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पत्नी के निधन के 12 घंटे बाद पति की मौत:ग्रामीणों ने गाजे-बाजे से निकाली अंतिम-यात्रा, एक ही चिता पर दी विदाई


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पत्नी के निधन के 12 घंटे बाद पति की मौत:ग्रामीणों ने गाजे-बाजे से निकाली अंतिम-यात्रा, एक ही चिता पर दी विदाई

पत्नी के निधन के 12 घंटे बाद पति की मौत:ग्रामीणों ने गाजे-बाजे से निकाली अंतिम-यात्रा, एक ही चिता पर दी विदाई

नीमकाथाना : नीमकाथाना के पास पूंछलावाली गांव में प्रेम और साथ निभाने की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली। यहां 100 वर्षीय बिरदी देवी और 102 वर्षीय श्रीनारायण यादव ने साथ-साथ दुनिया को अलविदा कह दिया।

बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे बिरदीदेवी का निधन हुआ, और महज 12 घंटे बाद गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे उनके पति श्रीनारायण यादव भी संसार छोड़कर चले गए। पत्नी के वियोग में पति की मृत्यु ने पूरे गांव को भावुक कर दिया।

परिजनों ने गाजे-बाजे, भजन-कीर्तन के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली।
परिजनों ने गाजे-बाजे, भजन-कीर्तन के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली।

80 साल तक चला रिश्ता, मरते दम तक निभाना साथ

इस दंपति का दांपत्य जीवन 1945 में आजादी से भी पहले शुरू हुआ था। 80 वर्षों तक दोनों ने हर सुख-दुख में साथ निभाया, और अंत में भी साथ-साथ दुनिया से विदा हो गए।

इनकी विदाई ने पूंछलावाली ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों को भी भावनाओं से भर दिया। गांववासियों और परिजनों ने गाजे-बाजे, भजन-कीर्तन के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली। दोनों की चिताएं अगल-बगल रखकर अंतिम संस्कार किया गया, जिससे यह जोड़ी मृत्यु के बाद भी एक-दूसरे के साथ बनी रही।

30 सदस्यों का भरा-पूरा परिवार

इस दंपति का परिवार 30 सदस्यों का है, जिसमें बड़ा बेटा 70 वर्ष के हैं।​​​​​​​ 6 पौत्र, 4 पड़पौत्र और 3 पड़ पौत्रियां हैं। 1945 में विवाह बंधन में बंधे इस जोड़े ने 80 सालों तक साथ निभाया। गांववालों का कहना है कि यह जोड़ी सच्चे प्रेम और समर्पण की मिसाल थी। उनका यह अमर प्रेम पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।

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