 12 लाख से अधिक लोग इसे देख चुके हैं

टोंक : मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान में गुरुवार को फ्रांस का छह सदस्यीय दल दुनिया के सबसे बड़े साइज के कुरान को देखने पहुंचा। इस दल को मौलाना जमील व सैयद बदर अहमद सहित यहां के स्टाफ ने इस कुरआन के बारे में जानकारी दी। यहां मौजूद दुर्लभ ग्रंथ को भी दिखाया। शोध संस्थान देखकर फ्रांस के दल ने यहां की सराहना की।
उल्लेखनीय कि पिछले माह भी फ्रांस का दल यहां कुरआन देखने आया था। शोध संस्थान को देखने देश-विदेश के लोग निरंतर यहां आते रहते हैं। यहां की स्थिति रिक्त पदों के कारण खराब बनी हुई है। यहां रिक्त पदों के कारण कभी भी ताले लग सकते हैं। बहरहाल दुनिया के सबसे बड़े साइज की कुरआन व राजस्थान में सबसे अधिक हाफिजों के कारण टोंक की पहचान देश-विदेश में बनी हुई है। यहां देश-विदेश के शोध कार्य के लिए भी आते हैं।
उल्लेखनीय की दुनिया की सबसे बड़े साइज की कुरआन में सांगानेर के कागज का इस्तेमाल हुआ है। टोंक के मौलाना जमील के सुपरविजन में उनके भाई गुलाम अहमद, परिजनों व अन्य के सहयोग से यह कुरआन दो साल में तैयार हुई। इसे चित्तौड़ के सावा निवासी मरहूम हाजी शेर मोहम्मद खां ने बनवाया था। 2014 से यह मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान टोंक में बेहद अदब से सुरक्षित रूप से रखी है।
मौलाना जमील ने बताया कि यह कुरआन जर्मन की स्याही से लिखी गई है। हर पेज की डिजाइन और कैलीग्राफी अलग-अलग है। इसकी हर लाइन अलिफ से शुरू होती है। इसमें 18 शीट का इस्तेमाल हुआ है। 64 पेज और 32 वर्क की यह कुरआन बहुत अदब से तैयार की गई। इसे लिखने में पूरी सावधानी बरती गई। इसे सुरक्षित रखने के लिए खास इंतजाम किए गए। इसका कागज करीब 400 साल तक सुरक्षित रह सकता है। इसके लिए विशेष शोकेस भी तैयार किया गया, जिसमें इसे रखा गया है। इस पवित्र कुरआन के शोकेस व पेज को खोलने के लिए भी 8-10 लोगों की जरूरत होती है।
सबसे बड़े साइज की कुरआन है मौजूद
विश्व विख्यात मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान में दुनिया की सबसे बड़े साइज की माने जानी वाली कुरआन मौजूद है। लेखक एम. असलम ने बताया कि इस कुरआन की साइज 10 फीट 5 इंच लंबी, 7 फीट 6 इंच चौड़ी है। इसके अलावा इतने साइज की कुरआन और कहीं नहीं हैं। इसको 2014 से अब तक देश-विदेश के करीब 12 लाख से अधिक लोग इसे देख चुके हैं।